अभी तक हम सभी कोरोना के नाम पर बहुत कुछ कह या सुन चुके हैं। ये मत करो, वहां मत जाओ, वो मत करो। लेकिन क्या आपने सोचा है कि कोरोना के बाद की जिंदगी कैसी होगी? हमें किन-किन बातों का खास ख्याल रखना होगा? हमें कौन-कौन से काम कर सकते हैं और कहां-कहां जा सकते होंगे? अभी तक तो हम मौजूदा स्थिति को ही समझने में लगे हुए हैं, ऐसे में आगे क्या होगा, उसे सोचने का अभी वक्त ही नहीं मिला। तो चलिए एक बार The ParentZ के साथ देखते हैं कि कोरोना के बाद की हमारी जिंदगियों में क्या-क्या बदलाव आने वाले होंगे? (Life after coronavirus, what all will change?)
अभी फिल्हाल तो हम सभी घर पर हैं और वहीं से वर्क फ्रॉम होम को अंजाम दे रहे हैं। हमारे तीन लोगों के छोटे परिवार के लिए कोरोना किसी वेकेशन से कम नहीं रहा। अपनी याद में हममें से किसी ने कभी भी इतना लंबा वक्त एक-दूसरे के साथ नहीं बिताया। न ही मेरी 7 साल की बेटी ने अपने मम्मी-पापा को इतने दिनों के लिए चैबीसों घंटे अपनी आंखों के सामने देखा। अचानक से कल उसने मुझे एक सवाल पूछा, ‘मम्मी जब ये कोरोना-वोरोना खत्म हो जाएगा तो भी क्या हम पहले की तरह ही स्कूल जाएंगे, ऐसे ही बाहर खेल सकेंगे, जैसे कि पहले खेलते थे?’
मेरी बेटी का सवाल बहुत ही आसान था, लेकिन उसके जवाब को तलाशने के लिए मैं जैसी किसी फेंटसी लैंड में पहुंच गई। मैंने सोचा क्या वाकई सभी कुछ पहले जैसा होगा, हमारी मेट्रो, हमारे ऑफिस, हमारे स्कूल? क्या सच में कुछ भी नहीं बदलेगा? फिर खुद से सवाल किया क्या तुम अपनी बेटी को स्कूल ऐसे ही भेज दोगे? जवाब मिल गया। नहीं, पूरी हिदायत और तैयारी के साथ वो स्कूल जाएगी, लेकिन अभी नहीं। तो चलिए देखते हैं कि आखिर कोरोना के बाद की हमारी दुनिया कैसी होगी।कोरोनावायरस लॉकडाउन समाप्त होने के बाद चीजें कैसे बदल जाएंगी
कोरोनावायरस समाप्त होने के बाद चीजें कैसे बदल सकती
1. स्कूल
अगर कल ही लॉकडाउन खत्म हो जाए और बच्चों को स्कूल जाना हो तो शायद हममें से कोई ही अपने बच्चे को स्कूल भेजे। क्योंकि अभी वैसे भी कई बच्चे ऑनलाइन क्लासेज के दौरान अच्छे से पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन जब सब सही हो जाएगा तब क्या होगा? ऐसे में जो बदलाव सबसे ज्यादा देखा जाएगा वो होगा, बच्चों का पहनावा। स्कूल की यूनिफॉर्म कैसी भी हो, बच्चों को पीपीई किट शायद हम सभी पहनाना शुरू कर दें। इसके अलावा फेस शील्ड और मास्क भी होगा। आपको शायद अभी मेरी बात ज्यादा लग रही हो, लेकिन भविष्य में ऐसा हो सकता हो, इसमें कोई दोराय नहीं है। इसके अलावा हम हमारे बच्चों को हैंड सेनिटाइजर देंगे, जिसका इस्तेमाल उन्हें काफी जल्दी-जल्दी करना होगा।
अगर स्कूल की बात करें तो वहां सबसे बड़ा बदलाव होगा, बैठने के तरीके का। अभी जहां एक ही डेस्क पर दो या तीन बच्चे होते थे, अभी वहीं स्कूल में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा स्कूल में प्रवेश करने से पहले सभी बच्चों और शिक्षकों का तापमान देखा जाएगा। इसमें गड़बड़ी होने पर तुरंत बच्चे या शिक्षक को वापस घर भेज दिया जाएगा। इसके अलावा वहां पर जगह-जगह सेनिटाइजर होंगे, जिनके इस्तेमाल पर स्कूल प्रशासन का काफी जोर रहेगा। शायद कुछ समय के लिए बच्चों को बाहर प्ले ग्राउंड पर खेलने को न मिले और इंडोर गेम्स में भी बच्चों के पहले बैच के निकलने के तुरंत बाद उस जगह को सेनिटाइज किया जाएगा। बच्चों को लाने-ले जाने वाले वाहनों फिर भले ही वे बसें हों या वैन सभी को सेनिटाइज किया जाएगा।
2. मेट्रो या अन्य ट्रेन
दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम, गाजियाबाद, कोलकाता जैसे अन्य कई शहरों की लाइफलाइन है मेट्रो और अन्य ट्रेन। जिसमें प्रतिदिन लाखों लोग यात्रा करते हैं। लेकिन कोरोना के चलते अभी इन्हें भी बंद किया गया है। लेकिन उम्मीद है कि आम जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए इन्हें भी जल्दी से पटरियों पर उतारा जाएगा। ऐसे में क्या एक साथ कई हजार लोग इसमें सफर कर पाएंगे? शायद नहीं।
