बच्चों के साथ कैसे मनाएं सुरक्षित दिवाली

By Editorial Team|5 - 6 mins read| November 13, 2020

बच्चों के साथ किसी भी त्योहार में रौनक और बढ़ जाती है। लेकिन बच्चों के साथ किसी भी त्योहार में माता-पिता की जिम्मेदारी भी और बढ़ जाती है। खासकर तब जब बात दीपावली की हो, जिसे हमेशा रोशनी और बम-पटाखों से जोड़ कर देखा जाता है। आपकी दीपावली की खुशियों पर किसी प्रकार की कोई मुसीबत न आए, इसीलिए जानते हैं कुछ खास टिप्स स्कूलमाईकिड्स के साथ।

बच्चों को जहां दिवाली में घर को खूबसूरती से सजाने का शौक होता है, वहीं उन्हें बम-पटाखे भी खूब भाते हैं। दीपावली है कि रोशनी का त्योहार तो इस वक्त बिजली की झालरों से लेकर दीयों और मोमबत्तियों की जगमगाहट होना तो लाजिमी है। ऐसे में कई बार जाने-अनजाने बच्चे कई ऐसे हादसों का शिकार हो जाते हैं।

घर को खूबसूरती से सजाने और चारों तरफ रोशनी करने साथ ही आपको इस बात का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी कारण से चलने-फिरने या उठने-बैठने के दौरान किसी प्रकार की कोई समस्या न हो। बच्चों के लिए इस त्योहारों को सुरक्षित बनाने के लिए आप इन टिप्स को जरूर ध्यान में रखें।

दीपावली को बच्चों के लिए कैसे बनाएं सुरक्षित

1. रोशनी और सजावट

त्योहार को ध्यान में रखते हुए सभी अपने घरों को खूब हर्षोल्लास के साथ दीयों-मोमबत्तियों, बिजली की झालरों और रंग-बिरंगी सजावट से सजाते हैं।

  • बिजली की तारों को पूरी तरह से सुरक्षित रखें। ध्यान रखें कि कटी-टूटी या नंगी बिजली की तारों को पूरी तरह से कवर किया जाए।
  • बिजली के पल्ग या स्विच बोर्ड को बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
  • दीयों और मोमबत्तियों को घर में सजाने के समय ध्यान रहे कि ये चीजें किसी भी प्रकार से कपड़ों जैसे कि परदों, चादरों या फिर आपके उठने-बैठने की जगह के पास न हों।
  • दीयों या मोमबत्तियों को लगाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि आने-जाने के लिए उचित जगह बनी रहे।
  • बाथरूम या रसोई में दीयों को सजाते समय उन्हें प्लास्टिक या बिजली के उपकरणों से उचित दूरी पर रखें।
  • अगर बच्चे दीये या मोमबत्ती जला रहे हैं तो आप उनके साथ रहें। कहीं इन्हें जलाते समय उनका हाथ न जल जाए।
  • पूजा के दौरान भी मंदिर में जलाए जाने वाले दीपक या मोमबत्तियों को भी सुरक्षित स्थान पर रख कर ही जलाना चाहिए।

2. बम-पटाखे

दीपावली हो और पटाखों की बात न हो, ऐसा मुनासिब नहीं है। लेकिन वातावरण को देखते हुए कम से कम और ग्रीन पटाखों को जलाने के बारे में विचार करना चाहिए।

  • अगर छोटे बच्चे पटाखे छोड़ने वाले हों तो ऐसे में आपको हमेशा अपनी निगरानी में ही उन्हें पटाखे छोड़ने देना चाहिए।
  • छोटे बच्चों के लिए अधिक धमाकेदार पटाखों को न लेकर आएं।
  • अगर बच्चा पटाखों या बम से डर रहा हो तो उसके साथ जबरदस्ती न करें।
  • पटाखों को खुले स्थान पर जैसे कि मैदान या फिर छत पर ही छोड़ें।
  • पटाखे खरीदते समय अच्छी गुणवत्ता वाले पटाखे खरीदें।
  • पटाखों को छोड़ने के लिए बच्चों को सिर्फ सूती कपड़े ही पहनाएं, चूंकि सिंथेटिक कपड़ों के कारण छोटी सी चिंगारी भी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
  • बच्चों को पटाखों को खोलकर उनमें भरे रसायनों के इस्तेमाल के लिए सख्ती से मना करें।

3. मिठाई और चॉकलेट्स

दीपावली में उपहारों और मिठाई का लेन-देन काफी ज्यादा होता है। ऐसे में घर में आने वाले सभी मेहमान बच्चों के खिलौनों के साथ मिठाइयां और चॉकलेट्स भी लेकर आते हैं और निश्चित तौर पर आप भी अपने दोस्तों और रिश्तोंदारों को मिठाइयां और चॉकलेट्स देते भी होंगे।

