क्यों जरूरी है बच्चों के लिए परिवार के साथ घूमना-फिरना

By Ruchi Gupta|4 - 5 mins read| November 18, 2020

बच्चों के साथ छुट्टियां बिताने की बात होने पर कई बार माता-पिता काफी परेशान हो जाते हैं। कई माता-पिता मानते हैं कि बच्चों के साथ उनका ट्रिप काफी व्यस्त जाता है। जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि माता-पिता के साथ बिताए गए अबाधित समय के कारण बच्चों में आत्म-विश्वास तो बढ़ता ही है, साथ में बच्चे में मानसिक, शारीरिक और व्यवहारात्मक तौर पर भी सकारात्मक बदलाव होते हैं।

आज जब बात होती है बच्चों की बेहतरी को लेकर तो माता-पिता इसमें कोई भी भूल करना बर्दाश्त नहीं करते। बच्चों के लिए वे कई अन्य गतिविधियों से लेकर ऑनलाइन क्लासेज तक सभी का बंदोबस्त करने को हमेशा तैयार रहते हैं। लेकिन आप जानते हैं कि किसी भी क्लास से अधिक बच्चे सीखते हैं, खुले आसमान के नीचे, जहां उनकी सुरक्षा के लिए उनका परिवार मौजूद होता है। खुले आसमान और परिवार की मौजूदगी से हमारा मतलब घूमने-फिरने से है, जहां आपके और आपके बच्चों के बीच में खूबसूरत दृश्यों के अलावा और कोई भी नहीं होगा।

परिवार के साथ घूमने-फिरने के बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव

1. घूमने-फिरने से बच्चे सीखते हैं, वहां की संस्कृति

बिल्कुल, किताबों से ज्यादा आप अपने बच्चों को बेहतर तरीके से किसी भी जगह और संस्कृति के बारे में सीखा सकते हैं, उन्हें वहां ले जा कर। जब बच्चे खुद से किसी भी जगह के लोगों को देखते हैं, उनसे मिलते हैं तो वे उनके बारे में और भी बेहतर तरीके से सीख पाते हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा भी दुनिया और लोगों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जान पाए तो आप भी उसे अलग-अलग जगह घूमाने के लिए जरूर लेकर जाएं।

2 बच्चों में सामाजिक कौशल का विकास होता है

विशेषज्ञों की मानें तो कोई भी व्यक्ति किसी भी चीज को तब और भी बेहतर तरीके से सीख सकता है, जब वह खुद उसे अनुभव करता है। ऐसा ही बच्चों के साथ भी है, जो दुनिया घूमते-घूमते कई अनुभवों को दूसरों के साथ साझा करते है। इसी के साथ बच्चे जब अलग-अलग लोगों से मिलते हैं तो वे उनके साथ बेहतर व्यवहार बनाने की कोशिश भी करते हैं, जो उनके सामाजिक कौशल के विकास के लिए बहुत जरूरी है।

3. बच्चों का भूगोल बेहतर होता है

ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों को इसीलिए दूसरी जगहें, दूसरे राज्य या देश-घुमाना चाहते हैं, ताकि मानचित्रों या किताबों में किसी जगह का जिक्र आने पर वे खुद को जल्दी से उस जगह से जुड़ा हुआ महसूस कर लें। यह भी एक बड़ी वजह है कि ज्यादातर माता-पिता बच्चों को रोड ट्रिप पर लेकर जाना चाहते हैं, ताकि वे अपने घर से गंतव्य तक के बीच में आने वाली सभी जगहों की जानकारी अपने बच्चे को देते हुए चलें। इससे बच्चे का भूगोल भी बेहतर होता है और उसे दिशा-ज्ञान भी मिलता है।

