बचपन बहुत ही अजीब होता है, कभी बच्चे बहुत शांत और समझदार नजर आते हैं तो कभी वही बहुत ही अलग ढंग से पेश आते हैं। खूबसूरत बचपन में कई बार ऐसी भी स्थिति होती है, जो माता-पिता को बिल्कुल हैरान और परेशान कर देती है, जैसे कि बच्चे का रात को 3 बजे उठ जाना, किसी दूसरे के पास जाते है, जोर-जोर से रोना या बैठे-बैठे चीजों को नीचे फेंकना। आइए जानते हैं, ऐसी ही कुछ स्थितियों के बारे में ताकि आप आसानी से अपने बच्चे की मदद कर सकें।
छोटे बच्चों की अजीबो-गरीब स्थितियां
1 स्थिति: बच्चा बार-बार चीजों को फेंकता है।
- कब से: लगभग 6 महीने की उम्र से बच्चे ऐसा करते हैं।
- क्यूं: जब बच्चे बेहद छोटे होते हैं और वे किसी खिलौने को नीचे फेंकते हैं तो उन्हें लगता है वह खिलौना वहां से चला गया। लेकिन जैसे-जैसे वे बढ़े होते हैं, उन्हें समझ में आने लगता है कि नीचे गिरने के बाद भी चीजें बच जाती हैं, भले वे उसे देख न पा रहे हों। वे जानते हैं कि मम्मी-पापा उस चीज को वहां से उठा लेते हैं, जब भी वे कुछ फेंकते हैं। और बच्चे के लिए यह एक खेल बन जाता है।
- कैसे संभालें स्थिति: हमेशा चीजों, खिलौनों और कपड़ों आदि को उठाते रहना काफी थका देने वाला काम है। आप जितनी बार भी उसकी फेंकी चीजों को उठाएंगे उसे अपनी ताकत का अहसास होगा। ऐसे में जब भी आपका बच्चा खाने की किसी चीज या बर्तन को धकेलता है तो आप उस समय उसकी चीज को खाएं। ऐसे में उन्हें लगेगा कि उनकी चीज तो अब खत्म हो गई है। और वे चीजें फेंकने के नुकसान को भी आराम से समझेंगे।
2. स्थिति: बच्चे खाने से ज्यादा चीज को फैलाते हैं।
- कब से: 7 से 9 महीने के उम्र से
- क्यूं: आपको क्या लगता है कि भोजन के वक्त आपका बच्चा खाना खाना चाहता है? बिल्कुल भी नहीं। छोटे बच्चों के लिए खाना भी मनोरंजन का एक अलग ही तरीका है। छोटी-छोटी उंगलियों में कभी ठोस तो कभी तरल खाना जब लगता है तो यह उनके लिए एक खेल होता है। उसकी आवाज से भी वे काफी आकर्षित होते हैं, साथ ही अपने चेहरे पर खाना लगाने से उन्हें खुशी का अहसास होता है। क्यूंकि अक्सर बच्चों के चेहरे पर गीली चीज लगने से उन्हें ठंडक मिलती है। साथ ही छोटे बच्चे जब खुद खाना खाते हैं तो उन्हें आत्म-निर्भर होने का भी अहसास होता है।
- कैसे संभालें स्थिति: बच्चों को चम्मच पकड़ने से रोकने की कोशिश न करें। आपके बच्चे के लिए खुद से खाने की कोशिश करना बेहद जरूरी है। बच्चे के दूसरे जन्मदिन तक उसका तालमेल बिल्कुल सही हो जाएगा और वह खुद से खाना भी सीख जाएगा। अगर आपका बच्चा प्लेवे तक भी खुद से ठीक से खाना न खा पाए तो भी परेशान होने की जरूरत नहीं है।
3. स्थिति: जब भी कोई नया व्यक्ति बच्चे को पकड़ता है तो वह रोने लगता है।
- कब से: 7 महीने की उम्र से
