गर्भावस्था के दौरान ये 7 फल न खाएं- 7 Fruits Not to Eat When Pregnant in Hindi

By Ruchi Gupta|4 - 5 mins read| August 20, 2020

फलों से हमें कई जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। साथ ही इन्हें खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्युनिटी में भी सुधार होता है। लेकिन कुछ ऐसे भी फल हैं, जिन्हें गर्भावस्था या प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की सलाह नहीं दी जाती। आइए जानते हैं, ऐसे कुछ फलों के बारे में जिन्हें गर्भावस्था के दौरान नहीं खाना चाहिए।

किसी भी महिला के लिए मां बनना किसी वरदान से कम नहीं है, लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं, वरदान के साथ आपकी कुछ जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। गर्भावस्था भी कुछ ऐसा ही वरदान है, जिसे पाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं में हॉर्मोनल बदलावों के कारण जहां एक तरफ महिलाओं में भावनात्मक परिवर्तन होते हैं, वहीं दूसरी तरफ उनके खाने-पीने की प्राथमिकताएं भी बदल जाती हैं।

किसी भी गर्भवती मां के लिए जरूरी है कि अपनी और होने वाले बच्चे दोनों की सेहत को देखते हुए पौष्टिक भोजन करे। और जब पोषक तत्वों की बात होती है तो सबसे पहले हमारे दिमाग में ताजा फल और सब्जियां आते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि कुछ फलों का सेवन गर्भावस्था के दौरान नहीं करना चाहिए?

प्रेग्नेंसी में न खाएं इन फलों को तो बेहतर होगा

1. पका हुआ पपीता

पका हुआ पपीता हमारे पाचन तंत्र. को साफ करने में हमारी काफी मदद करता है। पके हुए पपीते में लैटेक्स (latex) की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिसकी वजह से गर्भावस्था की पहली तिमाही में परेशानी हो सकती है। इसकी एक वजह गर्भाश्य में संकुचन का होना भी है। इसीलिए गर्भावस्था की खासकर पहली तिमाही में पके पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए।

2. अनानास

ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था की पहली तिमाही में अनानास का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। उसकी एक वजह यह है कि इसमें ब्रोमेलेन नामक तत्व होता है जो एक प्रकार का एन्जाइम (enzyme) है। इसके सेवन की वजह से गर्भाश्य में सकुंचन होने लगता है और कई बार समय से पहले ही प्रसव पीड़ा भी शुरू हो जाती है, जिससे मां और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है। अनानास के अधिक सेवन की वजह से शरीर में पानी की कमी भी होने लगती है।

3. अंगूर

वैसे तो अंगूर पोषक तत्वों के लिहाज से बहुत बेहतर होते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं को ये खाने चाहिए या नहीं, इस पर कई बार सवाल पूछा जाता है। अंगूर के छिल्कों में एक रेस्वराट्रॉल (resveratrol) नामक यौगिक तत्व होता है, जिसमें टॉक्सिन्स की मात्रा भी होती है। माना जाता है कि इनके सेवन से गर्भवती महिला और उसके बच्चे दोनों को नुकसान हो सकता है। साथ ही महिलाओं का पाचन तंत्र काफी कमजोर हो जाता है और ऐसे में काले अंगूरों को पचाना बहुत मुश्किल होता है।

4. तरबूज

गर्मियों के दौरान आम के बाद अगर कोई फल है जिसे काफी ज्यादा पसंद किया जाता है तो वह है, तरबूज। लेकिन गर्भवती महिलाओं को भी अधिक मात्रा में तरबूज का सेवन करने से रोका जाता है। तरबूज की एक खासियत होती है कि वह हमारे शरीर के सभी टॉक्सिन्स (Toxins) को शरीर से बाहर करने का काम करता है। लेकिन गर्भावस्था में अधिक मात्रा में तरबूज खाने की वजह से हो सकता है कि बच्चा भी टॉक्सिन्स के संपर्क में आ जाए। वैसे भी तरबूज में शर्करा की मात्रा काफी अधिक होती है, जिसकी वजह से भी गर्भवती महिला का ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है।

5. खजूर

खजूर विटामिन और आवश्यक पोषक तत्वों से भरा होता है। लेकिन फिर भी गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन न करने की सलाह दी जाती है। इसकी वजह यह है कि खजूर की तासीर गर्म मानी जाती है, जिसकी वजह से गर्भाश्य के संकुचन की आशंका बनी रहती है। अगर आपको खाना ही हो तो आप दिन में एक या ज्यादा से ज्यादा दो खजूर खा सकती हैं, लेकिन इससे अधिक न खाएं।

6. केला

केला एक ऐसा फल है, जिसे बहुत ही कम परिस्थितियों में न खाने के बारे में सलाह दी जाती है। लेकिन गर्भावस्था कोई सामान्य परिस्थिति नहीं है। गर्भावस्था के दौरान अगर महिलाओं को केले से एलर्जी हो गई हो या उन्हें डायबिटीज हो तो उन्हें केले का सेवन नहीं करना चाहिए।

7. इमली

अक्सर गर्भवती महिलाओं को जब भी खट्टा खाने की तीव्र इच्छा होती है तो उनके जेहन में सबसे पहला नाम इमली का ही आता है। लेकिन इमली गर्भावस्था में जितना फायदा नहीं पहुंचाती उससे अधिक नुकसान पहुंचाती है। इमली में विटामिन सी की मात्रा काफी अधिक होती है। और इसके निरंतर सेवन करने की वजह से महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन (progesterone) का स्तर नीचे गिरता है। प्रोजेस्टेरोन के स्तर में कमी कभी-कभी गर्भपता या मिसकैरेज (miscarriage) या बच्चे के समय से पहले जन्म लेने की वजह भी बन सकता है। इसीलिए गर्भावस्था के दौरान इमली का अधिक सेवन करने से जरूर बचें।

एक नजर इधर भी:

  • सबसे जरूरी बात बिना धोए कोई भी फल या सब्जी का सेवन नहीं करना चाहिए। फलों-सब्जियों को कीड़े से बचाने के लिए उन पर कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा मिट्टी में जानवरों के मल की वजह से टोक्सोप्लाज्मा (Toxoplasma) परजीवी पनपता है, जिसका सेवन भी काफी खतरनाक हो सकता है।
  • अगर गर्भवती महिला को मधुमेह या डायबिटीज की शिकायत है तो उसे अधिक शर्करा वाले फलों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • ताजा फलों के रस का भी सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि ताजा फलों के रस की वजह से गर्भवती महिला को पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  • जिन फलों के सेवन की मनाही हो, उन्हें कम से कम गर्भावस्था की पहली तिमाही में बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए।

गर्भावस्था एक ऐसा समय है, जिसमें अपने भावों पर भले हमारा जोर न हो, लेकिन फिर भी ऐसे समय में पूरी एहतियात बरतना भी बेहद जरूरी है। खासकर जब बात भोजन से संबंधित हो। क्योंकि इस समय मां अपने साथ-साथ बच्चे के लिए जरूरी पोषक तत्वों को भी पूरा करती है। पर फिर गर्भवती महिला को चाहिए कि वह अपनी सेहत और बच्चे की अनदेखी न करें।


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