बच्चों के नाम पर माता-पिता काफी कुछ संचय करने के बारे में सोचते हैं। वहीं कभी-कभी माता-पिता बच्चों को बचत करना सीखाने के लिए भी बैंक में उनका खाता खुलवा देते हैं। दोनों ही मामलों में यह बच्चों के लिए बहुत बढ़िया विकल्प है। आइए जानते हैं कैसे खोलें बच्चे का बैंक में खाता।
पहले के जैसे अब बैंक में बच्चों के नाम पर खाता खोलने में कई नियम बदल चुके हैं। अब पहले की तरफ बच्चों को अपने बैंक खाते को इस्तेमाल करने के लिए 18 साल की आयु सीमा को पूरा करने की आवश्यकता भी नहीं है। बल्कि वे अब वे 10 साल की अपनी आयु के बाद से खुद अपने बैंक खाते को संभाल सकते हैं।
यही वजह है कि ज्यादातर बैंकों ने बच्चों के बैंक खाते को दो श्रेणियों में बांट दिया है। पहली श्रेणी में 10 साल से कम आयु के बच्चों का बैंक खाता खोला जा सकता है और दूसरी श्रेणी में 10 साल से अधिक आयु के बच्चों का बैंक खाता खोला जा सकता है। 10 साल से कम आयु के बच्चों के जब आप बैंक खाता खोलते हैं तो उसमें बच्चे और उसके अभिभावक संयुक्त रूप से बैंक खाते को इस्तेमाल करते हैं। यानी बच्चे का पूर्ण अधिकार अपने बैंक खाते पर नहीं होता। जबकि 10 साल से अधिक आयु के बच्चों के नाम पर खुलने वाले बैंक खाते को बच्चा पूरी जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल कर सकता है।
बच्चों के नाम खुलने वाले बैंक खाते बच्चे की 18 वर्ष की आयु होने के साथ ही वे निष्क्रिय (inoperative) हो जाते हैं। उन्हें आपको एक सामान्य बचत खाते के रूप में परिवर्तित करवाना होता है।
कैसे खोलें बच्चे के नाम का बैंक में बचत खाता
1. बैंक खाता खोलने के लिए फॉर्म
आप किसी भी बैंक में खाता खुलवाना चाहते हैं, सबसे पहला काम खाता खोलने का फॉर्म भरने का रहेगा। इस फॉर्म में नाबालिग बच्चे का नाम, उसके अभिभावकों की विस्तृत जानकारी और स्थायी पते से संबंधित जानकारी पूछी जाती है। ध्यान रहे इस पूरे फॉर्म को अंग्रेजी के कैपिटल लेटर में साफ-साफ भरना चाहिए।
2. जरूरी दस्तावेज
बच्चे के नाम का बैंक खाता खुलवाने के लिए जरूरी दस्तावेज इस प्रकार से हैंः
- बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र
- बच्चे का आधार कार्ड
- माता-पिता या अभिभावक के केवाईसी (KYC/ Know Your Customer) दस्तावेज
- माता-पिता या अभिभावक और बच्चे के (अगर बच्चा 10 साल से अधिक आयु का है तो) दस्तख्त के नमूने
किस प्रकार का बैंक खाता है आपके बच्चे के लिए सही?
बच्चों के लिए अगर बचत की बात की जाए तो सबसे बेहतर तरीका है बचत खाता, जिसमें जोखिम कोई भी नहीं है, जबकि एक निश्चित ब्याज बच्चों को मिलना ही मिलना है। आइए देखें आप किस प्रकार के बैंक बचत खाते का चयन कर सकते हैं।
- जब आप अपने बच्चे के लिए नया बचत खाता खोल रहे हों तो ऐसे बैंक में खाता खोलें, जहां न्यूनतम जमा राशि (Minimum Balance) बनाए रखने की कोई आवश्यकता न हो। यह इसीलिए क्योंकि जरूरी नहीं है कि आपके बच्चे के पास बैंक में जमा करने के लिए इतने पैसे हों। साथ ही अगर वह अपने खाते में से पैसे निकालता है तो इस बात के लिए बच्चे के खाते में कोई जुर्माना न लग जाए।
- ऐसे बैंक खाते में खुलवाएं जहां मासिक संरक्षण शुल्क (monthly maintenance fee) न लिया जाता हो। इससे आपके बच्चे की छोटी-छोटी बचत में भी सेंध लग जाएगी।
- आप चाहें तो बैंक खाता खोलने से पहले यह भी पता कर सकते हैं कि किसी बैंक के बच्चों के लिए बचत खाते में सर्वाधिक ब्याज दर (Interest rate) चल रही है। अधिक ब्याज दर का फायदा आपको तब मिल सकता है जब आप बच्चे के खाते में जल्दी-जल्दी पैसों को निकालने पर विचार न कर रहे हों और एक निर्धारित समय पर ही पैसे निकालेंगे।
- आप ऐसे बैंक में बच्चे का बचत खाता खुलवाने पर विचार करें जहां आपको इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा भी मिले, ताकि आप बच्चे के लेन-देन की जानकारी आसानी से हासिल कर सकते हैं।
एक नजर इधर भी
- नाबालिग बैंक खाता (Minor Bank Account) होने की वजह से बच्चों के बैंक खाते में कुछ सुविधाओं पर जहां सीधे-सीधे प्रतिबंध होते हैं, वहीं इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम कार्ड, चेक बुक आदि पर भी भी सुरक्षा की नजर से काफी रोक-टोक होती है। बैंक खाते की सुरक्षा के लिए कई बैंक फोटो सहित एटीएम कार्ड जारी करते हैं, वहीं कुछ बैंक इंटरनेट बैंकिंग के लिए पहले माता-पिता या अभिभावकों से सहमति पत्र की मांग करता है।
- कई बैंक ने रोजमर्रा के खर्च (Daily Spends) की सीमा 1000, 2500 से लेकर 5000 रुपये तक तय की हुई है, जिससे बच्चा या कोई अन्य व्यक्ति अपनी इच्छा से इससे अधिक धनराशि न निकाल पाएं। ज्यादातर बैंकों के बचत खाते में एक न्यूनतम धनराशि जमा रखना अनिवार्य किया हुआ है। जिसकी सीमा सभी बैंकों ने अपने मानकों के अनुसार तय की हुई है।
- केवाईसी (KYC/ know your customer) किसी भी बैंक में खाता खुलाने के लिए अनिवार्य कर दी गई है। 10 वर्ष से कम आयु के संदर्भ में बच्चे के जन्म का प्रमाणपत्र और माता-पिता या अभिभावक के पैन कार्ड और आधार कार्ड की कॉपी ली जाती है। वहीं 10 वर्ष से अधिक आयु होने पर सिर्फ बच्चे का आधार कार्ड और उसके जन्म का प्रमाणपत्र की कॉपी मांगी जाती है।