मां बनने के बाद बच्चे के साथ संबंधों को गहरा करने में मदद करता है, स्तनपान या ब्रेस्टफीडिंग। इस दौरान मां बच्चे को अपने बेहद करीब रखती है और बच्चा भी मां की आवाज, उसकी गंध और उसके स्पर्श को पहचानने लगता है। बच्चे के मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास के लिए स्तनपान बेहद जरूरी है। जितना जरूरी बच्चे के लिए ब्रेस्टफीडिंग है, उतना ही जरूरी एक मां के लिए निजी स्वच्छता भी है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निजी स्वच्छता का कैसे ध्यान रखा जाए, आइए जानते हैं।
स्वस्थ बच्चा स्वस्थ मां की पहचान होता है। जितना मां बच्चे की सेहत की फिक्र करती है, उतना ही उसे नवजात शिशु के रहते हुए अपनी स्वच्छता और सेहत पर भी ध्यान देना चाहिए। बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग के लिए कैसे पकड़ना है, उसे कब और कितना दूध पिलाना है। इन सभी सवालों के जवाब मां को जान-पहचान या फिर डॉक्टर्स से मिल जाते हैं। लेकिन इस समय निजी स्वच्छता के बारे में बेहद कम लोग चर्चा करते हैं। बच्चे को ब्रेस्टफीड करने के दौरान मां जितना खुद पर ध्यान देगी, बच्चे को किसी भी प्रकार के संक्रमण होने की चिंता उतनी ही कम भी हो जाएगी। इसीलिए बच्चे और मां दोनों के स्वास्थ्य रहने के लिए मां का अपनी स्वच्छता पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।
10 टिप्स : ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निजी का कैसे रखें ध्यान
वैसे तो यह हम सभी जानते हैं कि मां का दूध बच्चे की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और उसे किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाने में भी मददगार होता है। ऐसे में बच्चे के रोने के साथ ही मां सबसे पहले बच्चे को दूध पिलाने के बारे में सोचती है। लेकिन एक मिनट रूक कर जरा आप अपनी साफ-सफाई पर भी एक नजर डाल लें।
1. पहले और बाद में हाथ धोएं
बिल्कुल! शायद यह ऐसी सलाह है जो हर काम को करने से पहले दी जाती है। नवजात शिशु को अपने हाथों में लेने से पहले चाहें आप किसी भी काम के लिए उसे उठा रहे हों, अपने हाथों को जरूर धोएं। खासकर मां, जब वह बच्चे को दूध पिलाने वाली हो। बच्चों को किटाणुओं से दूध रखने के लिए आप अपने हाथों को अच्छे से धोएं या फिर हाथों को सेनिटाइज करें।
2. शरीर पर रसायनों का प्रयोग न करें
महिलाएं खुद को तरो-ताजा महसूस करने के लिए परफ्यूम से लेकर त्वचा को नरम रखने वाले मॉइस्चराइजर तक का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन इस बात का खास ध्यान रहे कि इनमें काफी मात्रा में रसायन होता है, जो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चे के मुंह में भी जा सकते हैं। इसलिए आप परफ्यूम या मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल अपनी छाती के आस-पास करने से बचें।
3. दूध पिलाने से पहले और बाद में ब्रेस्ट एरिया साफ करें
कपड़ों की वजह से अक्सर शरीर पर पसीना आ जाता है जिस कारण से बैक्टीरिया भी पनप सकते हैं। आप नहीं चाहेंगी कि अगली बार ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ये बैक्टीरिया आपके बच्चे के मुंह में चले जाएं और उसे बीमार करें। इसीलिए दूध पिलाने से पहले और बाद में अपने स्तनों को हल्के गर्म पानी में भीगे हुए कपड़े से अवश्य साफ करना चाहिए। आप चाहें तो टिश्यू पेपर भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
4. साबुन का इस्तेमाल सावधानी से करें
