थाली में बचा हुआ भोजन और गुस्से में लाल होते माता-पिता के चेहरों को देखकर बच्चा एक ही वाक्य कह पाता है, ‘मैं इसे बाद में खा लूंगा।’ लेकिन वह बाद बहुत ही कम आती है। ऐसे में माता-पिता को खाने को लेकर हुई बर्बादी पर दुख भी बहुत होता है। अगर आप अभी से अपने बच्चे को भोजन का मूल्य समझाना चाहते हैं तो इन टिप्स को जरूर आजमा कर देखें।
बच्चे अक्सर दूसरों की थाली में खाने को देखकर अपनी थाली में भी खूब सारा भोजन परोसने की मांग करते हैं। उनकी भूख के अनुसार वे इस भोजन को खा नहीं सकते और भोजन की बर्बादी होती है। ऐसा ही कुछ वे अपने पसंदीदा व्यंजनों के साथ भी करते हैं, जिन्हें देखकर उनकी जीभ लपलपाने लगती है और वे पूरा का पूरा व्यंजन खाना चाहते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि बच्चे को भोजन की बर्बादी से कैसे रोका जाए। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही टिप्स जिनसे बच्चों को आसानी से खाने को बर्बाद करने से रोका जा सकता है।
कैसे सिखाएं बच्चों को भोजन बर्बाद न करना?
1. बच्चों को कम मात्रा में खाना परोसें
बच्चे घर पर भोजन कर रहे हों या फिर बाहर किसी रेस्टोरेंट में, आप उन्हें उनकी पसंद का भोजन भी कम मात्रा में परोसें और उन्हें बताएं कि आप उनके लिए और भोजन रख रहे हैं। जब भी वे अपनी पहली सर्विंग को खत्म कर लेंगे तो आप उन्हें और परोस देंगे। दरअसल बच्चों को लगता है कि कहीं उनकी पसंद की चीज खत्म न हो जाए। इसके लिए आपको उन्हें विश्वास दिलाना होगा कि आपके पास उनकी पसंद का भोजन और मौजूद है।
2. भोजन से कुछ समय पहले स्नैक्स न दें
बच्चों का पेट छोटा सा होता है, जिसे वे जल्दी भर लेते हैं और उतनी ही जल्दी वह खाली भी हो जाता है। इसीलिए अक्सर माता-पिता बच्चों को दो भोजनों में अंतराल के बीच स्नैक्स खाने को देते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा सही तरह से भोजन करे तो इसके लिए बेहतर है कि आप खाने से थोड़ी देर पहले बच्चे को स्नैक्स बिल्कुल भी न दें। इससे बच्चे को उसकी भूख का सही अनुमान लगाने में मदद मिलेगी और वह परोसे गए भोजन को बर्बाद नहीं करेगा।
3. बच्चों को आसानी से खाया जा सके, ऐसा भोजन परोसें
आपने देखा होगा कि अक्सर आपका बच्चा केले या सेब को दो से तीन बार खा कर बाकी सारा फल संभालने के लिए रख देता है। इसकी वजह यही है कि बच्चे को पूरा फल खाने में बोरियत महसूस होने लगती है। इसीलिए आप बच्चे को पूरा फल न देकर, फलों को छोटे टुकड़ों में काट कर दें।
4. व्यंजनों को नए और मनोरंजक नाम दें
रेस्टोरेंट्स में कैसे बच्चे मेन्यू में से अपने लिए व्यंजनों को चुन लेते हैं? आपने कभी इस बात पर गौर किया है? क्योंकि वहां कहीं आलू-गोभी या भिंडी या सिर्फ पनीर की सब्जी नहीं लिखा जाता। बल्कि वहां बच्चों को हनी चिल्ली पोटेटो, हाका नूडल्स या बर्गर जैसी चीजें मिलती हैं। इसी तरह आपको भी अपने व्यंजनों को नए और मनोरंजन नाम देने होंगे, जैसे कि बेसन वाल भिंडी को आप कुरकुरी भिंडी या क्रिस्पी ओकरा कह सकते हैं। वैसे मेरी बेटी को लटपट आलू ‘चटपटे आलू’ बहुत पसंद हैं और जब भी वह इसका नाम लेती है उसे हंसी भी आ जाती है।
