प्राचीन समय से ही हमारी व्यंजनों में स्वाद को बढ़ा रही है, सौंफ। जहां एक तरफ ज्यादातर मसालों की तासीर गर्म होती है, वहीं सौंफ इसका अपवाद है। हल्के मीठे स्वाद के साथ ही यह विटामिन सी का भी प्रमुख स्रोत है सौंफ के कुछ बीजों को खाने के बाद चबाना काफी फायदेमंद साबित होता है। इससे हमारी पाचन क्रिया सुधरती है, यह हमारे वजन को कम बनाए रखने में मददगार होती है और इससे कब्ज या पेट दर्द का इलाज भी किया जाता है। जी मचलाने और उल्टी की स्थिति में भी यह काफी कारगर होती है। आइए जानते हैं इसके गुणों और उपयोगों के बारे में।
सौंफ के फायदे और उपयोग – Saunf Ke Fayde
पुरानी गैस की समस्या को करे कम:
अक्सर हमारी छोटी आंत में खाना सड़ता रहता है, जिसकी वजह से गैस के कारण पेट फूला रहता है। ऐसे में सौंफ के सेवन से हमारा भोजन सही तरीके से पच जाता है और गैस उदर से बाहर निकल जाती है। इसके लिए आप एक चम्मच सौंफ लें और उसे सिल-बट्टे या ओखली में कूट कर एक गिलास पानी में मिलाएं। अब इस पानी को पैन में डालकर आंच पर उबाल आने दें। इसे तब तक आंच पर रखें, जब तक यह पानी बचकर आधा न रह जाए। अब इसे छान लें और गुनगुना होने के लिए रख दें। इसमें एक चम्मच शहद का मिलाएं। आप इसे दिन में एक बार सेवन और लगभग 1 से 2 महीने तक इसका सेवन करें।
कब्ज से दिलाए आराम:
सौंफ फाइबर का बढ़िया स्रोत है, जो हमारे पाचन तंत्र के सही से कार्य करने में सहायक होती है। इसकी वजह से आपकी छोटी आंत में जमा सारा अपच भोजन निकल जाता है और कब्ज से आपको छुटकारा मिलता है। इसके लिए आप एक कप सौंफ को दो से तीन मिनट के लिए एक पैन या तवे पर भूनें। इसके बाद इसे मिक्सी में एक बारीक पाउडर की तरह पीस लें। इसका सेवन आप रोज रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ करें। बेहतर परिणाम पाने के लिए आप कम से कम एक महीने तक इस प्रक्रिया को रोज दोहराएं।
उदर दर्द (Colic pain) का करे इलाज:
उदर या पेट का दर्द (colic Pain) काफी सामान्य बात है, खासकर मां का दूध पीने वाले बच्चों में। सौंफ में हमारी मांसपेशियों को राहत पहुंचाने का गुण मौजूद होता है। सौंफ के सेवन से छोटी आंत में फंसी गैस भी निकल जाती है और छोटे बच्चों को उदर में दर्द से निजाद भी मिलती है। आयुर्वेद के मुताबिक आप अपने बच्चे को सौंफ का अर्क पानी में मिलाकर दिन में दो बार दे सकते हैं, वह भी भोजन के 45 मिनट बाद।
पीरियड्स की दर्द को कम करे:
अगर आपके पेट में भी पीरियड्स की वजह से ऐंठन या दर्द होती है तो आप भी सौंफ का सेवन कर सकते हैं। इसमें एस्ट्रोजेनिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से गर्भाश्य का संकुचन भी कम होने लगता है। इसके लिए आप एक चम्मच सौंफ को एक गिलास पानी में डालें और इसे एक बर्तन में आंच पर रख इसमें उबाल आनें दें। उबाल आने दें। अब आंच को कम करें और पानी को आधा बचने तक उबलने दें। इसे छान लें और इसका सेवन हल्का गर्म होने पर एक चम्मच शहद डाल कर करें। आप इसे पीरियड्स के दौरान दिन में 3 से 4 बार ले सकते हैं।
बलगम का करे इलाज:
सौंफ में बलगम को खत्म करने के गुण भी होते हैं। अध्ययनों में पाया जाता है कि इसमें मौजूद एनेथोएल की वजह से यह हमारी श्वसन नलियों में फंसी बलगम को खत्म कर खांसी को कम करने में मदद करती है।
मोटापा घटाने में मददगार:
सौंफ से हमारी पाचन क्रिया में सुधार आता है और साथ ही हमारा शरीर सभी आवश्यक पोषक तत्वों को ग्रहण करने में भी कामयाब होता है। साथ ही सौंफ के इस्तेमाल से आपकी भूख पर भी नियंत्रण होता है और वजन कम करने में भी मदद मिलती है। इसके लिए आप भुनी हुई सौंफ का आधा चम्मच पाउडर गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें। आप इसका सेवन कम से कम 2 से 3 महीने के लिए करें।
मां का दूध अधिक बनाने के लिए है कारगर:
काफी समय से हमारे परिवारों में नई मां को बच्चे की दूध की जरूरत को पूरा करने के लिए सौंफ का सेवन करने की हिदायत दी जाती है। खासकर तब, जब मां का दूध कम बनता हो। सौंफ में प्रोलैक्टिन हार्मोन बढ़ाने की क्षमता है। जिसकी वजह से मां का दूध अधिक बनता है। इससे न सिर्फ दूध की मात्रा बल्कि गुणवत्ता भी बढ़ती है, बल्कि दूध पिलाने वाली मांओं में दूध का प्रवाह भी बेहतर होता है।
इसके लिए 2 से 3 चम्मच सौंफ को एक लीटर पानी में मिलाएं और उसे आधा रहने तक उबालें। इस प्रक्रिया में लगभग 5 से 6 मिनट का समय लगता है। अब इस पानी को ठंडा होने दें और फिर इसमें एक चम्मच मिश्री का पाउडर मिलाएं। दिन में दो से तीन कप पानी जरूर पिएं।
कब न करें इस्तेमाल
- मिर्गी के मरीजों के लिए सौंफ का उपयोग की सलाह नहीं दी जाती। सौंफ के वजह से दौरा आ सकता है, इसीलिए इसके सेवन करने के लिए आप डॉक्टरी सलाह लें।
- अगर आप परिवार नियोजन के लिए दवाई ले रही हैं तो सौंफ का इस्तेमाल इसमें आपकी मुसीबत बढ़ा सकता है। आप सौंफ का इस्तेमाल बंद करे या इसके अन्य उपायों के बारे में विचार करें।