शुरुआती 6 महीनों में आमतौर पर बच्चों का मल ढीला और पानी वाला होता है। बावजूद इसके आपको बच्चे को दस्त हो रहे हैं, बहुत जल्दी पता चल जाएगा। बच्चे का मल पानी जैसा हो जाएगा और वो दिन-रात लगातार मल त्याग करता रहेगा। कभी-कभी दस्त के साथ बुखार भी हो सकता है। इस लेख में हम बच्चों में दस्त के संभावित कारणों और उसे ठीक करने के प्रभावी नुस्खों के बारे में बात करेंगे।
बच्चों में दस्त के कारण
वैसे दस्त कोई डरावनी समस्या नहीं है, पर फिर भी रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर होती है। आइए जानते हैं बच्चों में दस्त के सबसे आम कारण।
- हालांकि नई माओं को अपने बच्चों को केवल स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है, पर कुछ माएं इस में असमर्थ होती हैं। वे बच्चे को पाउडर या गाय का दूध पिलाती हैं। इससे एलर्जी और दस्त हो सकते हैं, क्योंकि बच्चे का पेट इन सब में मौजूद प्रोटीन को हजम नहीं कर पाता।
- रोटावायरस से जूझते बच्चों में भी यह एक आम कारण होता है। जिन बच्चों को टीके लगे हों वे भी रोटावायरस के शिकार हो जाते हैं।
- एंटीबायोटिक पेट के अच्छे बैक्टीरिया को भी मार देते हैं। जिसके कारण बच्चों को जी मिचलाना, उल्टी, दस्त जैसी समस्या हो सकती है।
- डे केयर या गंदे माहौल में रहने वाले बच्चे जियार्डिया के संपर्क में अधिक आते हैं। जियार्डिया परजीवियों के कारण आंतों में होने वाला संक्रमण है।
बच्चों के दस्त के लिए घरेलू उपचार
हालांकि अपने बच्चे को परेशानी में देखना मुश्किल है, पर फिर भी आपको बच्चे के दस्त चलते रहने देने चाहिए, क्योंकि यह शरीर से कीटाणुओं को बाहर निकालने का एक तरीका है। जितना हो सके दवाइयों और एंटीबायोटिक से बचें। आप इन घरेलू नुस्खों को बच्चों के दस्त ठीक करने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं।
1. बच्चे को पानी की कमी न होने दें (0+ महीने)
बच्चों का शरीर बड़ों की तुलना में ज्यादा जल्दी पानी निकालता है, इसलिए वे ज्यादा जल्दी डिहाइड्रेशन की चपेट में आ सकते हैं। इस उम्र के बच्चों को स्तनपान कराते रहें और गाय का दूध न दें। ज्यादा मीठे पेयों का सेवन न करें। ये दस्त के लक्षणों को और बिगाड़ सकता है।
2. अपने खान पान पर नजर रखें (0+ महीने)
मां का कुछ चीजें जैसे सोयाबीन, दूध, गेहूं और मूंगफली खाना बच्चों में दस्त का मूल कारण हो सकता है। कुछ दिनों के लिए इन चीजों को अपने भोजन से दूर रखें और फिर अपने बच्चे का विकास देखें ।
3. स्त्रोत को पहचानें (0+ महीने)
दस्त के कारणों में से एक कारण बच्चे के दांत आना भी हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि दांत आने के दौरान बच्चे की लार ज्यादा बनती है जो कि बच्चे के दस्त का कारण बनती है।
4. हर चीज को साफ व स्वच्छ रखें (0+ महीने)
बच्चे के हर खिलौने को साफ रखें। उसके कपड़ों को सौम्य साबुन से धोएं। बच्चे कपड़ों को पकड़कर उन्हें चूसने लगते हैं, खासकर तब, जब उनके दांत आ रहे हों। इस तरह गंदे कीटाणु आपके बच्चे के शरीर में आ जाते हैं।
5. ओआरएस का घोल (6+ महीने)
ओआरएस का घोल बच्चों के दस्त ठीक करने का सबसे बेहतर उपाय है। यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है। 2 साल तक के बच्चों को 50 से 100 मिली. ओआरएस का घोल देना चाहिए। घर पर यह घोल बनाने के लिए आपको 6 चम्मच चीनी, आधा चम्मच नमक और 1 लीटर साफ पानी चाहिए।
6. केले (6+ महीने)
बच्चे के दस्त ठीक करने के लिए एक केले को मसल कर उसे खिलायें। क्योंकि केले में फाइबर की मात्रा अधिक होती है तो यह मल को ठोस बनाने में मदद करेगा। केले में पोटेशियम ज्यादा होता है और यह दस्त के बाद शरीर के खोए हुए पोषण को वापस लाने में भी मदद करता है।
7. दही (6+ महीने)
दही में पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र में अच्छे बैक्टीरिया लाने में मदद करते हैं। आप बच्चे को लस्सी भी दे सकती हैं पर उसमें चीनी तभी मिलाएं जब बच्चा 1 साल से ज्यादा का हो जाए।
8. नारियल पानी (7+ महीने)
नारियल पानी बच्चों के दस्त ठीक करने में मदद करता है, क्योंकि यह पेट से कीटाणुओं को हटाता है। पानी की कमी से बचाता है और आंतों से कीड़े हटाने में भी मदद करता है ।
9. सेब (6+ महीने)
सेब में मौजूद पेक्टिंस मलत्याग को आसान बनाते हैं। पेक्टिंस सॉल्युबल फाइबर है । सेब को अच्छी तरह धो लें, नरम होने तक उबालें और उसको मसल कर बच्चे को खिलाएं।
10. नींबू (8+ महीने)
नींबू बच्चों में दस्त रोकने का सबसे आसान तरीका है। यह कीटाणु और जलन से बचाने वाले गुणों से भरपूर होता है। नींबू का रस थोड़े से पानी के साथ मिलाएं और बच्चे को दिन में चार चम्मच नींबू का पानी पिलाएं।
ध्यान में रखने वाली बातें
• यदि दस्त के साथ बुखार 3 दिन से ज्यादा हो जाए तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
• दस्त में खून, मवाद या बलगम हो तो भी डॉक्टर से सलाह लें।
• जन्म के 6 माह तक बच्चे को ठोस चीज न खिलाएं।
• बच्चे का डाइपर समय पर चेंज करें और बच्चे का निचला हिस्सा हवा में सूखने दें।
• दस्त के दौरान वाइप्स का इस्तेमाल कम करें और डायपर रैश क्रीम लगाएं।