बहुत मुश्किल हो जाता है, जब हमें एक ही समय पर दो काम एक साथ करने पड़ते हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति वर्क फ्रॉम होम (work from home) कर रहे पेरेंट्स की भी हो रही होती है। अपने माता-पिता को घर पर देख बच्चे जहां बहुत उत्साहित होते हैं, वहीं पूरा-पूरा दिन बच्चों की बातों को सुनने के बाद माता-पिता घर से ऑफिस का काम करने में असमर्थ महसूस कर रहे होते हैं। क्या आपकी स्थिति भी कुछ ऐसी ही है? अगर हां, तो यहां आपको कुछ ऐसे टिप्स दिए जा रहे हैं, जिनसे आप अपने दिन को पूरी तरह उपयोगी बना सकेंगे।
ऑफिस जाते हैं तो भी दिन सुबह 6 बजे शुरू होता है और वर्क फ्रॉम होम या घर से काम कर रहे हैं तो भी 6 बजे। क्या घर से काम करने में वाकई कोई फायदा है भी या यह सिर्फ रेगिस्तान में पानी दिखाई देने जैसा छलावा है? अगर इस समय आपकी सोच भी इसी दिशा की ओर दौड़ रही है तो यकीन मानिए, यह सोचने वाले आप अकेले नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि आज से पहले किसी ने वर्क फ्रॉम होम नहीं किया। लेकिन स्थिति इसीलिए कठिन है, क्योंकि इस समय घर-परिवार के लगभग सभी सदस्य घर पर मौजूद हैं, बच्चों के स्कूल और दूसरी सभी क्लासेज बंद हैं और घर में छुट्टी जैसा माहौल बना हुआ है।
ऐसे में घर की सभी जिम्मेदारियों को निभाते हुए ऑफिस के काम के साथ हम पूरा न्याय तो नहीं कर पा रहे। कभी कोई अहम कॉन्फ्रेंस कॉल को ही बीच में काटना पड़ जाता है तो कभी किसी एक्सेल शीट पर काम करते-करते बच्चे की रोने या लड़ने की आवाज आ जाती हैं। वैसे मैंने पूरी कोशिश की है अपने घर और ऑफिस के कामों के लिए समय को बांटने की। आइए देखते हैं कि कैसे आप वर्क फ्रॉम होम के दौरान अपनी कार्य क्षमता और कुशलता को कैसे बनाए रख सकते हैं।
अच्छे से वर्क फ्रॉम होम करने के 7 तरीक़े
1. अपने लिए एक टाइम टेबल बनाएं:
जिस तरह स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हम अपना टाइम टेबल बनाते हैं और उस पर पूरा अमल करने की कोशिश करते हैं, ठीक वैसे ही आज भी आपको अपनी स्थिति को संभालने के लिए करना होगा। आप अपने ऑफिस के काम जैसे कि कॉलिंग, फाइलिंग या मेलिंग के लिए समय को तय करें। टाइम टेबल बनाते समय सिर्फ ऑफिस ही नहीं, बल्कि आपको घर के मुख्य कामों को भी आपको इसमें लिखना होगा। इसमें आप कपड़े धोना, बच्चों के साथ वक्त बिताना, खाना बनाना जैसे सभी काम जरूर लिखें। एक बार टाइम टेबल बना लें तो उसके बाद आप पूरी कोशिश करें कि जितना मुनासिब हो सके आप इसका पालन करें।
2. घर पर बनाएं ऑफिस:
कभी बेड पर तो कभी सोफे पर, यहां तक कि कभी-कभी रसोई की शेल्फ पर भी हम अपने ऑफिस का लैप- टॉप या मोबाइल फोन ले जाते हैं। इससे आपका काम तो हो रहा होता है, लेकिन आपका पूरा ध्यान उस काम पर नहीं होता। कोशिश करें कि अपने घर का कोई छोटा सा कोना अपने ऑफिस के लिए निर्धारित करें। वैसे भी यहां-वहां बैठने पर आपको हमेशा कोई न कोई घर का काम जरूर नजर आएगा और बच्चे भी आपको गंभीरता से नहीं लेंगे। इसीलिए बेहतर है कि आप अपने उस खास कोने या छोटे से ऑफिस से अपना काम करें, जहां आपको बैठा देख बच्चे भी यही समझेंगे कि आप कोई गंभीर काम कर रहे हैं।
3. बच्चों को दें क्वॉलिटी टाइम:
अगर आप चाहते हैं कि बच्चे आपको काम करने दें तो उसके लिए जरूरी है कि आप बच्चों को भी टाइम दें। टाइम टेबल बनाते समय इस बात का खास ख्याल रखें। आमतौर पर जब हम बच्चों की कोई बात सुनते हैं या उनके साथ कुछ समय बिताते हैं तो उसके बाद वे हमारी बात भी जरूर सुनते हैं। मैं जब भी कुछ मिनट अपनी बेटी के साथ उसकी मर्जी का काम करती हूं तो उसके बाद वे मुझे मेरी मर्जी से एक से दो घंटे बिना तंग किए दे देती है, जिसमें मैं निश्चित तौर पर अपना महत्वपूर्ण काम पूरा करती हूं।
4. बच्चों को समझाएं:
