तेजी से डिजिटल होते समय में बच्चे भी अब ऑनलाइन मीडिया से अछूते नहीं हैं। पहले तो जहां सिर्फ गेम्स या फिर स्कूल के किसी प्रोजेक्ट के लिए लैपटॉप, कंप्यूटर का इस्तेमाल होता था, वहीं अब तेजी से स्नैपचैट, व्हाट्स अप, यूट्यूब, टीकटॉक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने बच्चों के खेल के समय को निगल ही लिया है। ऐसे में कैसे डिजिटल की दुनिया से बच्चों को वास्तविकता के धरातल पर लाया जाए आइए जानते हैं।
बच्चों को जो चीज अच्छी लगती है वे उसे बार-बार और लगातार करना चाहते हैं। कुछ ऐसा ही उनका हाल है सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी। एक बार बच्चे ऑनलाइन गेम खेलना या फिर यूट्यूब पर क्राफ्ट या बच्चों के वीडियोज देखना शुरू करते हैं तो बेहद जल्दी-जल्दी वे पहले से दूसरे और दूसरे से तीसरे पर पहुंच जाते हैं। ऐसे में माता-पिता के लिए बेहद जरूरी है कि अपने बच्चों के डिजिटल समय पर थोड़ी लगाम लगाई जाए।
टिप्स जिनसे आप डिजिटल दुनिया में भी संभाल सकते हैं अपने बच्चों को
1. बच्चों के लिए समय सीमा तय करें
डिजिटल दुनिया अपने आप में एक लत, एक आदत है। यहां जानकारी या मनोरंजन कभी समाप्त ही नहीं होता, इसीलिए बड़े क्या बच्चे भी पहले से दूसरे और दूसरे से तीसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घूमते रहते हैं। इसकी वजह से बच्चों को उनके समय का आभास ही नहीं होता। ऐसे में माता-पिता के लिए बेहद जरूरी है कि वे अपने बच्चों के लिए लैपटॉप, मोबाइल फोन आदि को इस्तेमाल करने का भी एक समय तय करें।
जैसे कि आप 2 साल से छोटे बच्चे को सिर्फ परिवार के सदस्यों से वीडियो चैट करने के लिए ही सिर्फ डिजिटल मीडिया का इस्तेमाल करें। आप कोशिश करें कि आप बच्चे को टेलीविजन पर या फिर पिक्चर बुक के माध्यम से कहानियां या कविताएं सुनाएं। वहीं प्री-स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों या 5 साल तक के बच्चों को पूरे दिन में सिर्फ 1 घंटा ही डिजिटल मीडिया का इस्तेमाल करने को कहें। यहां भी आप इस बात का ध्यान रखें कि आपका बच्चा सिर्फ अच्छे कार्यक्रम ही देखे।
2. डिजिटल मीडिया को मनोरंजन न बनने दें
अगर आपका बच्चा मनोरंजन के लिए मोबाइल फोन या लैपटॉप का इस्तेमाल करना चाहता है तो आप उसे मना कर दें। मनोरंजन के लिए बच्चों का अपने खिलौनों से खेलना या फिर बाहर पार्क आदि में दोस्तों के साथ खेलना बेहतर है। इसके अलावा मनोरंजन के लिए बच्चा आपके साथ भी मिलकर भी कोई गतिविधि कर सकता है।
अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा भी गैजेट्स को छोड़कर दूसरे माध्यमों का प्रयोग करे तो आपको बच्चे की दिलचस्पी दूसरी चीजों की तरफ भी बढ़ानी पड़ेगी। क्योंकि डिजिटल माध्यम पर उन्हें मनोरंजन आसानी से उपलब्ध हो जाता है, जबकि बाकी जगह उन्हें मेहनत करनी पड़ती है।
3. लालच के लिए कभी न दें गैजेट्स