  • बच्चों के लिए मिठाइयां और चॉकलेट्स खरीदरते समय अच्छी दुकान से ही खरीदारी करें।
  • घर पर भी अपने बच्चों को अधिक मात्रा में मिठाई या चाॅकलेट खाने से मना करें, क्योंकि इनकी अधिक मात्रा बच्चों के लिए सही नहीं है।
  • हो सके तो मिठाई की जगह सूखे मेवे बच्चों को खाने को दें।

4. आगजनी से सुरक्षा

दीपावली के समय अक्सर आपने भी कहीं न कहीं आगजनी या फिर आग से संबंधित छोटी-मोटी दुर्घटनाओं के बारे में सुना होगा। इसीलिए बेहद जरूरी है कि आप भी अपनी तरफ से सही इंतजाम करते हुए चलें ताकि किसी भी दुर्घटना के समय आप स्थिति को संभाल सकें।

  • सबसे पहले तो दीपावली वाले दिन अपने पास पानी की एक बाल्टी और रेत का इंतजाम करें, ताकि जरूरत पड़ने पर आप इन चीजों को इस्तेमाल कर सकें।
  • छोटे बच्चों के साथ कब और क्या हो जाए, इसलिए बेहद जरूरी है कि आप अपने पास फर्स्ट एड बॉक्स को पहले से ही तैयार रखें, जिनमें जलने-छिलने पर कोई दवा लगाई जा सके।
  • दीपावली के पटाखे छोड़ने से पहले अपने आस-पास की स्थिति का जायजा ले लें। ध्यान रखें कि आग पकड़ लेनी वाली चीजें आस-पास नहीं होनी चाहिए।
  • दीये-पटाखे आदि से हाथ जल जाने की स्थिति में तुरंत हाथ को ठंडे पानी में डालें। अगर हाथ में छाला बन जाए तो आप इस बात के लिए निश्चित हो सकते हैं कि हाथ सिर्फ ऊपर से जला है। ऐसे में आप राहत न मिलने की स्थिति तक हाथ को पानी में ही रखें और बाहर निकाल कर उस पर दवा लगाएं।
  • पटाखे जलाने के बाद बच्चों को साबुन और पानी से अच्छे से हाथ धोने को कहें।
  • अगर पटाखों के कारण बच्चे को गंभीर चोट आई हो या आंखों में चिंगारी लगी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे।
  • परदों या घर पर कपड़ों के आस-पास अन्य स्थानों पर मोमबत्ती या दीया न जलाएं।

5. दूसरों का भी रखें ख्याल

दीपावली को सुरक्षित सिर्फ अपने बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी खुशगवार बनाना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने बच्चों को दूसरों को भी दीपावली की वजह से होने वाली परेशानियों से परिचित कराएं।

  • पालतू के अलावा दूसरे जानवरों का भी ख्याल रखना चाहिए। दीपावली में पटाखों से होने वाले शोर और धमाकों की वजह से जानवर भी बहुत आहत होते हैं। आप अपने बच्चों को बताइएं कि ऐसे में वे कम से कम शोर करने वाले पटाखों का इस्तेमाल करें।
  • दीपावली में जलाए जाने वाले पटाखों से प्रदूषण भी काफी होता है। इसीलिए आप बच्चों को कम से कम और ग्रीन पटाखे दिलाएं, ताकि अस्थमा और श्वसन संबंधी अन्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों का भी ख्याल रखा जा सके।
  • दीपावली दूसरों के साथ खुशियों को साझा करने का भी त्योहार है। ऐसे में अपने बच्चों को पटाखों या अन्य चीजों में पैसे खर्च करने की जगह जरूरतमंदों के साथ चीजों को साझा करने के बारे में बताएं। इससे आप की ही नहीं, बल्कि दूसरों की दिवाली भी अच्छी हो जाएगी।
  • नवजात शिशुओं और बुजुर्गों के लिए दीपावली में होने वाला शोर और धुआं दोनों ही हानिकारक होता है। ऐसे में बच्चों को इनकी भावनाओं का सम्मान करना भी सिखाएं।

त्योहार कोई भी हो उसका पूरा मजा तभी आता है, जब सभी हंसी-खुशी त्योहार को एक-दूसरे के साथ मनाते हैं। त्योहारों का आनंद लेने के लिए आप भी इन टिप्स पर जरूर गौर फरमाएं और अपने बच्चों के साथ सुरक्षित दीवाली मनाएं।


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