अपने बच्चों की सेहत बनाने के साथ-साथ आप अपना और बच्चे का बेहतर संबंध बनाए रख सकते हैं, बच्चे की मालिश करने के जरिये। छोटे बच्चे की मालिश कब और कैसे करें आइए जानते हैं।
नवजात शिशु की मालिश करना बेहद जरूरी माना जाता है। अध्ययन भी बताते हैं कि बच्चे की मालिश करने से बच्चे की नींद बेहतर होती है, उसे पेट दर्द में आराम मिलता है, और तो और इससे बच्चे की रोग-प्रतिरोधक क्षमता और मोटर स्किल्स में भी बढ़ोतरी होती है। किस प्रकार से नवजात शिशु की मालिश की जानी चाहिए, आइए जानते हैं।
मालिश से पहले की तैयारी
बच्चे की मालिश करने से पहले तौलिया या कंबल का इस्तेमाल करें। बच्चे की मालिश करने से पहले किसी खुले मुंह वाले बर्तन में तेल को निकाल लें। मालिश करने से एक दिन पहले बच्चे की त्वचा पर तेल का परीक्षण जरूर करें, कि कहीं बच्चे को कोई एलर्जी तो नहीं हो रही। बच्चे की मालिश आप उस वक्त करें जब बच्चा शांत पर सजग हो। दूध पिलाने के तुरंत बाद या सोते हुए बच्चे की मालिश नहीं करनी चाहिए।
आपकी अवस्था
बच्चे की मालिश करने के लिए आप एक मुलायम गलीचे पर नीचे या फिर बिस्तर पर बैठें। बैठने के वक्त आप अपनी टांगों को घुटने से मोड़ते हुए दोनों पैरों को सामने की तरफ ऐसे मोड़ें कि डायमंड का आकार बनें। इसके बाद आप अपने पैरों से लेकर घुटनों तक कंबल रखें।
अब बच्चे के कपड़े आराम से उतारें और उसे कंबल पर धीरे से रखें ताकि उसका सिर आपके पैरों पर हो। हब उससे बातें करते हुए धीरे-धीरे प्यार से सहलाएं। मालिश करते हुए एक बात का ध्यान रखें अगर बच्चा कभी भी चिड़चिड़ा हो, अपने शरीर को अकड़ने लगे या रोने लगे तो आप उसके शरीर के दूसरे अंग की ओर बढ़ें या मालिश को वहीं रोक दें। अगर बच्चा मालिश कराते हुए बहुत खुश हो तो धीरे-धीरे उसके सभी अंगों पर मालिश करें।
कैसे करें मालिश
पेट की मालिश
अपने हाथ को बच्चे के पेट पर इस प्रकार रखें कि आपकी छोटी उंगली बच्चे के पेट पर साइकिल के पैडल की तरह चले। आप पेट पर मालिश करने की शुरुआत उसकी पस्सलियों के साथ करें। बच्चे के पेट पर और पेट के निचले हिस्से में उंगलियों को घुमाते हुए घड़ी की दिशा में चलाएं। अब बच्चे के पेट की बाईं और दाईं और ऊपर से नीचे की तरफ हल्के हाथ से मालिश करें।
बच्चे के घुटनों और पैरों को धीरे से उसके पेट के पास लेकर आएं और उन्हें गोल-गोल घुमाएं। इससे बच्चे के पेट की गैस निकलने में मदद भी होगी।
नोट: अगर आपके बच्चे की नाभि पूरी तरह से ठीक न हुई हो तो ऐसी हालत में बच्चे के पेट की मालिश नहीं करनी चाहिए।
सिर और चेहरे की मालिश
अपने बच्चे के सिर को दोनों हाथों में पकड़ें और बच्चे के सिर की मालिश उंगलियों से करें, जैसे कि आप बच्चे के सिर पर शैम्पू लगा रहे हों। बच्चे के सिर में एक मुलायम भाग होता है, यहां मालिश नहीं करनी चाहिए। सिर से होते हुए अपने दोनों हाथों की तर्जनी और अंगूठे की मदद से उसके कानों की मालिश करें।
अपने हाथों को बच्चे के चेहरे पर लेकर आएं और दिल का आकार बनाते हुए उसकी मालिश करें। अपने अंगूठे को बच्चे की दोनों आईब्रोज के बीच में रखें और वहां मालिश करें। हाथों को नाक से गालों के बाहर तक ले जाते हुए बच्चे की मालिश करें। बच्चे की जबड़े की मालिश करनें के लिए अपनी उंगलियों का प्रयोग घुमाते हुए करें।
