मौजूदा समय की जीवनशैली, प्रदूषण और खराब या जंक फूड को ज्यादा पसंद करने की वजह से बच्चों को कई प्रकार के संक्रमणों और एलर्जी का खतरा बहुत ज्यादा है। बच्चे इतना जंक फूड या प्रोसेस्ड फूड खाते हैं कि दर्द, सूजन, जलन और संक्रमणों से सुरक्षा के मद्देनजर
यह बहुत जरूरी है कि बच्चों की खुराक में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा को भी बढ़ाया जाए। ये एंटीऑक्सीडेंट्स हमें सुपरफूड से मिल सकते हैं। आइए स्कूलमाईकिड्स के साथ जानते हैं, सुपरफूड फूड के बारे में और अधिक।
सुपरफूड से न सिर्फ बच्चों के विकास के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व ही मिलते हैं, बल्कि उनके लिए जरूरी एनर्जी भी इनसे मिलती है। आइए जानते हैं, ऐसे ही कुछ खास सुपरफूड्स के बारे में जो हमारे बच्चों के लिए हैं बेहद आवश्यक।
ओट्स
ओट्स को सॉल्यूबल फाइबर का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है। इनमें बीटा-ग्लुकेन मौजूद होता है, जो दिल से संबंधित बीमारियों को दूर रखने में योगदान देता है। इसकी वजह यह है कि इससे हमारे शरीर की धमनियों में जमने वाले बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो जाता है। ओट्स को बच्चों के भोजन में शामिल करने का सबसे बेहतर तरीका है कि आप ओट्स की खीर बनाकर बच्चे को सुबह नाश्ते में दें।
इसके अलावा आप बच्चे के लिए ओट्स को कई सब्जियों में मिलाकर इसके कटलेट भी बना सकते हैं। बस फर्क इतना ही है कि आप इसे बेक करें न कि डीप-फ्राई। इससे आपके बच्चे को न सिर्फ फाइबर ही मिलेंगे, बल्कि सब्जियों में पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स भी उन्हें खतरनाक संक्रमणों और बीमारियों से बचाएंगे। अगर आपके बच्चे को स्मूदी पसंदहो तो आप ओट्स और ऐप्पल की स्मूदी भी बना सकते हैं, जिसमें चिया सीड्स डालना बिल्कुल न भूलें, जो ओमेगा-3 का बेहतरीन स्रोत है।
अंडे
अगर आप या आपका बच्चा अंडा खाता हो तो इस सुपरफूड को अपने बच्चे के भोजन में अलग-अलग रूप में शामिल करें। अंडा प्रोटीन का बहुत बढि़या स्रोत है, जो बच्चे के मानसिक और शरीरिक विकास के लिए बहुत जरूरी है। अंडे से कोलीन नामक पोषक तत्व मिलता है, जिससे बच्चे की स्मरण शक्ति बढ़ती है। आप बादाम के साथ-साथ अंडे को भी अपने बच्चे के भोजन में शामिल करना बिल्कुल न भूलें। आप उसे उबला हुआ अंडा या नॉन-स्टिक पैन में हाफ फ्राई अंडा भी बना सकते हैं और अपने बच्चे को इसे ब्राउन ब्रेड या होल व्हीट ब्रेड के साथ भी खाने के लिए दे सकते हैं, क्योंकि इससे तुरंत ही बच्चे का शुगर का स्तर नहीं बढ़ता।
अलसी
क्या आपका बच्चा भी बहुत जल्दी थक जाता है या उसे सीढि़यां चढ़ने में दिक्कत होती है या पढ़ाई के दौरान वह ध्यान नहीं लगा पाता? अगर बच्चों के भोजन में आयरन की कमी के कारण ऐसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इस मामले में आपको अपने बच्चे की खुराक में अलसी को भी शामिल करना चाहिए। आप उसे अलसी के बीज खिला सकते हैं, जो फाइबर के साथ-साथ आयरन का भी बहुत बढि़या स्रोत होते हैं। आप उन्हें कच्चे, भूने हुए या फिर दही या कटे हुए फलों पर छिड़कर अलसी के बीज खिलाएं। जब भी आयरन युक्त भोजन के साथ विटामिन सी लिया जाता है तो इससे आयरन जल्दी से हमारे शरीर में सोख लिया जाता है। इसके अलावा आप अलसी के लड्डू भी अपने बच्चे को बतौर स्नैक्स में खाने के लिए दे सकते हैं, जिसमें आयरन के साथ-साथ सूखे मेवों के भी पौष्टिक तत्व शामिल होंगे।
फल और सब्ज्यिां
फल और सब्जियों से मिलने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स हमारे बच्चे के लिए बेहद जरूरी हैं, क्योंकि इनकी मदद से बच्चों के बढ़ते शरीर में मौजूद फ्री रैडिकल्स नष्ट हो जाते हैं और बच्चे कई प्रकार के संक्रमणों और बीमारियों से सुरक्षित हो जाते हैं। इनसे हमारे बच्चों को कई मूलभूत पोषक तत्वों के साथ-साथ विटामिन्स और फाइबर भी मिलते हैं। अगर आपके बच्चे को सब्जियां खाना पसंद न हो तो आप उन्हें अलग-अलग तरीके से सब्ज्यिां खिला सकते हैं। जैसे कि आप उन्हें बेक किए हुए कटलेट दें, जिन्हें बच्चों के लिए खास गार्निश किया हो। इस तरह की रेसिपी बच्चों को बहुत आकर्षित करती है। इसके साथ ही आप अपने बच्चे के भोजन में विभिन्न तरह के फलों को भी शामिल करें। अगर बच्चों को रोज एक ही प्रकार का भोजन दिया जाएगा तो उनकी दिलचस्पी उस फल या सब्जी में कम होने लगेगी। इसीलिए अपने भोजन में बदलाव लाते रहिए।