अनुष्का अपने बच्चे के भविष्य को लेकर हमेशा चिंतित रहती है। उसका पाँच साल का बेटा ऋतिक बहुत एक्टिव है लेकिन फिर भी वह नहीं समझ पाती है कि उसमें कौन सी प्रतिभा छुपी है और किन गतिविधियों की ओर उसकी ज्यादा रुचि है जिनके लिए वह ऋतिक को और प्रोत्साहन दे। यह केवल अनुष्का की परेशानी नहीं है बल्कि कई माँ-बाप इस समस्या का सामना करते हैं। वे जिस और बच्चे को ले जाना चाहते हैं, उसमें बच्चे की रुचि नहीं होती और बच्चे की जो वास्तविक रुचि है, उसके बारे में उन्हें पता नहीं होता। आमतौर पर इतने छोटे बच्चे के टैलेंट को पहचान पाना काफी मुश्किल काम है। लेकिन फिर भी बच्चे की आगे की पढ़ाई और भविष्य को देखते हुए यह जरूरी बन जाता है कि उसके टैलेंट को पहचाना जाए और उसको उसकी रुचि के अनुसार के ही आगे बढ़ाया जाए। तो एक बच्चे में छुपी हुई प्रतिभा को कैसे पहचाना जाए उसके लिए कुछ टिप्स हम दे रहे हैं, जो आपके काफी काम आएंगे।
कैसे पहचाना जाए बच्चे में छुपी हुई प्रतिभा को
1. सर्वप्रथम बच्चे की रुचि की ओर ध्यान दीजिए
बच्चे की छुपी हुई प्रतिभा को पहचानने के लिए सबसे पहले उसकी रुचि की ओर ध्यान दीजिए। वह किस तरह की एक्टिविटीज करता है। किस चीज में, किस विषय की पढ़ाई में उसको सबसे ज्यादा रुचि है, उसको गौर से देखिए। बच्चे की छुपी हुई प्रतिभा को पहचानने का यह सबसे अच्छा तरीका है। जब बच्चा अपनी इच्छा के अनुसार कुछ क्रिएटिव करता है तो वह उस कार्य में धीरे-धीरे परफेक्ट होता चला जाता है। इसलिए किसी भी बच्चे के टैलेंट को पहचानने के लिए उसकी रुचि का आपको पता होना चाहिए।
2. बच्चे की एक्टिविटीज पर गौर कीजिए
छोटा बच्चा अपनी रुचि को आपसे कहकर एक्सप्रेस नहीं कर पाएगा लेकिन उसकी जो एक्टिविटीज हैं, उनको ध्यान से देखिए। बच्चे को क्या करना सबसे ज्यादा पसंद है। स्टडी टाइम में भी उसका इंटरेस्ट किस और ज्यादा रहता है। इसके अलावा घर के किस सामान को देखने – परखने में उसको अच्छा लगता है। इन सब एक्टिविटीज पर ध्यान देकर आप बच्चे के छुपे हुए टैलेंट को आसानी से पहचान सकते हैं। जब आप अपने बच्चे के छुपे हुए टैलेंट को पहचानेंगे, तभी उसके उस टैलेंट को निखारने की कोशिश भी करेंगे।
3. किसी हॉबी क्लास के लिए मना मत कीजिए
बच्चा अगर किसी हॉबी क्लास में जाना चाहता है तो उसको मना मत कीजिए। उसको अपनी इच्छा के अनुसार हॉबी को समय देने दीजिए। वह किसी खेल, पेंटिंग, डांसिंग, म्यूजिक आदि जिसमें भी जाना चाहता हो, उसे जाने दीजिए। आगे चलकर उसका यही टैलेंट उसके भविष्य को सफल बनाने में मदद करेगा। आधुनिक समय में वैसे भी सिर्फ पढ़ाई – लिखाई से काम नहीं होने वाला। बच्चे को ऑलराउंडर होना चाहिए। इसलिए उसको हॉबी क्लासेस जरूर करानी चाहिए।
4. किसी प्रोफेशनल से बच्चे का एप्टिट्यूड टेस्ट कराइए
जब बच्चा थोड़ा समझदार हो जाता है यानी जब वह आठवीं या नौवीं क्लास में पहुंच जाता है तो किसी अच्छे प्रोफेशनल से उसका एप्टिट्यूड टेस्ट करा लें। इस एप्टिट्यूड से बच्चे की प्रतिभा का पता चल जाएगा। इस टेस्ट से पता चलेगा कि वह किस फील्ड में बहुत आगे जाने की क्षमता रखता है।
5. बच्चे के सामने कुछ एक्सपेरिमेंट करके देखिए
अपने बच्चे के सामने कुछ किताबें, पजल, गेम्स, इनसाइक्लोपीडिया, पपेट बनाने का सामान, पेंटिंग करने का सामान आदि रखें। अब आप ध्यान दीजिए कि इन सारी चीजों के सामने वह किस चीज के साथ ज्यादा देर समय बिताता है। किस सामान में वह सबसे ज्यादा रुचि ले रहा है। जब आप कुछ क्रिएटिव काम कर रहे हों तो उसके सामने बैठिए और देखिए कि वह आपके काम में रुचि तो नहीं ले रहा।
