गर्भावस्था में नेस्टिंग क्या है? प्रेग्नेंसी के दौरान नेस्टिंग इंस्टिंक्ट – Nesting in Pregnancy in Hindi

By Kiran|4 - 5 mins read| April 10, 2024|Read in English

जिस तरह पंछी अपने अंडों देने से पहले अपना बसेरा बनाने या उसे बढ़ा करने लगते हैं, क्या उसी तरह हम इंसान भी अपने बसेरा को आने वाले शिशु के लिए तैयार करते हैं? प्रेग्नेंसी में नेस्टिंग क्या है? प्रेग्नेंसी के दौरान नेस्टिंग या बसेरा बनाने की प्रवृत्ति कैसे आपको प्रभावित करती है? आमतौर पर देखा गया है कि गर्भावस्था या प्रेग्नेंसी के दौरान नेस्टिंग की इच्छा बहुत प्रबल हो जाती है। यह इस धरती पर जीवों के जन्म से लेकर अब तक की सबसे पुरातन प्रवृत्ति मानी जा सकती है जो यह बताती है कि मां का शरीर को शिशु या अंडों के जन्म के लिए तैयार है।

अपने बच्चों को इस दुनिया में सही सलामत रखने की मां की जो प्रवृत्ति है उसकी चलते वह अपना घर और अन्य दूसरा सामान तैयार करती रहती है। इसी को नेस्टिंग या बसेरा बनाना कहते हैं। कुछ ऐसा ही पंछी भी करते हैं। अंडे देने से पहले ही वे तिनका-तिनका जोड़ कर घोंसला बनाते हैं ताकि अंडों में से निकलने वाले बच्चे सकुशल रह सकें। यही प्रकृति हर मां में काम करती है, जो गर्भावस्था के आखिरी दिनों में और भी बढ़ जाती है। लोगों का मनना है कि नेस्टिंग के बाद ही नवजात शिशु का जन्म होता है।

प्रेग्नेंसी में नेस्टिंग के कारण क्या हैं?

प्रेग्नेंसी में नेस्टिंग की प्रबल इच्छा बहुत ही आम बात है, हालांकि जरूरी नहीं है कि सभी गर्भवति महिलाएं इस दौर से गुजरें। इसे घर की साफ-सफाई से जोड़कर भी देखा जा सकता है। बच्चे के जन्म लेने से पहले ही गर्भवति महिलाएं अपने घर को उनके लिए तैयार करने लग जाती हैं। एक बच्चे के जन्म से पहले कई चीजों की तैयारी करनी पड़ती है। आप इसे ऐसे भी देख सकती हैं कि अपने घर को तैयार करने के साथ-साथ माएं अपने बच्चे के जन्म के लिए भी मानसिक रूप से तैयार हो जाती हैं। अक्सर आपने देखा होगा कि मां अपने बच्चे के जन्म के लिए कपड़े और दूसरी चीजें संजोने लगती हैं। यह माना जाता है कि जन्म के समय होने वाली दर्द के लिए मां के शरीर का तैयार होना बहुत जरूरी है और यह प्रक्रिया बार-बार एक मां को याद दिलाती रहती है कि जल्द ही उसका बच्चा जन्म लेने वाला है।

गर्भावस्था में मां के शरीर में एस्ट्राडाइऑल हार्मोन अधिक मात्रा में बनने लगता है, जिसकी वजह से यह नेस्टिंग की प्रक्रिया का आरंभ होता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो मां को बच्चे के जन्म के लिए तैयार करती है और हम इंसानों में भी ऐसा ही होता है।

गर्भावस्था के दौरान नेस्टिंग की प्रवृत्ति

माना जाता है जिन महिलाओं के बच्चे बसंत या गर्मियों में जन्म लेने वाले होते हैं उनमें नेस्टिंग की इच्छा बहुत ही प्रबल होती है। शायद यह इच्छा घर को साफ-सुथरा करने की प्रवृत्ति पर भी आधारित होती है, क्योंकि इन दिनों में हम सर्दियों को अलविदा कह रहे होते है और बदलते मौसम के लिए अपने घर को तैयार भी करते हैं। नेस्टिंग की इच्छा सबसे अधिक तीसरी तिमाही या प्रेग्नेंसी के 38वें सप्ताह में होती है। अगर हार्मोन्स की नजर से देखा जाए तो यह वह समय है जब एस्ट्राडाइऑल की मात्रा सबसे अधिक बनती है, लेकिन इसमें भावनात्मक पहलु को भी कम नहीं आंका जा सकता।

आप चाहें तो साफ-सफाई के कामों की एक सूची भी बना सकते हैं, ताकि आप लंबा-चौड़ा काम न डाल लें। हमेशा ध्यान रखें कि इस समय आपकी सुरक्षा बहुत अहम है, इसलिए हमेशा किसी न किसी की मदद लें। आप अपने फ्रिज में हेल्दी और स्वादिष्ट भोजन पदार्थों को रख सकती हैं। आप अपने रसोई घर में भी चीजों को जमा कर सही तरह से रख सकती हैं। चीजों को साथ और सही तरह से रखना एक बेहतर विकल्प होता है। बच्चे के जन्म से पहले होने वाले बदलावों के चलते आप उसके लिए अपने घरोंदे को उसके लिए तैयार करने लगती हैं।

मां को प्रेग्नेंसी के दौरान अपने घर को साफ और सुरक्षित बनाने की तीव्र इच्छा होती है और इस इच्छा या प्रवृत्ति को सकारात्मक रूप से इस्तेमाल में लाना चाहिए। बच्चे के आने से पहले ही घर से कूड़ा-कबाड़ बाहर कर देना चाहिए। घर को बच्चे और उसकी जरूरतों के हिसाब से सलीके से संजोएं। इसमें आप अपने पति की मदद भी ले सकती हैं।

घर से गैर-जरूरी सामान को बाहर करने के साथ ही आप बच्चे के जन्म के लिए तैयार हो जाएंगी। नेस्टिंग की प्रक्रिया इसलिए भी फायदेमंद है क्योंकि इससे आपका तनाव कम होता है और यह आपको शांत भी मनाती है। यह प्रक्रिया आपको काफी लचीला भी बनाती है। आमतौर पर महिलाएं प्रेग्नेंसी का ज्यादा वक्त तो धीरे-धीरे काम करते हुए बिताती हैं, लेकिन जैसे-जैसे आपका समय नजदीक आता है, वे तेजी से अपने सभी कामों को पूरा करने लगती हैं, यह सोच कर की शायद कल वे उसे कर पाने की स्थिति में न हों। इसी वजह से गर्भवति महिलाएं शारीरिक रूप से भी बच्चे के जन्म के लिए तैयार होती चली जाती हैं।

लेकिन ध्यान रहे कि साफ-सफाई के दौरान भी आप खुद को बहुत अधिक थका न लें। आप उतना ही काम करें जितना आपका शरीर अभी कर सके। कई बार आप थका हुआ महसूस करेंगी, ऐसे में आप चाहें तो धीरे-धीरे अपने काम को खत्म करें।

प्रेग्नेंसी के दौरान नेस्टिंग के आपके अपने अनुभवों को हमारे साथ कमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें।


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