- क्यूं: कुछ बच्चे किसी का भी हाथ पकड़ कर चल देते हैं तो कुछ नए चेहरों को देखकर घबरा जाते हैं। हो सकता है आपका बच्चा भी ऐसा हो। हो सकता है कि किसी पारिवारिक सम्मेलन या पार्टी में मिल कर बच्चा यह सीख जाए कि वह किसे जानता है और किसे नहीं। अक्सर बच्चे किसी नए चेहरे को देखकर माता-पिता के साथ चिपक जाते हैं या जोर जबरदस्ती करने पर रोने भी लगते हैं।
- कैसे संभालें स्थिति: लगभग डेढ़ साल तक बच्चे अपरिचित चेहरों को देखकर घबराते हैं। ऐसे में माता-पिता होने के नाते आपको अपने बच्चे को दूसरों से मिलना-जुलना सिखाना चाहिए। अगर आपका कोई दोस्त या पड़ोसी बच्चे को प्यार करने के लिए आगे आए तो आप बच्चे को उसे उठाने दें। बच्चा अगर रोने लगे तो एकदम से बच्चे को वापिस लेने के लिए न दौड़ें। बच्चे को दूसरों से संपर्क बनाने का मौका दें। हो सकता है कि बच्चा कुछ ही देर में शांत हो जाए और उनके साथ खेलने लगे।
4. स्थिति: बच्चा अचानक से रात को तीन बजे उठ जाता है।
- कब से: लगभग 9 माह की उम्र से
- क्यूं: बच्चे में शारीरिक और मानसिक विकास लगातार चलता रहा है और हो सकता है कि आपका बच्चा बेहद जल्द खड़ा होना शुरू कर दे। जब बच्चे किसी भी कौशल में अपनी पूरी ऊर्जा लगाते हैं तो उससे दूसरे क्षेत्रों जैसे कि उनकी नींद के मामले में वे पहले जैसी स्थिति में पहुंच जाते हैं।
- कैसे संभालें स्थिति: रात में जब भी आपका बच्चा जागे तो उसे जल्दी से जल्दी सहज करें और उसे सोने के लिए कहें। आप कमरे से बाहर चलें जाएं ताकि बच्चा जल्दी से दोबारा सो सके। जितना ज्यादा माता-पिता बच्चे के साथ रूकेंगे, उसकी नींद उतनी कम हो जाएगी और वह खेलने को कहेगा। आप बच्चे की पहली वाली नींद की रूटीन ही चलाएं। आप देखेंगे कि कुछ ही सप्ताह में बच्चा पहले की तरह अच्छे से सोने लगेगा।
5. स्थिति: बच्चा माता-पिता दोनों में से किसी एक को ज्यादा पसंद करने लगता है।
- कब से: लगभग 8 से 9 महीने की उम्र में
- क्यूं: इस उम्र का बच्चा समझने लगता है कि माता-पिता दोनों का देखभाल का तरीका अलग है और वह इस तरीके को पसंद करने के तहत माता-पिता दोनों में से किसी एक को चुनने लगता है। ज्यादातर ऐसे में बच्चे उसे चुनते हैं जो उनके साथ घर पर ज्यादा समय बिताता है।
- कैसे संभालें स्थिति: अगर आपका बच्चा आपको कम तरजीह दे रहा है तो परेशान न हों। बहुत जल्दी आपका बच्चा पहले जैसी स्थिति में वापिस आ जाएगा। बच्चे के साथ खुद के प्रति अधिक लगाव करने के लिए जबरदस्ती न करें। बजाए उसके बच्चे के साथ अधिक समय बिताने के बारे में सोचें। हो सके तो सभी मिलकर एक साथ समय बिताएं। धीरे-धीरे माता-पिता दोनों में से जिसके पास बच्चा कम रहता है, वह अपने लिए जगह बनाए। बेहतर यह है कि दोनों एक-एक कर बच्चे को खिलाने, नहलाने, सुलाने और घुमाने का काम करें, ताकि बच्चा दोनों के साथ घुल-मिल सके।
