सर्दियों का आना जितना दिल को सुकून देता है, उनका जाना बच्चों को उससे भी ज्यादा खुशी देता है। सर्दियों में बच्चे जहां घर के अंदर बंद हो जाते हैं, वहीं बसंत ऋतु के आते ही कपड़ों का बोझ भी उन पर कम हो जाता है। जिस तरह बदलते मौसम का असर पशु-पक्षियों पर देखने को मिलता है, ठीक ऐसा ही इस सुहावने मौसम का असर बच्चों पर भी होता है। लेकिन क्या आपके बच्चे तैयार हैं इस बदलते मौसम के लिए?
मौसम बदलने के साथ जितनी खुशी मिलती है, उससे कई ज्यादा माता-पिता को बच्चे को लेकर चिंता होने लगती है। अक्सर बदलता मौसम बच्चों को बीमार बना देता है, जिसमें हल्के सर्दी-जुकाम से लेकर गला खराब होना आदि शामिल होता है। इसके अलावा इस मौसम के आते ही कई तरह के कीट-पतंगों के काट जाने की आशंका भी माता-पिता को काफी परेशान किए रखती है। तो कैसे इस खूबसूरत मौसम के लिए अपने बच्चों को तैयार रखा जाए, यह जानते हैं।5 tips to get kids ready for spring in hindi
बसंत ऋतु के लिए कैसी होनी चाहिए आपकी तैयारी
1. हल्के ऊनी कपड़ों को पहनाएं
अक्सर बच्चे दिन में धूप में जब बाहर निकलते हैं तो उन्हें काफी गर्मी महसूस होती है। यही वजह है कि बच्चे बहुत जल्दी-जल्दी अपने कपड़ों की परतों को कम करने लगते हैं। पर इस वक्त बच्चे की सेहत का ध्यान रखना और भी जरूरी हो जाता है, क्योंकि इस मौसम में भी दिन और रात में तापमान का काफी फर्क होता है। इसके अलावा दिन में हवा चलने के कारण भी बच्चे की तबीयत बिगड़ सकती है। आप इस बात का खास ख्याल रखें कि इस मौसम में भी आप बच्चों को हल्के ऊनी कपड़े जरूर पहनाएं और उन्हें पांव में भी जुराबें पहनने को कहें।
2. सनबर्न से बचाने के लिए सनस्क्रीन लोशन जरूर लगाएं
खुले मौसम में बच्चे भी कई-कई घंटों के लिए घर से बाहर खेलने निकल जाते हैं, ऐसे में धूप की तेज रोशनी की वजह से अक्सर बच्चों को सनबर्न हो जाता है। इसीलिए आप सनस्क्रीन लोशन लगाने के लिए गर्मियां आने का इंतजार न करें और तेज धूप में बच्चों के निकलने से पहले उन्हें सनस्क्रीन लोशन जरूर लगा कर भेजें।
3. बच्चों को इंसेक्ट्स या कीट-पतंगों से बचाएं
इस मौसम में फूलों की वजह से बड़ी संख्या में कीट-पतंगे भी हवा में मौजूद होते हैं। इनमें से कई इंसेक्ट्स बहुत ही खतरनाक होते हैं, जिनके काटने की संभावना हमेशा ही बनी रहती है। इसीलिए आप बच्चों को अगर बाहर खेलने की अनुमति दे रहे हैं तो कोशिश करें कि उन्हें ऐसी जगहों से दूर रहने को कहें जहां मधुमक्खी, ततैया आदि का छत्ता हो या जहां मच्छर बड़ी संख्या में हों। अपने बच्चों को मच्छरों से बचाने के लिए उन्हें कोई क्रीम या रोलऑन लगाएं।
4. बच्चों में पानी की कमी न होने दें
जब बच्चे खेलने लगते हैं तो ऐसे में वे भूल जाते हैं कि उन्हें समय-समय पर पानी या अन्य तरल पदार्थ पीना चाहिए। इस वजह से कई बार बच्चों में पानी की कमी की समस्या भी देखी जाती है। आप ऐसे में अपने बच्चों को पानी जरूर पिलाते रहें। इसके अलावा आप कोशिश करें कि घर पर ही आप मौसमी फलों और सब्जियों का रस या सूप भी उन्हें दें ताकि उनके शरीर में नमी के अलावा जरूरी पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में बने रहें।
5. मौसम संबंधी एलर्जी से करें बचाव
बदलते मौसम में भी बच्चों को कई प्रकार की एलर्जी का सामना करना पड़ता है। कभी कुछ गलत खा लेने की वजह से बच्चों को फूड एलर्जी हो जाती है तो कभी धूप आदि की वजह से एलर्जी हो जाती है। इस समय जितना ज्यादा हो सके, बच्चों को पूरी बांह के कपड़ों को पहनने को कहें और उन्हें घर का बना हुआ सादा भोजन ही कराएं।
इसके अलावा अगर बच्चों को त्वचा पर रैशेज या दानों की समस्या हो तो उन्हें डॉक्टर को दिखाएं। कई बार बदलते मौसम में कपड़ों की वजह से भी बच्चों को रैशेज या दानों की समस्या हो सकती है, तो ऐसे में आप बच्चों के कपड़ों को डिस्इंफेक्टेंट से साफ करें और उनके कपड़ों को सुखाते समय धूप जरूर लगवाएं।
बसंत ऋतु का सही मजा लेना है तो बच्चों को मौसम के लिए सही तरह से तैयार भी करना जरूरी है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके बच्चे किस खेल में ज्यादा रुचि रखते हैं, तो उससे संबंधित सावधानियों जैसे कि खेल से संबंधित उपकरणों, प्रोटेक्टिव गियर्स आदि की भी जांच कर लें, बच्चे को खेल खेलने के लिए सही स्थान का प्रयोग करने के बारे में बताएं, आदि। अगर बच्चे को आम सर्दी-जुकाम हो तो उसका तुरंत उपचार करना ही बेहतर होता है, क्योंकि आम समस्याएं भी समय के साथ बड़ी हो जाती हैं। साथ ही बच्चों को अगर कोई कीट-पतंगा काट गया हो तो उसका भी तुरंत इलाज करना चाहिए।