8 टिप्स: छोटे बच्चों को बोतल से दूध कैसे पिलाएं

By Dr. Krystel|3 - 4 mins read| March 24, 2023

नवजात शिशु के लिए दूध ही एक मात्र स्रोत है अपना भोजन पाने का। आपका बच्चा मां का दूध पी रहा हो या फॉर्मूला दूध, आपके लिए यह बहुत जरूरी है कि आप बोतल से दूध पिलाने के कुछ टिप्स को जरूर ध्यान में रखें ताकि बच्चे की सेहत और स्वास्थ दोनों सही बने रहें।

कैसे पिलाएं बच्चों को बोतल से दूध:

1. बोतल और उसके निप्पल को स्टेरिलाइज करें

आप जितनी बार भी अपने बच्चे को बोतल से दूध पिलाएं, हर बार उसे स्टेरिलाइज बोतल और निप्पल ही दें। बोतल से दूध पिलाने का सबसे बड़ा खतरा यही है कि इससे रोगाणु बच्चे के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इन रोगाणुओं के बच्चे के शरीर में प्रवेश करने से बच्चों को विभिन्न प्रकार के संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है और बच्चा अतिसार या अन्य पेट संबंधी बीमारियों के कारण बीमार हो सकता है।

2. दूध पिलाते हुए बच्चे को कैसे पकड़ें

क्या बोतल से दूध पीते समय अगर आपके बच्चे को कभी भी उल्टी आई है? इसका एक अहम कारण यह भी हो सकता है कि आपने उसे सही तरीके से दूध पिलाने के लिए पकड़ा न हो। अक्सर बोतल से दूध पीते-पीते बच्चों की ग्रास नली में हवा भी भर जाती है, जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है या उल्टी आ जाती है। इसीलिए बच्चे को दूध पिलाते समय बीच-बीच में उसकी पीठ पर हल्के हाथ से थपकी भी देनी चाहिए, ताकि हवा से कहीं नली रुक न जाए।

3. बोतल से दूध पिलाते समय निप्पल पूरा दूध से भरा होना चाहिए

इस बात का माता-पिता या किसी भी अन्य व्यक्ति जो बच्चे को दूध पिला रहा हो, को खास ख्याल रखना चाहिए कि जिस समय बच्चा बोतल से दूध पी रहा हो, बोतल का निप्पल दूध से भरा होना चाहिए। ताकि बच्चा दूध की जगह कहीं हवा का घूंट न भर ले। अक्सर खाली निप्पल की वजह से बच्चे हवा को खींच लेते हैं और उन्हें गला घुट सकता है।

4. बच्चे के इशारों को समझें

हमें कभी भी बच्चों को जबरदस्ती कुछ भी नहीं खिलाना-पिलाना चाहिए। नवजात शिशु बोलकर अपनी बात को हमें नहीं समझा सकते, इसीलिए जरूरी है कि हम उनके इशारों को समझें। इन इशारों की मदद से वे हमें अपने भूखे होने और पेट भरने के बारे में बताते हैं। आप बच्चे को भूख लगने पर दूध पिलाएं और जब वे इधर-उधर देखें या बोतल को दूर हटाने का प्रयास करें तो बोतल हटा दें। उनकी भूख से अधिक उन्हें दूध पिलाने के चलते हो सकता है कि वे उल्टी कर दें।

5. फॉर्मूला दूध बनाते हुए दिए गए दिशा-निर्देश जरूर देखें

अगर आप अपने बच्चे को फॉर्मूला दूध दे रहे हों तो यह सुनिश्चित कर लें कि आप बिल्कुल सही मात्रा में पानी में फॉर्मूला दूध तैयार किया है, जैसा कि फॉर्मूला के पैकेट पर बताया गया है। दूध की बोतल तैयार करते समय अधिक मात्रा में फॉर्मूला के प्रयोग से हो सकता है कि आपके बच्चे को दस्त या कब्ज की समस्या हो जाए।

6. बहुत बड़ी या फैंसी बोतल के प्रयोग से बचें

यह बात बिल्कुल सही है कि आज बाजार में विभिन्न आकारों और रंग-बिरंगी दूध की बोतलें मौजूद हैं, लेकिन वह तब तक सही है, जब तक कि आपका बच्चा उस बोतल से दूध पी ले। नहीं तो बहुत बड़ी या बहुत फैंसी बोतल का कोई मतलब ही नहीं है। हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आप अपने बच्चे के लिए 100 ग्राम मात्रा के लिए ही बोतल लें, क्योंकि ज्यादातर मामलों में एक बार में बच्चे इतनी ही मात्रा में दूध पीते हैं।

7. बोतल में बचे हुए दूध को फेंक दें

अगर आपका बच्चा एक बार में पूरा दूध खत्म न कर पाए तो यह बहुत जरूरी है कि आप बचे हुए दूध को फेंक दें। बोतल में बचा हुआ दूध, खासकर फॉर्मूला दूध बहुत जल्दी खराब हो सकता है, जिसकी वजह से उसके सेवन के बाद बच्चे का पेट भी खराब हो जाएगा।

8. बोतल के निप्पल का छेद न बहुत छोटा हो न ही बहुत बड़ा

इस बात का आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जिस बोतल से बच्चा दूध पीता हो, उसकी निप्पल का छेद न ही बहुत छोटा होना चाहिए न ही बहुत बड़ा। निप्पल का छेद छोटा होने से बच्चा ठीक से दूध नहीं पी पाता और बड़ा होने पर बच्चे के मुंह में जरूरत से ज्यादा दूध जाएगा, जिसे वह ठीक से पी नहीं पाएगा। बड़े छेद की वजह से कई बार बच्चे का गला भी घुट सकता है या उसे परेशानी होगी और वह उल्टी भी कर सकता है।


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Written by Dr. Krystel

Last Updated: Fri Mar 24 2023

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