7 बेस्ट तरीके बच्चों को घर पर व्यस्त रखने के: कोरोना वायरस ब्रेक mein bacho ko busy rakhne ke tarike

By Ruchi Gupta|6 - 7 mins read| December 07, 2024

कोरोना वायरस को देखते हुए दिल्ली सहित कई अन्य राज्यों में भी बच्चों को स्कूल से छुट्टियां मिल गई हैं। न परीक्षाओं की चिंता और न ही नए सेशन की टेंशन। ऐसे में माता-पिता के लिए बहुत मुश्किल है, बच्चों को घर पर बिठाए रखना। स्कूलमाईकिड्स आपकी इस समस्या के लिए बेहद दिलचस्प विकल्प लेकर आया है, जिनके माध्यम से आप बच्चों के लिए यह छुट्टियां बेहद खास और यादगार बना सकते हैं।

घर में रहने के दौरान कोरोना वायरस से संबंधित इन दिशानिर्देशों को ध्यान में रखें

  • यदि आप सार्वजनिक रूप से बाहर जाना चाहते हैं तो दूसरों से लगभग छह फीट की दूरी रखकर सामाजिक दूरी का अभ्यास करें।
  • कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को अक्सर साबुन और पानी से धोएं, विशेष रूप से सार्वजनिक स्थान पर रहने के बाद, या अपनी नाक बहने, खांसने या छींकने के बाद।
  • यदि साबुन और पानी आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, तो कम से कम 60% अल्कोहल के साथ एक हाथ प्रक्षालक का उपयोग करें।
  • अपनी आंखों, नाक या मुंह को अनचाहे हाथों से छूने से बचें।
  • जो लोग बीमार हैं उनसे निकट संपर्क से बचें।
  • खांसने या छींकने पर अपनी नाक और मुंह को एक ऊतक से ढकें; उपयोग किए गए ऊतकों को कचरे में फेंक दें।
  • स्वच्छ और कीटाणुरहित छुआने वाली सतहों को रोजाना साफ करें – कीटाणुशोधन से पहले डिटर्जेंट या साबुन और पानी का उपयोग करें। इसमें टेबल, डॉर्कबॉब्स, लाइट स्विच, हैंडल, डेस्क, कंप्यूटर, फोन, कीबोर्ड, सिंक, शौचालय, नल और काउंटरटॉप शामिल हैं।

कोरोना वायरस ब्रेक में बच्चों को घर पर बिजी रखने के 7 तरीके

बच्चे स्कूल जा नहीं सकते और कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए आप उन्हें बाहर भेजना नहीं चाहते। ऐसे में घर पर ही कुछ खास गतिविधियों के साथ बच्चों को व्यस्त रखा जा सकता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही एक्टिविटीज (Activities) के बारे में

1. पेपर क्राफ्ट

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पेपर क्राफ्ट बेहद दिलचस्प एक्टिविटी है, जो बच्चों की उम्र के हिसाब से आप अलग से डिजाइन कर सकते हैं। छोटे बच्चों को आप ऑरिगेमी की आसान ट्रिक्ससीखा सकते हैं, जबकि टीन एन बच्चे कोलाज, पेपर फोल्डिंग, गिफ्ट रैपिंग और वॉल हैंगिंग, फोटो फ्रेम जैसी कई चीजें बना सकते हैं। आप चाहें तो पहले बच्चों को सिर्फ अखबार की मदद से इन्हें बनाने का अभ्यास कराएं। इसके लिए आप यूट्यूब की मदद भी ले सकते हैं। अगर बच्चे फीनिशिंग के साथ इसे बनाने लगें तो आप उन्हें रंगीन पेपर दें, जिसे वे अन्य सजावटी चीजों से सजाएं भी।

2. कैलिग्राफी

आपके बच्चे की लेखनी सुंदर करने का यह सबसे बेहतर मौका है। जब बिना किसी दबाव या समय सीमा के आप बच्चे को सुंदर से सुंदर लिखना सीखा सकते हैं। इसके लिए आप ऑनलाइन कैलिग्राफी की वर्क शीट्स को प्रिंट कर, उन्हें अपने बच्चे को दे सकते हैं। अगर आपका बच्चा बड़ा है तो आप बच्चे को अलग-अलग तरह के कैलिग्राफी में इस्तेमाल होने वाले पेन भी दिला सकते हैं। बस आपको कोशिश यही करनी है कि बच्चा इसमें धीरज बनाए रखते हुए इसका अभ्यास करे।

3. स्टोरी रीडिंग

स्कूली दिनों में बच्चों को आप होमवर्क या टेस्ट की तैयारी के अलावा कुछ खास नहीं करा पाते। अभी बिल्कुल सही टाइम है, बच्चों को कहानी पढ़ाने और उनसे सीख लेने का। आप बच्चों को कहानी की किताबें ला कर दे सकते हैं, जिनमें पंचतंत्र की कहानियां, अकबर-बीरबल की कहानियां, तेनाली रामा के अलावा लेखक रस्किन बॉन्ड आदि की बाल कहानियां भी पढ़ने को दे सकते हैं। इस एक्टिविटी को और दिलचस्प बनाने के लिए आप बच्चे को खुद से कहानी लिखने के लिए भी प्रेरित करें। अगर अब भी बच्चे की दिलचस्पी कम हो तो आप उन्हें इसे अपने मोबाइल फोन, कंप्यूटर या लैपटॉप में रिकॉर्ड करने की अनुमति भी दें। जब बच्चे अपनी आवाज में कहानियां सुनेंगे तो वे और भी कहानियों की रिकॉर्डिंग करना चाहेंगे।

