छोटे बच्चे जो मुंह में अंगूठा डालकर खुद को सहज महसूस कराने की कोशिश करते हैं, बड़े होकर वे ही ज्यादातर मामलों में मुंह से नाखून काटने की आदत के भी शिकार होते हैं। निश्चित तौर पर आप अपने बच्चे की सेहत को लेकर काफी सजग होंगे ताकि इस आदत के चलते आपका बच्चा बीमार न पड़े।
बच्चे अक्सर टेलीविजन पर किसी कार्यक्रम या वीडियो फिल्म को देखते हुए स्वतः ही अपने मुंह में उंगलियां डालकर उनके नाखून काटने लगते हैं। ये सब वे जानबूझ कर नहीं करते, बल्कि आदतन या फिर अनजाने में वे नाखूनों को मुंह से काटते हैं और माता-पिता के एक से दो बार मना करने पर वे उस समय के लिए तो रुक जाते हैं, पर थोड़ी देर बाद फिर से उनके नाखून उनके मुंह में होते हैं।
नाखून मुंह से काटने के कारण
बच्चे कई कारणों से अपने नाखूनों को मुंह से काटते हैं। जैसे कि बोरियत या फिर तनाव होने पर, जिज्ञासा या आदतन और कभी-कभी वे किसी दूसरे को ऐसा करते हुए देखते हैं तो वे भी उसकी नकल करने लगते हैं। आपको यकीन हो न हो, लेकिन इसे “नर्वस हैबिट्स” की श्रेणी में रखा जाता है। यानी जब भी बच्चा थोड़ा-सा भी बेचैन होता है तो वह नाखून काटने, मुंह में अंगूठा डालने, बालों से खेलने आदि लग जाता है। मुंह से नाखून काटने के मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
- बैचेनी
- आदतन
- तनाव
- बोरियत
- खुद को सहज बनाने के लिए
- दूसरों की नकल करने के कारण
- अनुवांशिकता
आपने देखा होगा कुछ बच्चे अक्सर अपने परिणामों को लेकर काफी चिंतित होते हैं और ऐसे में उनकी तुरंत प्रतिक्रिया मुंह से नाखून काटना है। देख भले वे किसी ओर दिशा में रहे हों, लेकिन अनजाने ही सही वे नाखूनों को मुंह में डाले हुए मिलेंगे। ऐसे बच्चे अपनी परिस्थितियों में खुद को सहज महसूस करने के लिए ऐसा करते हैं।
बच्चों की इस आदत को कैसे छुड़ाएं
3 से 6 साल के बच्चो के लिए
आमतौर पर 3 साल की से अधिक उम्र के बच्चे ही मुंह से नाखून काटना शुरू करते हैं।
1. बच्चों के नाखूनों को निरंतर काटते रहें
इतने छोटे बच्चों के नाखूनों को काटे रखना माता-पिता की जिम्मेदारी है। क्योंकि बड़े नाखून न सिर्फ बच्चों की इस आदत का कारण बन सकते हैं, बल्कि वे बच्चे को संक्रमित भी कर सकते हैं। इसीलिए आप निरंतर बच्चे के नाखून काटते रहें।
2. बच्चे को उसकी आदत से रू-ब-रू कराएं
आमतौर पर बच्चे अनजाने ही इस आदत के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में आप जब भी बच्चे को मुंह से नाखून काटते हुए देखें तो उन्हें उनकी इस आदत के बारे में बताएं। बच्चे जब जान जाते हैं तो वे इस आदत को खत्म भी करना चाहते हैं।
3. छोटे बच्चों को इसके नुकसान बताएं
जैसा कि हम जानते हैं कि न तो आदत एक दिन में लगती है और न ही इसे रातों-रात छुड़ाया जा सकता है। इसीलिए जरूरी है कि आप अपने बच्चे को मुंह से नाखूनों को काटने के नुकसान जरूर बताएं। सबसे पहला नुकसान तो उनकी सेहत से जुड़ा हुआ है। जिसकी वजह से आपके बच्चे में संक्रमण होने का खतरा लगातार बना रहेगा।
इसके अलावा बच्चे को बताएं कि कभी-कभी मुंह से नाखून काटने के कारण नाखून मांस के बहुत पास से भी कट जाता है, जिसकी वजह से बहुत अधिक दर्द होता है और खून भी निकल सकता है।
4. नाखूनों के आस-पास खाने लायक कड़वे पदार्थ का इस्तेमाल करें