साबुन में भी कई प्रकार के रसायन होते हैं। इसीलिए जब भी आप शरीर पर साबुन का इस्तेमाल करें तो उसके बाद पानी के साथ अच्छे से अपने शरीर खासकर ब्रेस्ट एरिया को साफ करें। अगर आपको किसी भी संदेह हो तो आप बच्चे को दूध पिलाने से पहले हल्के गर्म पानी से निप्पल्स और ब्रेस्ट एरिया को साफ करें।
5. ब्रेस्ट पैड्स को सही समय पर बदलें
ब्रेस्टफीड कराने वाली मां अच्छे से जानती है कि उसका दूध बच्चे के लिए कितना जरूरी है। और आमतौर पर ब्रेस्टफीड कराने वाली मां ब्रेस्ट पैड का सहारा भी लेती है, ताकि उनके कपड़ों पर दूध के दाग न दिखाई दें। लेकिन इनका इस्तेमाल करते हुए आपको इस बात का भी ध्यान देना चाहिए कि ब्रेस्ट पैड के गीला होने पर आपको इन्हें तुरंत बदल देना चाहिए। क्योंकि गीले कपड़े बैक्टीरिया का घर होते हैं। ऐसे में बच्चे को दूध पिलाने पर उसके मुंह के जरिये बैक्टीरिया के प्रवेश करने का खतरा हमेशा बना रह सकता है।
6. साफ नर्सिंग ब्रा का करें इस्तेमाल
बच्चों को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाने के लिए मां को साफ और धुले हुए वस्त्रों का प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए आप अपने निजी कपड़ों को धोने के लिए नॉन-बायो डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें ताकि इससे आपकी त्वचा को किसी भी प्रकार की खुजली आदि न हो। आप दिन में दो से तीन बार अपने कपड़ों को भी जरूर बदलें।
7. साफ जगह पर ही पिलाएं दूध
आमतौर पर मां बच्चे को किसी भी कमरे या फिर जगह पर बैठ कर दूध पिला देती हैं। लेकिन आपको बच्चे को दूध पिलाने से पहले इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि आस-पास साफ-साफाई है या नहीं। धूल-मिट्टी, गंदे बर्तन-कपड़ों आदि के बीच बैठने से बच्चे और आपको नुकसान हो सकता है। आप ब्रेस्टफीडिंग के लिए साफ हवादार कमरे में ही बैठें।
8. बेड पर चादर को भी बदलते रहें
चादर, तौलिये या तकिये के कवर ये सब कुछ ऐसे कपड़े होते हैं, जिनकी साफ-सफाई के बारे में नई मां अक्सर भूल जाती है। लेकिन ये कपड़े किटाणुओं का घर बन सकते हैं। इसीलिए जहां भी बैठकर आप बच्चे को दूध पिलाने का विचार कर रही हों, इस बात का खास ध्यान रहे कि वह जगह भी साफ होनी चाहिए।
9. ढीले कपड़े पहनें
अक्सर तंग कपड़ों को पहनने की वजह से बच्चे को दूध पिलाने में तो दिक्कत होती ही है, साथ में तंग कपड़ों की वजह से ब्रेस्ट में दर्द और संक्रमण दोनों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसीलिए नवजात शिशु को दूध पिलाने के समय आप हल्क एवं ढीले कपड़े पहनें।
10. ब्रेस्ट पम्प और दूध की साफ-सफाई पर भी ध्यान दें
कई वर्किंग मॉम्स ब्रेस्टफीड के साथ बोतल से दूध पिलाने का रास्ता चुनती हैं। ऐसे में ब्रेस्ट पम्प का इस्तेमाल साफ जगह और सुरक्षित बोतलों के साथ ही करना चाहिए। साथ ही दूध को भी साफ जगह पर प्रीजर्व करना चाहिए। कई बार मां के लिए भी ब्रेस्ट पम्प का इस्तेमाल अतिरिक्त दूध को निकालने के लिए करना भी जरूरी होता है। लेकिन इस बात का खास ख्याल रखें कि आप साफ जगह पर ही ब्रेस्ट पम्प का इस्तेमाल करें, ताकि किसी भी तरीके से बच्चे को पिलाने वाला दूध संक्रमित न हो सके।
बच्चे की सुरक्षा और सेहत मां की पहली जिम्मेदारी होती है, खासतौर से तब जब बच्चा पूरी तरह से मां पर ही निर्भर हो। ऐसे में बेहद जरूरी है कि बच्चे के लिए वरदान, मां के दूध को पूरी तरह से स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखा जाए। आप जब भी ब्रेस्टफीडिंग कराने लगें तो पहले अपनी और अपने आस-पास की साफ-सफाई का जरूरी ध्यान रखें।