बेटियां कब बड़ी हो जाती हैं, वाकई माता-पिता को पता ही नहीं चलता। कभी अपनी गुडि़या को संवारने वाली टीन एज के आते-आते खुद का मेकअप करना चाहती हैं। बड़ी लड़कियों की तरह सजना-संवरना और उनकी तरह दिखना उन्हें काफी पसंद आता है। लेकिन बतौर अभिभावक अक्सर हम यह तय नहीं कर पाते कि हमारे बच्चों खासकर लड़कियों के लिए कब अपने ऊपर इतना समय देना सही है। आइए इस बारे में जानते हैं स्कूलमाईकिड्स के साथ।
मेरी बेटी फिलहाल 8 साल की है, लेकिन जैसे कि वह यूट्यूब पर कोई वीडियो देखेगी या फिर किसी फिल्म में अभिनेत्रियों को सजा-संवरा हुआ देखेगी तो तुरंत ही मुझसे प्रश्न करेगी, ‘मम्मी मैं कब ऐसे तैयार हो सकती हूं?’ मेरी बेटी के इस सवाल का जवाब मेरे पास भी नहीं होता। मुझे लगता है, ‘अभी उसकी उम्र ही क्या है? सजने के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है, अभी पढ़ाई पर उसका ध्यान होना चाहिए।‘
उम्र के साथ बदलते पड़ाव :
1. 8-9 साल की उम्र में
अगर बच्चों में मानसिक विकास के मुख्य पड़ावों की बात करें तो किशोरावस्था से पहले का समय (preteen) 8 वर्ष के साथ ही शुरू हो जाता है, जहां उनका दिमाग दूसरों से अपनी तुलना करना शुरू कर देता है। जैसा कि हम सब जानते हैं, लड़कों की तुलना में लड़कियों में किशोरावस्था के बदलाव अधिक दिखाई देते हैं, जिनकी शुरुआत एकदम रातों-रात नहीं होती, बल्कि जब आपकी बेटी आपके गहनों और मेकप-अप के सामान पर ध्यान देना शुरू कर दे और आपके तैयार होने में उसकी दिलचस्पी बहुत अधिक बढ़ने लगे तो सोच लें कि बच्चे में बदलाव होने शुरू हो चुके हैं।
2. 10-11 साल की उम्र में
इसके बाद 10 साल की उम्र आते-आते आप चाहें या न चाहें बच्चों का अपने जीवन पर 50 प्रतिशत तक नियंत्रण हो जाता है। जैसे कि वे अपनी पसंद के कपड़े ही पहनना चाहते हैं। स्कूल के अलावा वे कैसे दिखें, इसका फैसला भी वे स्वयं करते हैं। इस उम्र में बच्चे अधिक दिमागी, शारीरिक, भावुक और सामाजिक तौर पर अधिक समझदार हो जाते हैं। इस उम्र के बच्चियों के माता-पिता अक्सर उनके सजने-संवरने को लेकर उनसे काफी उलझते हैं। जहां एक तरफ माता-पिता अपने बच्चों पहले जैसा देखना चाहते हैं, वहीं बच्चे तेजी से नए माहौल में खुद को ढालने के लिए इच्छुक होते हैं।
लेकिन इस बात में कोई शक नहीं कि ये उम्र मेकअप करने के लिहाज से बिल्कुल भी सही नहीं है। ऐसे में बच्चों का ध्यान काफी हद तक पढ़ाई और अन्य जरूरी गतिविधियों से हट कर अप्राकृतिक सौन्दर्य की ओर आकर्षित हो जाता है। ऐसे में माता-पिता होने के नाते आप स्पष्ट शब्दों में अपनी बेटी को ‘न’ कह सकते हैं, खासकर तब जब बात आपके बच्चे की सेहत, सुरक्षा और परिवार के मूल्यों की हो।
3. 12-13 साल की उम्र में
अन्य शारीरिक, मानसिक और मनोभावों में बदलावों के चलते इस उम्र के बच्चे पहले से काफी भिन्न होते हैं। उनका ध्यान अपने शरीर और सुंदरता पर अधिक जाता है, जो काफी स्वाभाविक है। ऐसे में उन्हें खुद में जो कमी लगती है या वे जिस चीज को और सुंदर दिखाना चाहते हैं, उसके लिए वे मेकअप, बालों के स्टाइल और डिजाइनर कपड़ों का सहारा लेना चाहते हैं। ऐसे में आपको अपनी बच्ची से आराम से बैठकर बातचीत करनी चाहिए और आप उसे किस-किस चीज की अनुमति दे सकते हैं, इस बारे में जरूर बताएं। बच्चों की इच्छाओं पर चिल्लाने से कुछ नहीं होने वाला, बल्कि इससे आप दोनों के संबंधों में दूरी आ सकती है।
आप अपनी बेटी से इस बारे में बात करें कि आपको नहीं लगता कि उसे अभी स्कूल या किसी अन्य क्लास में जाने के लिए मेकअप की जरूरत है। हां, यह भी बताएं कि आप चाहते हैं कि वे दूसरों से बेहतर दिखे, उसके लिए वह अच्छे कपड़े पहन सकती है, लेकिन डिजाइनर कपड़ों या किसी अन्य स्टाइलिंग की उसे जरूरत नहीं है। और अगर वह अपनी इस इच्छा को पूरा करना चाहती है तो वह जब घर पर हो तो अपने कपड़ों और मेकअप के साथ प्रयोग कर सकती है, लेकिन बाहर जैसे कि स्कूल, पारिवारिक कार्यक्रम या शॉपिंग आदि के लिए भी आप उसे लिपस्टिक या अन्य सौन्दर्य उत्पादों का प्रयोग नहीं करने दे सकते।