6. स्थिति: जैसे ही आप कहीं जाने लगते हैं तो बच्चा जोर-जोर से रोता है।
- कब: लगभग 9 महीने की उम्र से शुरू और कई बार 10 से 18 महीने के बच्चे काफी बुरी तरह से रोते हैं।
- क्यूं: बच्चों को लगता है कि आप उन्हें छोड़कर चले जाएंगे, क्योंकि आप उसे कुछ देर के लिए साथ नजर नहीं आते। ऐसे में बच्चा आपको बाथरूम तक भी अकेले नहीं जाने देता। आप उसे टाटा कह ही नहीं सकते, वो तुरंत रोने लगता है।
- कैसे संभालें स्थिति: अगर आपको कभी कोई काम करने के लिए बच्चे को छोड़ना हो तो भी आप उससे रसोई या बाथरूम से बातें करते रहें। ऐसे में बच्चे को लगता है कि आप उसके करीब ही हैं। साथ ही आप जब भी वापिस आएं तो उसे प्यार से अपने पास बैठाएं और बताएं कि आप उसे छोड़कर कहीं नहीं जा रहे। अगर आपको अपने बच्चे को किसी के पास छोड़कर कुछ समय के लिए घर से बाहर जाना हो तो आप बच्चे को उस व्यक्ति के साथ कुछ समय पहले से ही बिठाएं ताकि बच्चा उनके साथ सहज हो सके। आप ऐसे में बच्चे को टाटा कहने की बजाए उसे गुड नाइट जैसे शब्द कहें, क्योंकि इससे उसे लगेगा कि आप पास में ही है, कहीं जा नहीं रहे। ऐसे बच्चे जो बड़े परिवार में रहते हैं, वे जल्दी से इस प्रकार की बेचैनी से बाहर निकल आते हैं।
7. स्थिति: बच्चा सब कुछ मुंह में डालता है।
- कब से: 3 से 4 महीने की उम्र से
- क्यूं: छोटे बच्चे जब अपने पैर या अपने खिलौने का मुंह में डालते हैं तो वे उसके प्रकार के बारे में समझने की कोशिश करते हैं। वे जानना चाहते हैं कि क्या मैं उसे खा सकता हूं या नहीं। क्योंकि बच्चे सवाल नहीं कर सकते तो वे खुद से चीजों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं।
- कैसे संभालें कोशिश: बच्चे की पहुंच से खतरनाक चीजों को दूर रखें। इसमें छोटे से छोटे पुर्जे और नुकीली चीजें जैसे कि कैंची, स्टेप्लर, कील आदि भी शामिल है। इसके अलावा साफ-सफाई की चीजें भी शामिल हैं। आपका बच्चा अपने छोटे से मुंह में इनमें से कोई भी चीज डाल सकता है, इसीलिए सभी चीजों को उसकी पहुंच से दूर हटा दें। जब बच्चा चलना और बात करना शुरू कर देते हैं तब जाकर बच्चा हर चीज को मुंह में डालना बंद कर देता है, लेकिन तब इस बात का ध्यान माता-पिता को रखना है कि अब उनके बच्चे की पहुंच पहले से ज्यादा बढ़ गई है। इसीलिए वे सभी हानिकारक चीजों को और भी संभाल कर रखें।
हालांकि बच्चे में इस प्रकार के व्यवहार के और भी कई कारण हो सकते हैं। इसीलिए किसी भी स्थिति को संभालने से पहले उसके कारण का पता लगाएं। और अगर कोई भी ठोस कारण न मिलने पर भी बच्चे का व्यवहार कुछ दिनों तक ऐसा ही चले और बच्चा अधिक परेशान न हो तो आपको भी ज्यादा बेचैन होने की जरूरत नहीं है। आपका बच्चा बिल्कुल स्वस्थ और सुरक्षित है। पर अगर स्थिति आपके नियंत्रण से बाहर हो तो बच्चे के डॉक्टर से जरूर बातचीत करें।