4. बच्चों में तनाव और अवसाद कम होता है

मौजूदा समय में जहां माता-पिता के लिए बच्चों के साथ काम के अलावा बातचीत करने का वक्त नहीं है, वहां अगर बच्चों को बिना किसी अन्य काम के माता-पिता का अबाधित समय मिलता है तो देखा गया है कि इससे सदस्यों के बीच में रिश्ते मजबूत होते हैं और साथ ही बच्चा भी घर-स्कूल आदि के तनाव से दूर होता है।

5. बच्चे खुद को परिवार का हिस्सा मानने लगते हैं

परिवार जो हमेशा साथ में हंसता है, खेलता है, खाता है और काम करता है। बच्चों को भी अगर आप परिवार की ऐसी ही परिभाषा सिखाने का प्रयास कर रहे हैं तो घूमने-फिरने से बेहतर आपके पास और कोई मौका नहीं होगा, जिसमें आप अपने बच्चे को परिवार की अहमियत बड़ी आसानी से समझा सकते हैं। मौज-मस्ती के दौरान अक्सर परिवार में कोई बड़ा-छोटा नहीं रहता और यहां तक कि सभी एक-दूसरे के और भी करीब आ जाते हैं। अगर आपके बच्चे खासकर अगर उसके बड़े भाई-बहन हैं तो उन्हें परिवार में शामिल महसूस कराने के लिए आप बच्चों को घूमाने के दौरान उन्हें एक साथ रहने का ज्यादा से ज्यादा मौका भी दें।

6. बच्चे जोखिम उठाना सीखते हैं

घर पर हर समय माता-पिता की निगरानी में कई बार बच्चे अपने जीवन में छोटे-छोटे जोखिम भी नहीं उठा पाते। ऐसे में छुट्टियों के दौरान वे माता-पिता की मौजूदगी के बावजूद छोटे-छोटे जोखिम रोमांच के तौर पर उठा सकते हैं। इसके लिए आप बच्चों को एडवेंचर ट्रिप्स जैसे कि जंगल सफारी, पर्वतारोहण या फिर बच्चों के लिए विशेष प्रकार से तैयार किए गए एडवेंचर ट्रिप पर भी ले जा सकते हैं, जहां विशेषज्ञों की देख-रेख में बच्चा रोमांचक गतिविधियों में भाग ले सकेगा।

7. नए-नए अनुभवों से बच्चे का आत्म-विश्वास बढ़ता है

‘मैं तो अपने मम्मी-पापा के साथ गोवा घूम कर आया। वहां के लोग तो बहुत हंसमुख हैं। वहां लोग दूसरों से खुल कर मिलते हैं।’ कैसा लगेगा अगर आपका बच्चा भी ऐसे ही आत्म-विश्वास से भर बातचीत करेगा? अपने अनुभवों के बाद इंसान खुद पर और खुद की बातों पर अधिक से अधिक विश्वास कर पाता है। किताबों में जो कुछ लिखा है वह उस लेखक का विश्वास है, लेकिन जब उन्हीं चीजों को बच्चे अनुभव करते हैं तो वही विश्वास उनके अंदर भी आ जाता है।

बच्चों पर अनुसंधान करने वाली विशेषज्ञ सिंडी चान का कहना है कि अगर आप अपने बच्चों को कुछ देना चाहते हैं, जिससे वे आपके करीब खुद को महसूस कर सकें तो आप उन्हें अपने साथ होने का अनुभव दें। उनका कहना है कि बच्चों के साथ छुट्टियों में घूमने से वे न सिर्फ आपके करीब आएंगे, बल्कि आपकी छुट्टियों के खत्म होने के काफी लंबे अरसे बाद भी आपका परिवार खुश महसूस करेगा।


TheParentZ provides Parenting Tips & Advice to parents.

Written by Ruchi Gupta

Last Updated: Wed Nov 18 2020

This disclaimer informs readers that the views, thoughts, and opinions expressed in the above blog/article text are the personal views of the author, and not necessarily reflect the views of The ParentZ. Any omission or errors are the author's and we do not assume any liability or responsibility for them.

Top