आप के बाद शायद आप के बच्चे का शिक्षक ही उसके साथ ज्यादा समय बिताता है। यह जरूरी है कि आप उनसे हमेशा संपर्क में रहें। शिक्षक के साथ सकारात्मक सहयोग आप के बच्चे को पढ़ाई के साथ ही भावनात्मक क्षेत्र में भी सफल बना सकता है।
आप अपने बच्चे की सबसे बड़ी गुरु हैं, परन्तु बच्चे की कक्षा आप के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती। आपके व शिक्षक के बीच बातचीत ठीक होनी चाहिये। अपने बच्चे के संपूर्ण विकास के लिये उसके शिक्षक के साथ प्रभावशाली तरीके से संवाद करें।
पेरेंट्स टीचर मीटिंग (PTM) में बात करने का सही तरीका :
पेरेंट्स टीचर मीटिंग बच्चे के शिक्षकों से बात करने का एक अच्छा जरिया है। यह एक तय वक्त होता है जब आप बच्चे के स्कूली जीवन से जुडे़ किसी भी मुद्दे पर बात कर सकते हैं। इसमें आप खेलकूद, पढ़ाई व दूसरी गतिवधियों को भी शामिल कर सकते हैं।
यह जरूरी है कि आप बच्चे के शिक्षक से जो भी चर्चा करना चाहती हैं, उसके नोट्स बना लें। शिक्षक के समय का बेहतर प्रयोग उनके लिये सम्मानजनक होता है। यह आवश्यक है कि आप बच्चे की पढ़ाई से जुड़ी दिक्कतों व उपलब्धियों के साथ- साथ, दूसरे बच्चों व शिक्षकों के प्रति उसके बर्ताव के बारे में भी जानें। यह आपके लिये सही सलाह होगी कि पेरेंट्स मीटिंग को सिर्फ बच्चे की पढ़ाई के बारे में जानने का जरिया न समझें। स्कूल में बच्चे के आपसी बर्ताव के बारे में भी समझने की कोशिश करें।
PTM के अलावा :
पेरेंट्स टीचर मीटिंग (PTM) थोड़े- थोडे़ समय बाद बातचीत के लिए अच्छी है। पर इसके अलावा आप और भी कई चीजें कर सकती हैं जो बच्चे के शिक्षक के साथ प्रभावी संचार बनाए रखने में मदद करेंगी। बहुत से स्कूलों में कॉन्फ्रेंस, सेमिनार और ओपन हाउस डे जैसी चीजें भी होती है। जहां शिक्षक व माता-पिता बातचीत कर सकते हैं।
- बातचीत के ज्यादा मौकों के लिए स्कूल के कार्यक्रमों में स्वेच्छा से योगदान दें । यह सभी शिक्षकों से अनौपचारिक बातचीत का बेहतरीन तरीका हो सकता है। बच्चे को अभी पढ़ाने वाले और उसके होने शिक्षकों से दो तरफा बातचीत उनसे तालमेल बिठाने का अच्छा तरीका है।
- अपनी बात रखने के लिए बच्चे की होमवर्क या स्कूल डायरी में नोट लिखें।
- ईमेल बात रखने का एक अच्छा साधन है। ये ज्यादा दखल पूर्ण भी नहीं होते और शिक्षक बिना कुछ कहे भी बात समझ लेता है।
- कोशिश करें कि छोटे बच्चों को स्कूल भेजने व वापस लेने आप खुद जायें। यह शिक्षकों से हर दिन मिलने और बात करने का अच्छा तरीका है। यह शिक्षक के साथ घुलने मिलने का भी अच्छा विचार है।
बच्चे के शिक्षक से बात करते वक्त कुछ जरूरी बातों को ध्यान रखना चाहिए। दखलअंदाजी अच्छी बात नहीं होती। शिक्षक के निजी दायरे का सम्मान करें। हालांकि बच्चे में स्कूल तथा घर दोनों जगह समान संस्कार डालने के तरीकों पर बात की जा सकती है , पर बच्चे के स्कूली व्यवहार की शिकायत करना अच्छी बात नहीं है। शिक्षक को अपना कार्य करने दें, उन्हें घेरें नहीं। यह आपके उतावलेपन को दिखाएगा।
बातचीत को बच्चे, शिक्षक व मां बाप के बीच रखा जाना चाहिए। बच्चे को एक बेहतर इंसान बनाने के लिए माहौल बनाने में यह तालमेल एक बेहतरीन जरिया है।
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