सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे में आत्म-सम्मान के साथ आत्मविश्वास भी हो। बच्चे में रातों-रात आत्मविश्वास को पैदा नहीं किया जा सकता, बल्कि यह एक लगातार की जाने वाली प्रक्रिया है। प्रभावी परवरिश या पेरेंटिंग से आप अपने बच्चे को भी आत्मविश्वासी बना सकते हैं। कई साधारण, लेकिन प्रभावकारी तरीके इसमें आपकी मदद करेंगे। जरूरी है कि आप इस काम को बचपन या फिर जब बच्चा बहुत छोटा हो तभी से शुरु करें।
कैसे लाएं बच्चों में आत्मविश्वास?
बच्चे कुदरती तौर पर ही बेहद जिज्ञासु और मिलनसार होते हैं। अगर आप अपने बच्चे में भी आत्मविश्वास या कॉन्फिडेंस को बढ़ावा देना चाहते हैं तो आप भी इस स्वभाव का सहारा ले सकते हैं। अगर आपका बच्चा भी शर्माता है या खेल और पढ़ाई में औसत है तो भी हो सकता है कि आपके बच्चे में आत्मविश्वास की कमी हो। लेकिन यह भी जग-जाहिर है कि किसी औसत बच्चे की सही दिशा में परवरिश की जाए तो वह भी चमत्कार कर सकता है।
अपने बच्चे में कैसे आत्मविश्वास को जगाएं, यहां इसके लिए 7 प्रभावी टिप्स दिए जा रहे हैंः
- आप अपने बच्चे को बिना किसी शर्त के प्यार करते हैं, क्या उसे यह पता है? आप हमेशा अपने प्यार को उसे जताएं। अपने बच्चों को बिना किसी शर्त के प्यार करें। एक बार जब आपके बच्चे को यह यकीन हो जाएगा कि उसकी हर परिस्थिति में आप उसके साथ खड़े हैं तो उसमें खुद-ब-खुद विश्वास बढ़ने लगेगा।
- बेहतर रहेगा कि जब बच्चे छोटे हों तभी से उनमें कॉन्फिडेंस को बढ़ाने का काम शुरू कर दें। जब बच्चा 6 महीने का हो, तब से आप उसे कॉन्फिडेंस बनाना शुरू कर सकते हैं। जब भी आपका बच्चा कुछ काम करे आप उसे प्रोत्साहित करें कि वह यह काम बखूबी कर सकता है। बच्चे छोटी उम्र से ही शाबाशी को समझ सकते हैं। यह भी ध्यान रखें कि आपकी वाह-वाही सही काम के लिए दी जाए। हर काम पर दी जाने वाली वाह-वाही उसे अति-आत्मविश्वासी बना देगी, जो उसके लिए हानिकार हो सकता है। यह भी देखा गया है कि अक्सर जिन बच्चों को तारीफ मिलती है, ऐसे बच्चों जिनकी तारीफ नहीं की जाती है के मुकाबले अधिक कॉन्फिडेंट होते हैं।
- जरूरी है कि आपका बच्चा किसी न किसी खेल में जरूर भाग ले। इससे आपका बच्चा अपनी कमजोरियों और ताकत दोनों को पहचानना सीखता है। इससे उनके दोस्तों की संख्या भी बढ़ती है और उनके सामाजिक दायरे भी। साथ ही यह खेल बच्चे को चुस्त-दुरुस्त भी रखते हैं और सेहतमंद बच्चे हमेशा अधिक आत्मविश्वासी होते हैं। उन्हें अपने खेल और शरीर पर बहुत नाज होता है।
- अपने बच्चे को उसका जुनून या पैशन ढूंढ़ने में मदद करें। बड़ों की तरह बच्चों के भी शौक होते हैं जो आगे चलकर उनके पैशन में तब्दील हो सकते हैं। आप अपने बच्चे के इसी पैशन को समझें और उसे इस राह पर बने रहने के लिए प्रोत्साहित करें। कोशिश करें कि यह उनकी रोजमर्रा की दिनचर्या में हस्तक्षेप न करे। किसी शौक को पूरा करने के साथ ही बच्चों में भी आत्मविश्वास बढ़ जाता है।
- बच्चे के लिए नियम बनाते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि वे उनकी उम्र के अनुकूल हैं। जितनी जरूरत हो सिर्फ उतनी ही आजादी उन्हें दी जानी चाहिए। अगर जरूरत पड़े तो अपने बनाए नियमों का सख्ती से पालन भी कराने में हिचकिचाना नहीं चाहिए। एक दिनचर्या और नियमों का पालन करने से बच्चे में सुरक्षा की भावना पैदा होती है जो आगे चलकर कॉन्फिडेंस में तब्दील हो जाती है।
- बच्चे को वास्तविक लक्ष्य बनाने में मदद करें। बच्चों में कॉन्फिडेंस को बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी है कि उनके बनाए गए लक्ष्य हासिल किए जा सकें। जब भी बच्चों के छोटे या बड़े लक्ष्य पूरे होते हैं तो इससे उनमें कुछ हासिल किए जाने की भावना पैदा होती है। उनकी जीत से उनमें आत्मविश्वास पैदा होता है, फिर चाहे जीत छोटी हो या बड़ी। बच्चों में आत्मविश्वास को बढ़ावा कैसे दें, इस सवाल का यह बेहतर विकल्प है।
- बच्चे हमारी ही नक्ल करते हैं या यह कहें कि वह हमारा ही अनुसरण करते हैं। आप खुद अपनी सफलता पर गर्व महसूस करें, खुद से प्यार करें। अपने बच्चे को बताएं कि आपने सफल होने के लिए कैसे-कैसे और क्या-क्या किया है। उसे भी अपनी सफलताओं के नजदीक पहुंचने के लिए मदद करें। उसे कब और क्या करना चाहिए, यह समय-समय पर समझाएं।
बच्चे को एक-दूसरे के साथ मिलना-जुलना और मजबूत रिश्ते कैसे बनाएं यह बताना जरूरी है। जब आपका बच्चा भावनात्मक और मानसिक रूप से मजबूत होगा तो उसमें आत्मविश्वास खुद-ब-खुद आ जाएगा। ज्यादातर पाया गया है कि आपस में प्यार और चिंता करने वाले परिवारों के बच्चों में कॉन्फिडेंस की कोई कमी नहीं होती। यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि आपका बच्चा अपनी हर समस्या को लेकर आपके पास आ जाए। बल्कि उनका आत्मनिर्भर और खुद पर भरोसा रखना जरूरी है। इससे आपके बच्चे को पूरी जिंदगी फायदा मिलेगा। अपने बच्चे को आत्मविश्वासी बनाएं, फिर आप देखेंगे कि कैसे वे आसानी से अपनी सभी लड़ाइयों को जीत लेंगे।