घर पर ऑफिस का काम करने के लिए जरूरी है कि आप बच्चे को पहले से ही समझाएं कि आपके लिए ऑफिस का काम करना कितना जरूरी है और जिस वक्त आप कोई जरूरी काम कर रहे हों तो वे आपको बार-बार परेशान न करें। कल मैं एक अहम कॉल पर थी, जिसके बीच में मेरी बेटी कम से कम नहीं तो 6 से 7 बार आई। हर बार मैं उसे इशारे से बाद में आने को कह रही थी, लेकिन हर बार उसके पास कोई न कोई नया बहाना था। हार कर मुझे अपनी कॉल बीच में ही रोकनी पड़ी। अगर आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा आपके ऑफिस के किसी अहम काम में आपको परेशान न करे तो आप काम करने से पहले बच्चे को बताएं कि अभी वे अपना काम करें या जब मम्मी-पापा इशारा करें तो वे बाद में आएं।
इसके साथ ही जब आप ऑफिस का काम करना चाह रहे हों तो बच्चे को उसकी पसंद की कोई गतिविधि करने दें। इससे वे अपने काम में व्यस्त हो जाएंगे और आपको ज्यादा परेशानी भी नहीं होगी।
5. काम बांटें:
फिलहाल जब घर पर सभी सदस्य मौजूद हैं और सभी के पास बराबर समय है तो आप अपने काम को सभी सदस्यों में बांटने की कोशिश करें। अगर आप दोनों वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं तो जरूरी है कि आप दोनों में से कोई एक बच्चों और घर के दूसरे कामों के लिए मौजूद रहे। इसके अलावा माता-पिता दोनों घर की जिम्मेदारियों को भी एक-दूसरे से बांट सकते हैं, खासतौर पर तब जब दोनों घर पर उपलब्ध हैं। अगर एक इंसान रसोई में काम कर रहा है तो दूसरा बच्चे की देख-रेख या घर का कोई दूसरा काम भी कर सकता है।
वैसे इसे बच्चे के लिए दिलचस्प बनाने और बच्चे को जिम्मेदार बनाने के लिए आप उसकी उम्र को ध्यान में रखते हुए कुछ काम उसे भी सौंप सकते हैं। मेरी बेटी मेरे कई कामों में मेरी काफी मदद कर देती है, जैसे कि खाने से पहले मेज पर बर्तन आदि रखना, सामान को उसकी सही पर संभालना और तो और खाना बनाने से पहले क्या बनाया जाए, इसका काम भी मैंने अपनी बेटी को दे रखा है, जिस वजह से “आज क्या बनाऊं” जैसे सवाल मुझे ज्यादा परेशान नहीं करते।
6. बच्चों के सोने के समय का करें सुदपयोग:
एक मां से अच्छा शायद ही कोई इस बात को समझ सकता है। क्योंकि बच्चे के जन्म के साथ ही मां बच्चे के सोने के बाद ही अपने घर के कामों को आसानी से पूरा कर पाती है। कुछ ऐसा ही आपको अब भी करना होगा, जब आपका बच्चा बढ़ा हो चुका है। लेकिन यह समय आप घर के नहीं, बल्कि अपने ऑफिस के काम को करने के लिए उपयोग करें।
7. वास्तवितकता को रखें ध्यान:
आप घर से काम कर रहे हैं, लेकिन हैं तो घर पर ही। इस बात का ध्यान रखते हुए अपने काम के लिए खुद को रोज काम के वास्तविक लक्ष्य दें। ऐसा न हो कि आप सोचें कि आज ही मैं अपनी कोई लंबे समय से अटके हुए प्रोजेक्ट को पूरा कर लूंगा/लूंगी। यह मुनासिब ही नहीं है। साथ ही अपने बाॅस या अपने सह-कर्मियों से भी इस बात का जिक्र अवश्य करें। कहीं ऐसा न हो कि उनकी या आपकी उम्मीदें पूरी न हो पाएं। निश्चित तौर पर आप अपना काम समय पर पूरा न कर पाने के लिए खुद को काफी कोस भी रहे होंगे और सोच रहे होंगे कि मुझसे तो मेरा एक या दो भी नहीं संभाले जा रहे, पर पता नहीं स्कूल में एक टीचर 40-40 बच्चों को कैसे संभालती है। उन्हें इस बात की ट्रेनिंग दी जाती है और अभी आपको इस बारे में काफी कुछ सीखना है। जो सबसे ज्यादा सीखने की जरूरत है वह है, धैर्य। बच्चों के साथ धैर्य बनाए रखते हुए अपनी वास्तविकता को जानना भी जरूरी है।
वर्क फ्रॉम होम के फायदे और नुकसान
घर बैठे-बैठे पैसे कमाना किसे पसंद नहीं होगा, लेकिन घर से काम करने के अपने फायदे और नुकसान हैं। आइए इन पर एक नजर डालते हैं:
क्या हैं फायदे – वर्क फ्रॉम होम
- आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
- घर से काम करते हुए अपने घर में योगदान देने से आत्म-सम्मान बढ़ता है।
- घर के अलावा भी आपके दोस्त और सामाजिक जिंदगी होती है।
क्या हैं नुकसान – वर्क फ्रॉम होम
- घर पर रहते हुए काम करने की वजह से आपको घर और ऑफिस दोनों को संभालना पड़ता है।
- कभी-कभी ऑफिस के काम के चलते आपको अपनी पारिवारिक जिंदगी को पीछे रखना पड़ता है।
- घर पर होने के बावजूद आप अपने बच्चों और पार्टनर को समय नहीं दे सकते।
- घर पर होने के बावजूद आप अपने आस-पास और सामाजिक जिंदगी को पूरी तरह से एन्जॉय नहीं कर सकते।