सरकार की क्या योजना है, इस बारे में तो हम अभी नहीं जानते। लेकिन अगर हमारे फेंटसी वल्र्ड की बात करें तो कोरोना के बाद जिंदगी बिल्कुल अलग सी नजर आने वाली है। जिसमें इन मेट्रो और दूसरी ट्रेनों में यात्रियों की संख्या पर भी पाबंदी लग सकती है। ट्रेन तक पहुंचने से पहले एक आम व्यक्ति को काफी तरह की जांच से होकर जाना पड़ेगा, जिसमें सबसे पहले थर्मल स्क्रीनिंग फिर सेनिटाइजेशन और फिर ट्रेन में प्रवेश शामिल है। इसके अलावा माना जा रहा है कि जिन यात्रियों के फोन में आरोग्य ऐप नहीं होगी, उन्हें मेट्रो में सफर नहीं करने दिया जाएगा। साथ ही सफर के दौरान भी आप अपने मास्क या फेस शील्ड को पहने रखेंगे।
3. ऑफिस
अभी जो इक्का-दुक्का ऑफिस खुले हैं, उन्हें अपनी बिल्डिंग में साफ-सफाई का अच्छा खासस ध्यान रखा हुआ है। वे कम से कम स्टाफ के साथ काम करने की कोशिश कर रहे हैं। कई जगह तो ऑफिस में एक दिन एक टीम के कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है तो अगले दिन दूसरे टीम को। इसके अलावा ऑफिस में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है और साथ ही जगह-जगह सेनिटाइजर्स रखे गए हैं कि आप बार-बार अपने हाथों को साफ करें।
वैसे भी पिछले डेढ़ महीने में कई ऑफिसेस भी इस बात को समझ चुके हैं कि उनके स्टाफ का एक बड़ा हिस्सा घर से ही काम कर सकता है तो ऐसे में उन्हें इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अधिक खर्च करने की जरूरत ही क्या है। हो सकता है कि आप में से भी कई लोगों के ऑफिस भी इसी बारे में विचार कर रहे हों और आपको अपने घर पर ही ऑफिस का सेट-अप लगाना पड़ जाए।
4. शॉपिंग मॉल
शॉपिंग मॉल में कदम रखते ही, सबसे पहले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और उसके बाद हर व्यक्ति से मॉल में आने के उसके प्रयोजन को पूछा जाएगा। अगर किसी ब्रांड की दुकान या किसी मेगा स्टोर में निर्धारित लोगों से तय संख्या वहां पहले से मौजूद होगी तो आपको वेटिंग एरिया में भेजा जा सकता है। सोचिए, कितना अजीब होगा, जब आपको अपनी पसंद के कपड़ों की खरीदारी करने से पहले अगर कुछ मिनट के लिए खाली इंतजार करने को कहा जाए। क्यों? क्योंकि वहां पहले से काफी लोग मौजूद हैं और अधिक लोगों की मौजूदगी से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
साथ ही यह भी हो सकता है कि स्टोर में प्रवेश से पहले आपको सेनिटाइज किया जा रहा है और जब आप बिलिंग काउंडर पर पहुंचें तो आपको कैश की जगह सिर्फ ऑनलाइन या कार्ड से भुगतान करने को कहा जाए। इसके अलावा आप एक बार की शॉपिंग में सिर्फ दो या तीन कपड़ों का ही ट्राई ले पाएं। क्यों? क्योंकि इससे भी संक्रमण फैलने का खतरा है और स्टोर प्रशासन को हर बार ट्राई किए गए कपड़े को भी सेनिटाइज करना पड़ता है।
5. सड़कें
हमारी सड़कें अभी तक बहुत ही साफ हो चुकी होंगी, क्योंकि वाहनों की कम संख्या के कारण गंदगी भी कम हो गई होगी। इसके अलावा हममें से किसी को भी सड़क पर कूड़ा फैलाने की आजादी नहीं होगी। कोई थूक नहीं सकेगा या कोई खुले में टॉयलेट नहीं जा सकेगा। इसके अलावा वाहनों की आवाजाही भी कम हो सकती है। और सिर्फ आवश्यक वाहनों को ही सड़कों पर उतरने की अनुमति दी जाए। जैसे कि मालवाहक वाहन या पुलिस, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, या ऑफिस, स्कूलों की बसें।
6. रेस्टोरेंट्स
स्कूल और दफ्तरों की ही तरह रेस्टोरेंट्स का भी रूप-रंग बदला हुआ दिखाई देगा। अगर हम बैठने की व्यवस्था की बात करें तो शायद ओपन डायनिंग में अब टेबल को एक-दूसरे से काफी दूरी पर रखा जाएगा, जिससे न सिर्फ संक्रमण बल्कि एक-दूसरे की टेबल पर आनी वाली डिशेज पर भी आपकी नजर नहीं पड़ सकेगी। सेनिटाइजेशन सबसे अहम मुद्दा है, जिससे यहां भी नहीं भूला जाएगा। और तो और यह भी हो सकता है कि कई रेस्टोरेंट्स काफी लंबे समय के लिए अपने यहां रेस्टोरेंट में बैठ कर भोजन करने के विकल्प को बंद ही रखें। वे सिर्फ होम डिलीवरी या टेक अवे का ही विकल्प दें।
हो सकता है आपको यह सब सिर्फ किताबी बातें ही लगे। क्योंकि मुझे भी लिखते हुए कुछ ऐसा ही लग रहा था कि जैसे में हॉलीवुड की कोई फिल्म देख रही हों, जिसमें आगे क्या होने वाला है, उसका अनुमान लगाया जा रहा है। लेकिन कई जगह ये अनुमान भी काफी सटीक बैठते हैं। बाकी इस विषय में आप अपने अनुभव या राय हमसे हमारे कमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें।