अब मौसम के साथ-साथ स्कूल में बच्चों की क्लास भी बदल गई है, तो ऐसे में एक बार फिर आपके बच्चों के कमरे को पूरी तरह से साफ करने का वक्त आ गया है, जिसमें उनके पुराने कपड़ों के साथ-साथ इस्तेमाल हो चुकी कॉपियों, रंगों को भी अलमारी से बाहर करना होगा। आइए जानते हैं कि कैसे आप अपने बच्चों के कमरे को अगले सत्र के लिए तैयार कर सकते हैं।
परीक्षाओं के परिणाम आने के बाद लगभग कुछेक दिनों में ही नया सत्र भी शुरू हो जाएगा। लेकिन अभी तक क्या आपके बच्चे का कमरा, उसकी अलमारी पिछले पुराने कपड़ों, किताबों-कॉपियों से ही भरा हुआ है तो फिर नया सामान कहां आएग? अगर आपके बच्चे भी कुछ इसी परिस्थिति में हैं तो फिर देर किस बात की है, चलिए जल्दी से बच्चे के कमरे और अलमारी को व्यवस्थित करते हैं।
कैसे करें बच्चों के कमरे को व्यवस्थित
1. पुरानी चीजों को निकालें अलमारी से
किसी भी नई चीज की जगह तभी बनेगी, जब आप पुरानी चीजों को अलमारी से बाहर निकालेंगे। इसके लिए आप बच्चे के कपड़ों और कॉपी-किताबों को एक-एक कर जांच लें और फिर जो कपड़े जरूरत के न हों, उन्हें अच्छे से साफ कर के एक लिफाफे में रख दें।
2. पुरानी कॉपियों का करें सही इस्तेमाल
जरूरी नहीं है कि सभी कॉपियां पूरी तरह से भर चुकी हों, इसीलिए आप बच्चे की सभी पुरानी कॉपियों को देखें। उनमें मौजूद सभी खाली पन्नों को अलग कर लें। आप चाहें तो इन पन्नों को दोबारा जिल्द करा इनका इस्तेमाल रफ कॉपी की तरह कर सकते हैं।
3. पुरानी किताबों को दें जरूरतमंद को
जब भी पुरानी किताबों का इस्तेमाल खत्म हो गया हो तब आप इन्हें अपनी जान-पहचान में किसी जरूरतमंद को दें या फिर आप चाहें तो आप अपने स्कूल में दें। आप स्कूल में पता कर सकते हैं कि क्या वहां किसी को पुरानी किताबों की जरूरत है तो आप इन किताबों को रद्दी में न दे कर उन बच्चों को दें।
4. स्कूल की यूनिफॉर्म को सही से जांचें
बच्चों की यूनिफॉर्म लगभग हर साल छोटी हो जाती है। ऐसे में आप यूनिफॉर्म को ठीक से जांचें। अगर उन्हें अतिरिक्त मार्जिन हो तो आप उन्हें रख सकते हैं। ध्यान रहे कि अभी तक सर्दियों की यूनिफॉर्म पहननी थी और नए सत्र में बच्चे को गर्मी की यूनिफॉर्म पहननी होगी। इसीलिए आप गर्मी की यूनिफॉर्म को भी निकाल लें और फिर उसे जांच लें। अगर वह बच्चे को सही आती हो या फिर उसमें ऑलट्रेशन की गुंजाइश हो तो उसे ठीक कर के अपने पास रख लें। अन्यथा स्कूल में या अपनी जान-पहचान में किसी भी जरूरतमंद बच्चे को अपनी साफ यूनिफॉर्म दें।
5. स्कूल स्टेशनरी का जायजा लें
हर साल जब बच्चों के स्कूल का नया सत्र शुरू होता है तो उस समय स्कूल स्टेशनरी से जुड़ा काफी सामान दोबारा बच्चों की अलमारी और कमरे में अपनी जगह बनाते हैं। इसीलिए आप एक बार नई स्टेशनरी खरीदने से पहले पुराने सामान का जायजा लें कि आपके बच्चे को कौन-कौन सी नई चीज की जरूरत है। आप उनके पेंसिल बॉक्स से लेकर, रंग, ब्रशेस आदि की स्थिति को देख लें कि बच्चे के पास कौन-सी चीज की कमी है या कौन-सी चीज ठीक नहीं है।
