सितंबर महीने की शुरुआत के साथ ही सत्र 2020-21 के लिए पहले सत्र की परीक्षाएं लगभग सभी विद्यालयों में आयोजित की जा रही हैं। यह साल थोड़ा अलग है। कोविड-19 के चलते न तो स्कूल में क्लासेज हुईं हैं और न ही अब परीक्षाएं होंगी। इसके लिए सभी स्कूल ज्यादातर ऑनलाइन परीक्षाओं का ही आयोजन कर रहे हैं। पहली बार बच्चे की ऑनलाइसन परीक्षाओं को लेकर निश्चित तौर पर आप काफी चिंतित होंगे। आइए कैसे इन परीक्षाओं की तैयारी की जाए जानते हैं स्कूलमाईकिड्स के साथ।
बच्चों का प्रश्न पत्र कैसा होगा? बच्चे कैसे सभी सवालों के जवाब देंगे? ऐसे कई सवाल माता-पिता के दिमाग में इस वक्त कौंध रहे होंगे, जिनके बच्चों की परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जा रही हैं। वैसे तो युनिट टेस्ट के नाम पर कई बार बच्चे बहु-वैकल्पिक प्रश्नों यानि एमसीक्यू पैटर्न पर छोटे-मोटे टेस्ट दे चुके हैं, लेकिन यह पहली बार है कि छोटे-छोटे बच्चे पूरी-पूरी परीक्षाएं ऑनलाइन दे रहे हैं।
कैसे करें बच्चों को ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए तैयार
1. परीक्षाओं की डेट शीट को ध्यान से देखें
सभी स्कूल इस बार अलग-अलग तरीके से ऑनलाइन परीक्षाओं को आयोजित कर रहे हैं। जैसे कई स्कूल सिर्फ एमसीक्यू या बहु-वैकल्पिक प्रश्नों के माध्यम से ही बच्चों की परीक्षाएं ले रहे हैं तो कई स्कूल गूगल फॉर्म या कस्टमाइज्ड ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर भी बच्चों की परीक्षाएं ले रहे हैं। क्योंकि परीक्षाएं ऑनलाइन हैं, इसीलिए बच्चों को लिखित कॉपी की तस्वीर को पीडीएफ फॉर्मेट में कॉपी भी करना हो सकता है। ऐसे में सभी स्कूल अलग-अलग स्लॉट एवं अतिरिक्त समय का विकल्प भी दे रहे हैं। इसीलिए इस बार सिर्फ तारीख ही नहीं, बल्कि समय का भी पूरा ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
2. परीक्षा से पहले स्कूल की तरफ से जारी जानकारी को ध्यान से पढ़ें
जहां ऑनलाइन परीक्षाएं बच्चों के लिए पहली बार हो रही हैं, वहीं स्कूल भी इस प्रयोग को पहली बार ही कर रहे हैं। ऐसे में बेहद जरूरी हो जाता है कि आप स्कूल की ओर से जारी जानकारी को बहुत ध्यान से पढ़ें और परीक्षा के समय भी सभी नियमों को ध्यान में रखते हुए प्रश्नपत्र को पूरा हल करें।
3. बच्चों को लैपटॉप या मोबाइल फोन पर परीक्षा का अभ्यास कराएं
इस बार क्योंकि बच्चों की परीक्षाएं लैपटॉप या मोबाइल फोन के जरिये होंगी तो इसके लिए जरूरी है कि आप बच्चे को लैपटॉप और मोबाइल फोन पर टाइपिंग का अभ्यास भी कराएं। साथ ही किसी आप बच्चे को सिखाएं कि अनुच्छेद, निबंध या फिर पत्र लेखन के दौरान उन्हें किन बातों का ध्यान रखना होगा। अगर किसी बच्चे को टाइपिंग में कोई समस्या हो तो आप उसे टाइपिंग सिखाने की भी कोशिश करें।
4. पूरी नींद लेना है जरूरी
परीक्षाएं ऑनलाइन हों या लिखित, परीक्षाओं के दौरान बच्चों की नींद पूरी होना भी बेहद जरूरी है। अगर आपके बच्चे रात को देर से सोएंगे तो ऐसे में परीक्षा के समय उन्हें नींद आने लगेगी, इसीलिए आप बच्चे को रात को समय पर सोने को कहें और अगर मुनासिब हो तो दिन के समय भी उन्हें कम से कम एक घंटे के लिए नींद लेने को कहें।
5. पौष्टिक भोजन कराएं
परीक्षाओं में बच्चों की सेहत को बनाए रखना और मानसिक तनाव को कम करना दोनों बेहद जरूरी है, इसीलिए आप बच्चे को पौष्टिक आहार कराएं। जैसे कि बादाम, दूध, फल हरी सब्जियां आदि। परीक्षाएं ऑनलाइन हो रही हों या सामान्य बच्चों को इस दौरान तला हुआ या मसालेदार भोजन नहीं कराना चाहिए। ताकि उन्हें अधिक नींद या आलस न आए।
6. बच्चों पर परीक्षाओं का अधिक दबाव न डालें
हम जानते हैं कि नए तरीके से परीक्षाएं होने के कारण आप काफी चिंतित होंगे, लेकिन अपनी इस चिंता को बच्चों पर न लादें। आप कोशिश करें कि बच्चों से परीक्षाओं के बारे में कम से कम बातचीत करें। बल्कि आप उनसे उनकी तैयारी के बारे में बातचीत करें और जहां जरूर लगे, वहां बच्चों की मदद करें।
7. बच्चों के स्क्रीन टाइम को कम करें
जैसे कि हम सभी जानते हैं, इस समय बच्चों के स्कूल ऑनलाइन चल रहे हैं। लेकिन परीक्षाओं के बीच में माता-पिता को खास इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके बच्चे जरूरी क्लासेज के अलावा बहुत अधिक समय स्क्रीन को देखते हुए न बिताएं। अगर मुनासिब हो तो आप बच्चों के मनोरंजन के लिए लैपटॉप या मोबाइल फोन या उनकी अतिरिक्त ऑनलाइन क्लासेज को कुछ समय के लिए टाल दें। इससे बच्चों की आंखों पर भी अधिक दबाव पड़ता है और साथ में इससे उनका भटकाव भी अधिक रहता है।
बच्चों के मन में भी नए पैटर्न या ऑनलाइन परीक्षाओं को लेकर कई सवाल हो सकते हैं, इसीलिए जरूरी है कि आप बच्चों की बातों को ध्यानपूर्वक सुने और उनके सवालों का जवाब भी दें। अगर आपको भी कोई संदेह हो तो आप बच्चे की टीचर से इस बारे में जरूर बात करें और बच्चे की समस्या का समाधान निकालें। ये सिर्फ परीक्षा है, इसीलिए बच्चों पर जोर-जबरदस्ती न करें। हो सकता है, उन्हें भी नए माहौल या नए तरह की परीक्षाओं में कोई समस्या हो रही हो। आप उनका साथ दें और उनका पुर्नाभ्यास जारी रखें, जैसे पहले किया जाता था।