4. 14-15 साल की उम्र में
आमतौर पर इस उम्र की बच्चियां माता-पिता चाहें या न चाहें, हल्का-हल्का मेकअप करना शुरू कर ही देती हैं। जैसे कि लिपस्टिक के स्थान पर लिपबाम का इस्तेमाल, आईलाइनर की जगह काजल का इस्तेमाल आदि। इसके अलावा स्कूल से आते ही वे अपने बालों के स्टाइल को भी तुरंत ही बदलना चाहती हैं। ऐसे में अगर उन्हें कहीं भी बाहर जाना है तो सबसे पहले वे अपने बालों में स्टाइल बनाएंगी और फिर कहीं जाकर तैयार होंगी।
ऐसा ही कुछ मेरी दोस्त की एक बेटी भी करती है। जिसकी उम्र ज्यादा नहीं, सिर्फ 14 साल है और तो और वह किसी पारिवारिक कार्यक्रम में जाने से पहले अपनी मम्मी के मेकअप बॉक्स में से ब्लशर और हाईलाइटर दोनों का इस्तेमाल भी जरूर करती है। शायद यही वजह है कि वह अपनी उम्र से दो-तीन साल बड़ी लगती है।
इसके बाद की उम्र में आते-आते सभी बच्चे पार्लर और सलौन तो जाते ही जाते हैं, साथ ही वहां से मेकअप के टिप्स और ट्रिक्स सीख कर अपने पूरे भी अजमाते हैं।
कैसे समझाएं बच्चों को:
जहां हमने बच्चों की उम्र के अनुसार उनकी मेकअप में दिलचस्पी के बारे में बात की, वहीं यह भी जरूरी है कि आप अपनी बेटी को सही तरीके से इस बारे में समझा भी पाएं।
बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार ही टेलीविजन पर कार्यक्रम देखने चाहिए। इस बात को काफी देखा गया है कि जहां बच्चे बड़ों के कार्यक्रम देखते हैं, तो वे खुद को भी बड़ों की तरह ही देखने लग जाते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपकी बेटी भी मेकअप, हेयर स्टाइलिंग या डिजाइनर ड्रेसेज के बारे में ज्यादा न सोचे तो उसे बच्चों वाले कार्यक्रम ही देखने के लिए प्रेरित करें।
1. मेकअप कब-कब कर सकते हैं, इसके नियम तय करें
बेहद जरूरी है कि आप आपकी बेटी जानती हो कि आप उसे कब-कब और कहां मेकअप करने की इजाजत दे सकते हैं। जैसे कि किसी पारिवारिक कार्यक्रम में या फिर स्कूल के किसी कार्यक्रम में जहां जरूरी हो।
2. किस उम्र के लिए कितना मेकअप सही है
आज के समय में आप बच्चों से यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वे आपकी तरह ही हर काम को करें। हो सकता है कि आपने कॉलेज या फिर उसके भी बाद पहली बार मेकअप किया हो, लेकिन आज का समय बदल चुका है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी बेटी को कितना मेकअप वह कर सकती है, इसके बारे में जरूर बताएं।
3. उसे घर पर करने दें मेकअप
कई बार बच्चों की दिल की बात को दबाने से वह बात में बहुत गंभीर समस्या बन जाती है। इसीलिए अगर आपकी बेटी के मन में भी तैयार होने और मेकअप करने की इच्छा हो तो उसका सम्मान करते हुए आप उसे कहें कि वह घर पर ही मेकअप कर सकती है। आप उसे मेकअप के साथ बाहर जाने की इजाजत नहीं दे सकते।
4. चोरी पकड़ने पर उसे नाराजगी जताएं
अक्सर देखा गया है कि बच्चों की मेकअप आदि से संबंधित चोरी पकड़ी जाने पर माता-पिता काफी नराज होते हैं और कुछ तो अपने बच्चे से उसका सारा सामान भी ले लेते हैं। इसकी जरूरत नहीं है। अगर बच्चे ने कभी आपसे छुपा कर लिपस्टिक स्कूल में लगा भी ली हो तो आप उसे इस बार चेतावनी दें और बताएं कि आप उससे नाराज। इसके लिए उन्हें कोई कड़ी सजा न दें।
आप अपनी बेटी के दोस्त बन कर उसे इसके लिए सही समय आने के बारे में बता सकते हैं, अगर आप हर बार उसे रोकने का प्रयास करेंगे, तो यह तो तय है कि आप इस लड़ाई में हारने वाले हैं।