छाती की मालिश
अपने दोनों हाथों को बच्चे की छाती पर रखें और मालिश करते हुए दोनों हाथ कंधे से बाहर ले जाएं। आप बच्चे के गले के मौजूद हड्डियों के जोड़ से दिल का आकार बनाते हुए पहले हाथों को ऊपर ले जाएं और फिर वापस अंदर लाते हुए बच्चे की मालिश करें। छाती की मालिश करने के साथ ही आप बच्चे के दाएं कंधे को बाईं टांग के ऊपर उठाते हुए नजदीक लाएं और फिर ऐसा ही बाएं कंधे और दाईं टांग के साथ दोहराएं।
बांहों की मालिश
अपने एक हाथ से बच्चे की कलाई को पकड़ें और उस पर हल्के हाथ से दबाते हुए बच्चे की ऊपरी बांह को आराम पहुंचाएं। नवजात शिशुओं की बांह बहुत ही नाजुक होती है, इसीलिए बहुत हल्के हाथ से उनकी मालिश करनी चाहिए। इसके लिए आप बच्चे के कंधे से अपने हाथ की पकड़ को हल्का करते हुए उसकी कलाई तक मालिश करें। इसके बाद बच्चे की हथेली की मालिश करते हुए अपने अंगूठे का इस्तेमाल करते हुए उसकी हथेली से उंगलियों की तरफ आगे बढ़ें। बच्चे की कलाई की मालिश करने के लिए आप उसकी कलाई पर घुमाते हुए उंगलियों का इस्तेमाल करें। बच्चे की बांह को अपने दोनों हाथों में ले कर उन्हें हथेलियों के बीच घुमाएं।
पीठ की मालिश
बच्चे को पेट के बल लेटाते हुए बच्चे की मालिश करनी चाहिए। इस समय बच्चे के हाथो को उसके सामने की तरफ रखें। अब अपने दोनों हाथों को बच्चे की पीठ पर आगे-पीछे उसकी गर्दन से नीचे की दिशा में चलाएं। बच्चे को कमर से नीचे एक हाथ से पकड़ें और अपने एक हाथ से उसकी मालिश गर्दन से नीचे की ओर करें। अपनी उंगलियों का इस्तेमाल बच्चे की रीठ की हड्डी के आस-पास घुमाते हुए मालिश करने में करें। बच्चे की रीठ पर सीधे जोर नहीं डालना चाहिए।
बच्चे की पीठ पर मालिश करते समय ही उसके कंधों पर छोटे-छोटे गोले बनाते हुए मालिश करें। बच्चे की कमर के नीचले हिस्से में बड़े-बड़े गोले बनाते हुए मालिश करें।
टांगों की मालिश
बच्चे की एक टांग को उसकी एडी के पास से उठाएं और उसकी जांघ के पास हल्के हाथ से उसकी मालिश करें। उसके बाद बच्चे की टांग की मालिश करने के लिए अपने हाथ को उसकी जांघ से उसके पैर तक लेकर आएं। इसके बाद आप बच्चे के टांग को जांघ के पास पकड़ें और दूसरे हाथ को उसके नीचे की तरफ रखें और ऐसे मालिश करते हुए अपने हाथों को नीचे की और लेकर आएं जैसे कि आप तौलिये को निचोड़ रहे हैं।
बच्चे के पैर के निचले हिस्से में मालिश करने के लिए आप अपने हाथों के दोनों अंगूठों को एड़ी से पंचे की तरफ मालिश करते हुए लाएं। साथ ही अपनी उंगलियों का इस्तेमाल करते हुए बच्चे के पैर के नीचे हल्का-हल्का मारें। बच्चे के पैर को एड़ी पर गोल-गोल घुमाएं। अब बांहों की ही तरह बच्चे की टांगों को भी अपने दोनों हाथों में घुमाएं।
इन बातों का रखें ख्याल
- बच्चे को हल्के हाथ से मारने का मतलब उसे गुदगुदी करना नहीं है।
- रोज बच्चे की मालिश करने का भी एक समय तय करें।
- बच्चे के संकेतों को देखें कि कब वह असहज हो रहा है। आप 10 मिनट से लेकर 30 मिनट तक ही मालिश कर सकते हैं। अगर बच्चा चिड़चिड़ा हो रहा हो तो आप उसकी मालिश को रोक दें।