कभी-कभार माता-पिता अपनी किसी व्यस्तत्ता के चलते तो कभी बच्चे को खाना खिलाने के लिए बच्चों के हाथ में गैजेट्स दे देते हैं। साथ यूट्यूब पर उन्हें उनकी मनपसंद कहानियां या फिर कविताएं भी लगा देते हैं। ऐसे में बच्चों के लिए गैजेट्स एक आदत सी बन जाते हैं और वे अगली बार इसी स्थिति में दोबारा से गैजेट का इस्तेमाल करना चाहते हैं। हो सकता है तब आपको यह पसंद न आए। लेकिन बच्चे के लिए खाना खाने या अकेले कुछ समय बैठने का वह एक सहज तरीका हो। इसीलिए बच्चे के रोने, खाना न खाने या फिर आपको परेशान करने की स्थिति में बच्चे को इस प्रकार का लालच देने से बचें।
4. घर में गैजेट्स का इस्तेमाल न करने वाले स्थानों और स्थितियों को सुनिश्चित करें
आपके बच्चे को पता होना चाहिए कि किस जगह उसे गैजेट्स का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना है। जैसे कि आप अपने पूरे परिवार को भोजन के समय और सोने के कमरे में गैजेट्स के इस्तेमाल न करने के लिए कहें।
5. बच्चों से ज्यादा से ज्यादा बातचीत करें
बच्चों को अगर आप डिजिटल दुनिया से दूर रखना चाहते हैं तो उन्हें अपने और परिवार के साथ रखें। बच्चों से बातचीत करें और उनके साथ कोई न कोई गतिविधि में व्यस्त रहें। फिर चाहे इस समय आप दोनों मिलकर घर में साफ-सफाई ही क्यों न करें। आप बच्चों के साथ बातचीत को आमने-सामने बैठकर तव्वजों दें। अगर कोई सदस्य घर से बाहर या दूर है तब ऐसी स्थिति में सिर्फ वीडियो चैटिंग के लिए बच्चों को अनुमति दी जानी चाहिए।
6. बच्चों के सामने गैजेट्स का सही उपयोग करें
बच्चे अपने बड़ों को देखते हैं और उनकी नक्ल करते हैं। आपने देखा होगा, बच्चे अक्सर घर-घर या टीचर-टीचर खेलते हैं। क्योंकि बच्चों पर इन्हीं दो लोगों का सबसे ज्यादा असर होता है। आजकल आपने देखा होगा कि अक्सर छोटे-छोटे बच्चे अपने कानों पर मोबाइल फोन लगाने की नक्ल बहुत खूबसूरती से करते हैं। लेकिन माता-पिता भूल जाते हैं कि वे बच्चे और किसी को नहीं, बल्कि आपकी ही नक्ल करते हैं। बच्चों के सामने आप गैजेट्स का सही उपयोग कर उनके सामने सही उदाहरण प्रस्तुत करें।
7. बच्चों के साथ बैठें, जब वे डीजिटल मीडिया का इस्तेमाल करें
माता-पिता को न सिर्फ बच्चों के लिए गैजेट्स को इस्तेमाल करने की समय सीमा तय करनी चाहिए, बल्कि उन्हें अपने बच्चों के साथ बैठकर यह भी देखना चाहिए कि बच्चा इस प्रकार की सामग्री देख रहा है। इंटरनेट के माध्यम से बहुत कुछ ऑनलाइन उपलब्ध है, लेकिन यह सारी सामग्री आपके बच्चों के लिए कितनी उपयोगी या कितनी उपयुक्त है, यह तो आप ही तय कर सकते हैं।
8. बच्चों के लिए ऐप्स कितनी उपयोगी हैं
अक्सर हम बच्चों के लिए उनकी जरूरत की मोबाइल फोन ऐप्स को डाउनलोड कर के दे देते हैं। लेकिन हमारे लिए यह भी जानना बेहद जरूरी है कि इन ऐप्स की सामग्री हमारे बच्चों के लिए कितनी आवश्यक और लाभदायक है। अगर आपके बच्चे दो साल से बड़े हैं तो आप अपने बच्चों को सिर्फ गैजेट्स न दें, बल्कि आपको बच्चों को अगर कोई एक्टिविटी करवाने हो तो आप बच्चे के लिए एक्टिविटी शीट्स को निकाल कर उन्हें उनमें रंग भरने या विभिन्न आकारों को भरने के लिए कहें।
बच्चों के लिए जैसा आप चाहते हैं तो उसके लिए जरूरी है कि आप उन्हें उसके अनुसार बेहतर माहौल दें। बच्चों को गैजेट्स की जगह वास्तविक दुनिया में बेहतर विकल्प मुहैया कराएं।