जैसा कि बच्चों की अंगूठा चूसना छुड़वाने की आदत को लेकर माता-पिता को कई प्रयोग करने पड़ते हैं, ठीक वैसे ही नाखूनों को मुंह से काटने की आदत में भी माता-पिता को अलग-अलग प्रकार से प्रयासों के जरिये बच्चे की आदत को छुड़ाना पड़ता है। ऐसे में आप बच्चे के डॉक्टर से बात कर बच्चे के लिए ऐसे पदार्थों की जानकारी ले सकते हैं, जिन्हें बच्चे के नाखूनों के आस-पास लगाया जा सके। ये पदार्थ स्वाद में काफी कड़वे होते हैं। जिनके स्वाद के कारण बच्चे को बार-बार याद आता है कि उन्हें उनके नाखूनों को मुंह से नहीं काटना चाहिए।
4 से 8 साल के बच्चों के लिए
1. बच्चों के बेचैनी या तनाव का कारण ढूंढ़ें
बच्चों की बेचैनी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि उनके स्कूल के परिणाम या आपका हमेशा बच्चे की क्रियाओं पर नजर बनाए रखना। इसके लिए बेहद जरूरी है कि आप बच्चे से प्यार से बातचीत करते हुए उसकी समयाओं केा जानने की कोशिश करें और उसकी इस आदत के सही कारण तक पहुंचे।
कारण के पता चलने के बाद ज्यादा से ज्यादा कोशिश करें कि बच्चे को तनाव या बेचैनी का सामना दोबारा न करना पड़े। अगर बच्चा स्कूल के परिणामों की वजह से बेचैन है तो उसे इतना भरोसा दिलाएं कि उसकी मेहनत के अनुसार उसके परिणाम होंगे और अगर फिर भी परिणामों में किसी प्रकार की कमी रहती है तो आप दोनों मिलकर अगली बार और मेहनत करेंगे और उसके परिणाम बेहतद हो जाएंगे।
2. बच्चों को और विकल्प मुहैया कराएं
अगर आप जान चुके हैं कि आपका बच्चा बोरियत या फिर तनाव जैसी स्थिति में अपने नाखूनों को मुंह से काटता है तो आप बच्चे को इस आदत को छोड़ने के लिए दूसरे विकल्प मुहैया करा सकते हैं। जैसे कि स्ट्रेस बॉल। बच्चे को कहें कि जब कभी उसे तनाव हो तो वह इस बार को अपने हाथ से दबाए। लगभग 5 से 7 मिनट में ही बच्चे का तनाव कम हो जाएगा। साथ ही इस गतिविधि से बच्चे का ध्यान नाखूूनों से हटकर बॉल पर चला जाएगा।
3. बच्चों के प्रयासों के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें
अगर आपका बच्चा आपकी बताई बातों को ध्यान रखते हुए कुछ समय ही सही, लेकिन अपनी इस आदत पर नियत्रंण रख पाता है तो आपको बच्चे को और भी प्रोत्साहित करना चाहिए। आपके प्रोत्साहन से बच्चे को हमेशा ही अगली बार के लिए भी बेहतर प्रदर्शन करने की वजह मिल जाएगी।
4. इस बात का मुद्दा न बनाएं
छोटे बच्चों के साथ जहां आप उन्हें बार-बार उनकी इस आदत के लिए रोक-टोक सकते हैं, वहीं बड़े बच्चों के साथ आपको इस बात का मुद्दा बिल्कुल भी नहीं बनाना चाहिए। बार-बार रोकने-टोकने का मतलब है कि आपको इससे बहुत फर्क पड़ता है। तो ऐसे में बच्चे कभी-कभी आपको चिढ़ाने या फिर परेशान करने के लिए भी इस आदत का इस्तेमाल कर सकते हैं।
साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आप दूसरों के सामने बच्चे को उसकी इस आदत के लिए बुरा-भला न कहें। बच्चे दूसरों की नजरों में अपने सम्मान को कम होते देख कर खुश नहीं होते।
5. हर बार कुछ नया करने का प्रयास करें
हर बच्चा अलग होता है, तो जरूरी नहीं है कि आपके बच्चे पर भी वही चीज या वही फॉर्मूला काम करे, जो आपके दोस्त या आपके रिश्तेदार के बच्चे पर कर चुका हो। इसीलिए आपको अपने बच्चे की इस आदत को छुड़ाने के लिए हर संभव प्रयास लगातार करना चाहिए। और जहां आपको नजर आए कि आपके बच्चे में बदलाव आ रहा हो तो उसी गतिविधि को लगातार बनाए रखें।
बच्चों में किसी भी आदत को छुड़वाना आसाना नहीं है। इसके लिए माता-पिता को बातचीत से लेकर नए-नए प्रकार के उपकरणों तक का सहारा लेना पड़ता है। अगर इसके बावजूद आपको बच्चे की इस आदत में कोई फर्क दिखाई न दे तो आप बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जाएं। हो सकता है कि डॉक्टर आपको मनोचिकित्सक से मिलने की सलाह भी दे।