4. ट्रेजर हंट

बचपन में हम सभी ने कभी न कभी यह खेल जरूर खेला है। इसके लिए आप अपने बच्चे से उसकी पसंदीदा चीज लाने को कहें और उसे कहीं छुपा दें। अब बच्चे को इसे खोजना होगा, जिसके लिए आप उसे चिट के रूप में एक के बाद एक संकेत देंगे। ध्यान रहे कि पहला संकेत दूसरे संकेत की ओर इशारा करता हुआ होना चाहिए। अंत में जब बच्चा अपनी पसंदीदा चीज को खोज लेगा तो यह उसके लिए किसी खजाने की खोज से कम नहीं होगा। इसे और भी दिलचस्प बनाने के लिए आप इसमें संकेत के तौर पर कुछ कठिनाईयों या कार्यों को भी शामिल कर सकते हैं, जैसे कि बच्चे को अगला संकेत तब मिलेगा, जब वह पौधों को पानी देगा या आप उसे कोई 5-6 पंक्तियों वाली कविता या निबंध भी सुनाने को कह सकते हैं। इस खेल को 7 साल से अधिक उम्र के बच्चे आसानी से खेल सकते हैं।

5. गेम बॉक्स

बच्चों को बेकार की चीजों के साथ क्रिएटिविटी करना बहुत पसंद होता है। आप उन्हें इन छुट्टियों में खाली पड़े गत्ते के डिब्बे, प्लास्टिक की कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलें और कुछ वेस्ट पड़े पेपर्स दे दें और कहें कि इससे उन्हें अपने लिए कोई गेम बनानी है। लेकिन इस एक्टिविटी में आप उनकी कोई मदद नहीं करेंगे। आप देखेंगे कि बच्चे ‘बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट‘ बनाने में कितने माहिर होते हैं।

6. DIY कर्टेन

इसके लिए आप बच्चों को परदे या उसी की तरह का कोई बड़ा कपड़ा इस्तेमाल करने के लिए दे सकती हैं। आप इसे कमरे में जमीन पर बिछा दीजिए और अपने बच्चे या बच्चों से इसे उनकी पसंद से कुछ भी बनाने को कहें। इसके लिए आप फैब्रिक कलर्स, स्पार्कल, आईसक्रीम स्टिक्स, रूई, बटन के अलावा सजावट का और भी सामान उन्हें दे सकते हैं। इतनी बड़ी जगह देख कर ही बच्चों की कल्पना को पंख लग जाएंगे। उन्हें बताएं कि जरूरी नहीं कि वे आज ही इसे भर दें। वे चाहें तो धीरे-धीरे भी इसे सुंदर बना सकते हैं। इसे तैयार होने के बाद आप बच्चों के कमरे में ही इसे कर्टेन या वॉल पर लगा सकते हैं।

7. स्नैक्स टाइम

इस बार स्नैक्स टाइम को और रोचक बनाने के लिए आप स्नैक्स न बनाएं, बल्कि बच्चों को कहें कि वे आपके लिए अपने हाथों से कोई स्नैक्स बनाएं। इस बात का खास ख्याल रखें कि बच्चे की उम्र को देखते हुए आप उन्हें यह काम कहें। जैसे कि 3-4 साल तक के बच्चे को आप सिर्फ कुछ कुकीज या सैंडविच को जैम, जैली या टोमेटो सॉस के साथ सजाने को कह सकते हैं। वहीं 4 से 6 साल तक के बच्चों को आप सब्जियां और फल काटकर दें और उन्हें सैंडविच या फ्रूट क्रीम बनाने को कहें। 7 साल से अधिक उम्र के बच्चे उबले हुए आलू से लेकर अंडे तक को छील कर उनसे कुछ बना कर उन्हें अच्छे से प्लेट में सर्व कर सकते हैं। कोशिश करें कि 10 साल से अधिक उम्र के बच्चे ही रसोई में कुछ पकाने जैसा काम करें। इससे छोटी उम्र के बच्चों से टेबल पर काम करवाना ज्यादा बेहतर और सुरक्षित होता है। अधिक उम्र के बावजूद बच्चों को अपनी देख-रेख में ही रसोई में काम करने दें।

उम्मीद है कि अब आपके बच्चे आपसे बाहर जाने की मांग नहीं करेंगे और न ही यह कहें कि वे बोर हो रहे हैं। लेकिन एक बात का ध्यान आप भी रखिएगा कि सामान की साफ-सफाई के साथ-साथ अपने बच्चों के हाथ भी लगातार धुलाते रहिएगा।


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