गुस्सा किसी को कभी भी आ सकता है, लेकिन इस गुस्से पर नियंत्रण रखना भी आना चाहिए। कभी-कभी बच्चे अपने गुस्से में इतने खो जाते हैं कि वे खुद पर काबू भी नहीं रख पाते और सामान को तोड़ना या दूसरों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं। अगर आपके बच्चे में भी बेकाबू गुस्सा है तो आप उसे इन तरीकों के साथ अपने गुस्से पर नियंत्रण लाना सिखा सकते हैं।
बच्चों के नखरे और उनके गुस्से की वजह से आमतौर पर कई बार माता-पिता काफी परेशान होते हैं। क्यों? क्योंकि बच्चों का गुस्सा काफी तेजी से फूटता है और इसका असर उनके जीवन और रिश्तों पर पड़ता है। पर अक्सर माता-पिता यही सोचते हैं कि ऐसा क्या करें कि बच्चे का गुस्सा कम से कम हो सके। बच्चे के गुस्से को कम करने के साथ-साथ बच्चे को अपने गुस्से पर खुद नियंत्रण करना भी सिखाना चाहिए।
कैसे सिखाएं अपने बच्चों को गुस्से पर काबू रखना
1. बच्चे को उसकी भावनाओं को समझने में मदद करें
छोटे बच्चे अपनी भावनाओं को ठीक से नहीं समझ पाते। खासतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चे। वे कोई चीज न मिलने पर या फिर अपना खिलौना दूसरों के हाथ में देखने पर एकदम से अपने गुस्से पर से काबू खो बैठते हैं। बच्चे के गुस्से को कम करने से पहले आप उसे उसकी भावनाओं को समझने में मदद करें। माता-पिता अपने बच्चे को उनकी भावनाओं से सही समय पर परिचित कराएं ताकि वे इन्हें सही तरीके से नियंत्रित कर सकें।
अगर कोई बच्चे को उसका कोई खिलौना वापस न दे तो आप बच्चे को समझाएं कि इस समय वे गुस्सा नहीं, बल्कि नाराज हो रहे हैं। ऐसे में उन्हें उनकी नाराजगी से परिचित कराने से वे गुस्सा करने से बचेंगे।
2. बच्चे के लिए गुस्से के स्तर तय करें
गुस्सा किसी भी बात पर आ सकता है। पर बच्चे के लिए यह जानना जरूरी है कि उसे किस बात पर कितना गुस्सा होना चाहिए। इसके लिए आप चाहें तो कुछ मानक या स्तर तय करें कि खुश होने पर वे मुस्कुराहट के रूप में अपने जीरो गुस्से को प्रदर्शित करें, जबकि अगर उन्हें कोई चीज न मिले तो वे गुस्से को चेहरे के माध्यम से 0-5 के स्तर तक को प्रदर्शित कर सकता है। इसी तरह से आप बच्चे को कह सकते हैं कि वे स्टिकर के माध्यम से भी अपने गुस्से के स्तर को आपके सामने प्रस्तुत कर सकते हैं।
3. बच्चे को गुस्से की जगह कुछ और सोचने के बारे में कहें
अगर बच्चे को लगातार गुस्सा आता है और वह उस पर आसानी से काबू नहीं कर पाता तो आप अपने बच्चे को ऐसे पलों को याद करने को कहें, जिनमें वो खुश रहा था या जिन चीजों में वह खुश रहता है। इस तरह से बच्चे का ध्यान गुस्से से बदलकर खुशी की तरफ चला जाएगा और वह उस स्थिति से खुद को अलग भी कर पाएगा।
4. बच्चे को समस्याओं को सुलझाने का कौशल सिखाएं
गुस्से से किसी भी बात का हल नहीं निकल सकता। इसीलिए जरूरी है कि आप बच्चे को भी इस बात को समझाएं। बच्चे को बताएं कि वह गुस्से से ज्यादा अपनी समस्या के हल को ढूंढ़ने पर ध्यान दें। बच्चे आपके कहने पर यह नहीं सीख सकते, पर जब वे आपको इस तरह से अपनी समस्याओं को हल करते हुए देखेंगे तो उन पर इस बात का असर और भी अधिक होगा। बच्चे को बताएं कि जब कभी कोई काम पूरा न होने पर आप गुस्से में होते हैं तो आप सिर्फ गुस्सा ही नहीं करते, बल्कि आप यह सोचते हैं कि कैसे उस वक्त काम को खत्म किया जा सकता है।
5. बच्चे को गुस्से को खत्म करने के लिए समय दें
अगर बच्चे को कभी गुस्सा आए भी तो आप उसे बताएं कि अगले 5 से 10 मिनट के बीच उसे अपने गुस्से को खत्म कर आगे बढ़ना होगा। कई बार बच्चे अपने गुस्से कोई कई घंटे तो कभी कई दिनों तक जारी रखते हैं। अक्सर ऐसा बड़े बच्चों में होता है, जो जल्दी से न तो बातों को भूलते हैं और न ही दूसरों को भूलने लगते हैं। इसीलिए आप अपने बच्चे को समझाएं कि गुस्से कि स्थिति होने पर वे ज्यादा से ज्यादा 5 से 10 मिनट तक ही गुस्से में रहें और फिर उसका समधान निकालने का प्रयत्न करें।
6. बच्चे को गुस्से के कारणों से दूर रहने को कहें
कई बार कुछ बच्चे किसी खास व्यक्ति, स्थिति या फिर किसी चीज की वजह से काफी गुस्सा होते हैं। जैसी के मेरे बेटे को पड़ोस का एक बच्चा बिल्कुल भी पसंद नहीं है और जैसे ही वह उसे देखता है तो उसका गुस्सा काफी बढ़ जाता है। ऐसे में मैं मैंने उसे बताया कि वह उस बच्चे से ज्यादा से ज्यादा दूर रहे। इसी तरह अगर आपके बच्चे के गुस्से का भी कोई एक खास कारण है तो आप उसे कहें कि वह उस कारण से दूर रहने का पूरा प्रयास करे।
7. बच्चे को गुस्से के परिणामों पर विचार करने को कहें
गुस्सा कुछ ही पलों में काफी कुछ बिगाड़ सकता है। कई बार इसके कारण रिश्ते बिगड़ जाते हैं तो कभी-कभी कई वर्षों या फिर महीनों की मेहनत भी बेकार हो जाती है। इसीलिए आप अपने बच्चे को कहें कि वे इस बात का खास ख्याल रखें कि जो गुस्से में वह करना चाहते हैं, उसका परिणाम क्या होने वाला है। अक्सर बच्चे गुस्से में अपना खिलौना नीचे फेंक कर तोड़ देते हैं और हो सकता है कि आप बच्चे को बाद में वह दिला भी देते हों। इसीलिए अब जरूरी है कि आप अपने बच्चे को बताएं कि अगर गुस्से में उसने कोई खिलौना तोड़ोगे तो आपको नया खिलौना नहीं मिलने वाला। इस प्रकार से जब वे परिणामों का जायजा लेंगे तो उन्हें अपने गुस्से पर काबू करने में मदद मिलेगी।