5. बचे हुए भोजन को बच्चे को दोबारा दें
अगर बच्चा अपना पूरा भोजन नहीं कर पाता तो ऐसे में आप इस भोजन को संभालें और बजाए उसे स्नैक्स देने के, बाद में यही भोजन दें। इससे बच्चों को भोजन की बर्बादी को कैसे रोका जा सकता है, यह भी आसानी से सिखाया जा सकता है। साथ ही उसे समझ में आ जाएगा कि उसे पहली बार में कम मात्रा में भोजन अपनी थाली में लेना चाहिए।
6. टिफिन पैक करते हुए भी ध्यान रखें
कई अभिभावक इसीलिए परेशान होते हैं कि उनका बच्चा अपना टिफिन या लंचबॉक्स पूरा खत्म नहीं करता। कुछ बच्चों का इसके लिए बहाना होता है कि उनके पास समय कम था तो कुछ कहते हैं कि खाने में मजा नहीं आया। बच्चों के बहानों पर गौर करते हुए माता-पिता को बच्चे का लंचबॉक्स भी उनकी पसंद से ही पैक करना चाहिए। कई बार माता-पिता को लगता है कि उनके बच्चे को भूख ज्यादा लगती है, इसीलिए वे खाना अधिक मात्रा में पैक कर देते हैं। आपको बच्चे की भूख और लंच ब्रेक का समय दोनों को देखते हुए ही खाने को पैक करना चाहिए।
साथ ही टिफिन पैक करते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि आपका बच्चा कौन-सा भोजन स्कूल में नहीं खाना चाहता। वैसे तो स्कूल में टीचर्स भी कहते हैं कि जो खाना बच्चे को पसंद नहीं है, आप उसे स्कूल में भेजें ताकि टीचर्स बच्चे को हेल्दी भोजन करना सिखाएंगे। लेकिन कुछ बच्चे इसमें भी इतना जिद्दी होते हैं कि वे अपना भोजन पूरा वापस ले आते हैं। इसके अलावा बच्चों के टिफिन को आकर्षक बनाकर भी बच्चों का भोजन पूरा खत्म करवाया जा सकता है। आप टिफिन पैक करते समय रोटी सब्जी को चपाती रैप की तरह रोल कर सकते हैं।
7. बच्चों को भोजन के बारे में जानकारी दें
कुछ समय पहले मैंने जापान का एक वीडियो देखा, जिसमें पांचवी या छठी कक्षा के बच्चे अपना भोजन खुद उगाते दिखाई दे रहे थे। इस वीडियो में बच्चों को भोजन की जानकारी दी जा रही थी, कि वे जो भोजन खा रहे हैं, वे कहां से आता है। यह तरीका बिल्कुल सही है, बच्चों को समझाने के लिए कि जिस भोजन को वे सिर्फ स्वाद में कमी या उनकी भूख में कमी के लिए छोड़ देते हैं, उसे उगाने, उसे बनाने में कितनी मेहनत लगती है।
बच्चे को बताएं कि आपके घर में भोजन की व्यवस्था करने के लिए माता-पिता कितनी मेहनत करते हैं और यह सारा सामान आप पैसे देकर खरीदते हैं। इसी के साथ बच्चों को यह भी सिखाना चाहिए कि हम बहुत खुशनसीब हैं, जिन्हें भोजन मिल रहा है, जबकि इस दुनिया में कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें एक वक्त का भोजन भी नहीं मिलता।
जब तक बच्चों को हम नहीं सिखाएंगे, तब तक उनके लिए बर्बादी जैसे शब्द और उनके अर्थ को समझना काफी मुश्किल है। हमें अलग-अलग तरीकों को अपनाकर बच्चों को भोजन को बेकार करने से रोकना चाहिए।