6. बच्चों को दें ऑर्गेनाइजर
बच्चों के कमरे और अलमारी को सही रखने में काफी मदद मिलती है ऑर्गेनाइजर के साथ। इसमें आप बच्चों की एक्टिविटीज शीट्स से लेकर उनके विभिन्न रंगों, पेंसिल्स आदि को संभाल सकते हैं। ध्यान रहे कि आप बच्चों के लिए खूबसूरत रंगों और प्रिंट्स वाल ऑर्गेनाइजर का इस्तेमाल करें। आप चाहें तो घर पर ही बेहद खूबसूरत ऑर्गेनाइजर को घर पर ही बना भी सकते हैं।
7. बच्चों के पुराने रंगों को दें नया अंदाज
आमतौर पर 9 से 10 साल के बच्चे जो ज्यादातर क्रेयॉन्स इस्तेमाल करते हैं, उनके क्रेयॉन्स बड़ी संख्या में हर साल खराब भी होते हैं। ऐसे में बच्चे हर बार नए क्रेयॉन्स की मांग करते हैं। तो ऐसे में आप बच्चों के पुराने क्रेयॉन्स को आराम से घर पर माइक्रोवेव में पिघला कर उन्हें सिलिकॉन मोल्ड में अलग-अलग आकारों में तैयार कर सकते हैं।
8. बच्चों के कमरे में लगाए नए सत्र का कैलेंडर
नए सत्र की शुरुआत नई चीजों के साथ करनी चाहिए। तो ऐसे में आप बच्चों के कमरे में रखे पुराने शैक्षिक कैलेंडर को हटा कर नया नया कैलेंडर लगाएं। अगर बच्चे के स्कूल से वार्षिक की जगह मासिक कैलेंडर मिलता है तो आप हर माह की शुरुआत में इस कैलेंडर को बदलते रहें, ताकि आप और बच्चा दोनों ही स्कूल की विभिन्न गतिविधियों से परिचित रहें।
9. सामान के अनुसार बनाएं जगह
जब बच्चे छोटे होते हैं तो उनका सामान भी कम होता है, वहीं बड़ी क्लासेज के साथ ही बच्चों का सामान भी काफी बढ़ता जाता है। इसीलिए आप बच्चे के सामान को देखते हुए उसकी अलमारी में और जगह बनाएं या फिर नई जगह जैसे कि बुकशेल्फ, स्टडी टेबल आदि का इंतजाम करें। साथ ही आप बच्चे को इस बात के लिए भी प्रोत्साहित करें कि वे अपनी चीजों को सही जगह रखे और अपने कमरे व अलमारी को साफ भी रखने की कोशिश करें।
10. बच्चे को चीजें दिनों के हिसाब से रखना सिखाएं
चाहें बात स्कूल यूनिफॉर्म की हो कॉपी-किताबों की या फिर घर में पहनने वाले कपड़ों की। आप बच्चे को सप्ताह के 7 दिनों के हिसाब से स्कूल की यूनिफॉर्म, जूतों, कॉपी-किताबों को रखने के बारे में कहें, ताकि हर रोज उन्हें अलमारी में कुश्ती करते हुए अपनी चीजों को ढूंढ़ना न पड़े। कुछ ऐसा ही आप बच्चे की स्कूल यूनिफॉर्म से जुड़ी अन्य चीजों जैसे कि आई-कार्ड, टाई, स्कूल बेल्ट, जुराबों, हेयरबैंड या रिब्बन्स के साथ भी आप कर सकते हैं।
बच्चे की अलमारी हो या फिर उनका कमरा। साप्ताहिक, मासिक सफाई के अलावा पुराने सत्र के अंत में यह वार्षिक सफाई करना भी बहुत जरूरी होता है, क्योंकि इससे आपको उनके कमरे में सही जगह और चीजों का आंकलन भी लगने लगता है। आप भी बच्चे की नई चीजों को लाने से पहले उनकी पुरानी चीजों को उनकी सही जगह पर पहुंचाने का प्रयास करें।