6. अगर बच्चे में हैं इंजीनियर बनने के गुण
बचपन से ही बच्चे की गतिविधियां यह बता देती हैं कि वह भविष्य में आगे चल कर क्या बनना चाहता है। जैसे बच्चा अपने किन खिलौनों से ज्यादा देर तक खेलता है या किस खिलौने को ज्यादा पसंद करता है। इससे पता चलता है कि वह किस क्षेत्र में महारत हासिल करेगा। यदि एक बच्चा खिलौनों में कार या कार जैसी चीजों से खेलता है और उनके खिलौनों के वह सभी हिस्से खोल – खोल कर, निकाल- निकाल कर देखता है, उन्हें समझता है और फिर से जोड़ने की कोशिश करता है तो इससे यह पता चलता है कि वह भविष्य में इंजीनियरिंग के फील्ड में ज्यादा रुचि लेगा।
7. अगर बच्चे में हैं टीचर, प्रोफेसर या साइंटिस्ट बनने के गुण
अपनी गतिविधियों के दौरान अगर बच्चा काफी संभलकर खेलता है, खिलौनों या चीजों को उनके आकार और रंगों के अनुसार क्रम से चुनता है या लगाकर रखता है, इसके साथ ही जब तक उसे उत्तर ना मिल जाए प्रश्न पूछता रहता है, ऐसी क्वालिटी वाले बच्चों की रुचि साइंस और मैथ्स में रहती है।
8. यदि बच्चा बनना चाहता है क्रिएटिव लर्नर
ऐसे बच्चे जो कल्पना करके कहानियां बनाते और सुनाते हैं, साथ ही ऐसे बच्चे जो दिन में सपने देखते हैं। इसके अलावा ऐसे बच्चे जो लोगो, पजल जोड़कर बहुत खुशी का अनुभव करते हैं, वे बच्चे काफी क्रिएटिव यानी रचनात्मक होते हैं। इन बच्चों को काफी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। आगे चलकर ये लोग भविष्य में बहुत कुछ अच्छा करने की क्षमता रखते हैं।
9. अगर बच्चे में हैं आर्किटेक्ट बनने के गुण
अगर बच्चा डिजाइन बनाने और ड्राइंग में काफी रुचि रखता है, तो वह आर्किटेक्ट की ओर जाने की इशारा करता है। एक आर्किटेक्ट बनना कोई आसान बात नहीं है इसलिए अगर आप देखते हैं कि आपका बच्चा डिजाइन करने में याद ड्राइंग करने में बहुत रुचि रखता है तो आप उस को प्रोत्साहित कीजिए।
10. अगर बच्चे में है स्पोर्ट्समैन बनने के गुण
एक बच्चा जब बिना थके, पूरे उत्साह से लगातार क्लाइंबिंग, जंपिंग, डांसिंग करता रहता है तो आप समझ लीजिए कि आपका बच्चा काफी एक्टिव है। वह एक सफल स्पोर्ट्समैन, डांसर आदि बन सकता है। ऐसे बच्चे आगे चलकर बैठने वाली जॉब में रुचि ना लेकर एक फिजिकली एक्टिव रहने वाली जॉब में रुचि रखते हैं। इस बात से तो आप अनजान नहीं हैं कि आजकल एक स्पोर्ट्सपर्सन देश विदेश में कितना सम्मान प्राप्त करता है।
11. बच्चे की छुपी प्रतिभा को निखारने की कोशिश करें
हर बच्चे में अपने अलग – अलग गुण होते हैं। उनकी अलग – अलग अपनी खासियत होती है। कोई भी बच्चा ऐसा नहीं होता जो अपने आप में किसी तरीके से खास ना हो। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप उसकी प्रतिभा को पहचान पाते हैं या नहीं। आप किसी तरह की जोर-जबरदस्ती बच्चे से मत कीजिए। उसको अपनी रुचि के अनुसार फील्ड का चयन करने दीजिए। जब वह पूरे मन से, दिल लगाकर अपने काम को करेगा तो वह सफलता की सीढ़ियां चढ़ता ही चला जाएगा। इसलिए अपने बच्चे की छुपी प्रतिभा को निखारने के लिए उसे प्रोत्साहित कीजिए। उसे अच्छी प्रशिक्षण की जरूरत है तो उसकी व्यवस्था आप कीजिए। बच्चे को ज्यादा रोकिए – टोकिए मत। उसकी हिम्मत बढ़ाते रहिए। इस तरह से आपका बच्चा कभी पीछे मुड़कर नहीं देखेगा।
तो आप भी आज ही से बल्कि अभी से देखिए, गौर कीजिए कि आपका बच्चा क्या काम करता रहता है, किस चीज में, किस खेल या किस खेल के सामान में या किस गतिविधि में अपना समय ज्यादा से ज्यादा बिताना पसंद करता है। जिससे आप उसकी पसंद – नापसंद को जान पाएंगे और उसकी छुपी प्रतिभा को निखारने का काम बखूबी करेंगे।