जब बच्चा माँ का दूध छोड़ देता है या माँ के दूध से पेट नहीं भर पाता है तो उसे कुछ ऐसा खाने की ज़रूरत होती है जो उसे पूरा पोषण दे और आराम से खाया – पचाया जा सके। यह उम्र होती है एक से तीन साल। इस उम्र के बच्चों को बड़ों की तरह सामान्य खाना खाने में मुश्किल होती है क्योंकि वह न ही तो खाने की चीजों को चबा सकता है और न मसालेदार खाना खा सकता है। ऐसे में हर माँ उलझन में होती है बच्चों को क्या खिलाएं। क्या ऐसा स्वादिष्ट बनाएं जिसे बच्चा आसानी से चाव से खाए। साथ ही इस समय बच्चों को पूरे पोषण की ज़रूरत होती है। इस समय इसको वज़न बढ़ाने वाले, स्वस्थ रखने वाले पौष्टिक आहार की आवश्यकता है। एक माँ की इसी उलझन को सुलझाते हुए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि लगभग एक से तीन साल के बच्चों को क्या पकाकर खिलाएं जो उसका भरपूर विकास करे।
आयु – 1 से 3 साल के बच्चों का आहार
1. गेहूँ का थोड़ा बारीक दलिया
दलिया छोटे बच्चों के लिए एक पोषक तत्वों से भरपूर खाना है। इसे अच्छी तरह साफ करके मिक्सर में डालकर थोड़ा बारीक कर लें। इसे दूध के साथ चीनी मिलाकर या नमकीन भी बनाया जा सकता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले अपनी ज़रूरत के हिसाब से दलिया हलकी आंच पर भूनें। भूनने के बाद इसमें थोड़ा देसी घी, दूध, पानी और चीनी डालकर पकाएं। इसे धीमी आँच पर अच्छी तरह पकने तक रहने दें। गुनगुना होने पर बच्चे को खिलाएं। नमकीन दलिया बनाते समय थोड़ी सब्जियां भी दाल सकती हैं।
2. सूजी की खीर और हलवा
सूजी की खीर बहुत स्वादिष्ट लगती है और साथ पौष्टिक भी होती है। बहुत स्मूद होने के कारण बच्चे इसे आराम से खा लेते हैं। इसे भी मीठी या नमकीन दोनों तरह से बना सकती हैं। खीर बनाने के लिए ज़रूरत के अनुसार सूजी लेकर उसमें दूध और चीनी डालें। गाढ़ा होने तक धीमी आँच पर पकाएं। गुनगुना होने पर बच्चे को खिलाएं।
3. उपमा
उपमा भी सूजी से ही बनाया जाता है । यह आसानी से पच जाने वाला स्वाद से भरपूर व्यंजन है। यह काफ़ी पौष्टिक भी होता है। इसके रेडी – टू – कुक छोटे पैक भी बाज़ार में उपलब्ध हैं। सूजी का उपमा बनाने के लिए पानी उबालें। उबलते पानी में सूजी को डालकर इसमें स्वादानुसार नमक और देसी घी या रिफाइंड डालकर चलाएं। यह थोड़ा खिला – खिला ही बनाएं। ठंडा होने पर बच्चे को खिलाएं।
4. मूँग या मसूर दाल की खिचड़ी
खिचड़ी छोटे बच्चों के लिए एक संपूर्ण आहार है। इसमें दाल – चावल, नमक, घी सबके पोषक तत्व बच्चे को मिल जाते हैं। खिचड़ी को मसूर या मूँग दोनों ही दालों की बनाई जा सकती है। बच्चे के लिए पतली और खूब घुटी हुई खिचड़ी बनाएं। यह आसानी से खाई जा सकेगी और पाचन के लिए भी ठीक रहेगी। इसके लिए साबुत चावल न लेकर इसका टूटे चावल का प्रयोग करें तो बेहतर है। इससे बच्चों को प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में मिलते हैं। एक भाग चावल और दो भाग दाल धोने के बाद कुछ देर के लिए भिगो दें। अब प्रेशर कुकर में थोड़ा देसी घी डालकर इसमें हींग और जीरा डालें। अब भिगोए हुए दाल – चावल डालकर कुकर को बंद कर एक – दो सीटी आने दें। प्रेशर खत्म होने पर थोड़ा ठंडा करके बच्चे को खिलाएं।
5. रागी
बच्चों को रागी खिलाने से कैल्शियम की कमी दूर होती है जिससे उनकी हड्डियां मजबूत होती हैं। यह बच्चों के पोषण के लिए ज़रूरी है और खाने में स्वाद से भरपूर होता है। यह शरीर में शुगर की मात्रा को भी नियंत्रण में रखता है और बच्चों को मोटापे से भी बचाता है। रागी का परांठा बनाकर बच्चे को दें। इसके लिए रातभर रागी को पानी में भिगोकर रखें। सुबह छानकर अच्छी तरह पीस लें। पीसकर इस पेस्ट को हलवा बनाएं या फिर उबली सब्जियां मैश करके मुलायम परांठा बनाएं। परांठे पर देसी घी लगाकर छोटे टुकड़े मसलकर बच्चे को खिलाएं।
6. आलू की सादा सब्जी में घुटा हुआ चावल
आलू की सादा सब्जी और अच्छा पका हुआ चावल मैश करके बच्चे को खिलाने से भरपूर पोषक तत्व मिलेंगे। सब्जी में मिर्च बहुत कम डालें। इस खाने को बच्चा शौक से खाएगा।
7. केला
केला भी बच्चों के लिए सुपरफूड है क्योंकि इसमें प्राकृतिक फ्रूट शुगर होता है जो कि आपके बच्चे के मीठा खाने की इच्छा को पूरा करता है और उसे स्वस्थ रखता है। यह एक संपूर्ण पौष्टिक आहार है जो कि फाइबर और विटामिन से भरपूर होता है।
8. अंडा
अंडे में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है। इनमें अच्छी मात्रा में विटामिन डी भी पाया जाता है। यह शरीर में कैल्शियम की मात्रा को भी पूरा करता है जो कि बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाता है। अंडा खाने से बच्चों का पेट भी पूरी तरह से भर जाता है।
9. ओट्स
ओट्स में फाइबर के गुण होते हैं और साथ ही सोडियम, कोलेस्ट्रॉल और सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा कम होती है। ओट्स खाने से बच्चों को प्रोटीन, मैग्निशियम और फास्फोरस की कमी पूरी होती है। यह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। ओट्स को अगर हम किसी और चीज में मिलाए तो वह और अधिक स्वादिष्ट बन जाता है। ओट्स और केले की स्मूदी बच्चे को बनाकर खिलाएं। इसके लिए ओट्स को रातभर भिगो कर रखें। सुबह एक केला, ओट्स, थोड़ा गुड़ का चूरा मिक्सर में मिलाकर बच्चे को दें।
10. मसूर की दाल
इस दाल में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। यह दाल पाचन तंत्र को मजबूत करती है। साथ ही यह मेटाबॉलिज्म को सही रखती है। बच्चों के आहार में इस स्वादिष्ट दाल को ज़रूर शामिल करें। पतली दाल बनाकर बच्चे को सूप की तरह पिलाएं। दाल में रोटी मैश करके भी बच्चे को खिला सकती हैं।
11. मेवे
बच्चों के विकास के लिए मेवे बहुत लाभकारी होते हैं। बादाम, अखरोट, पिस्ता और काजू आदि सभी बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे होते हैं। सुबह के समय दूध में इनका पाउडर डालकर बच्चे को पिलाएं। इससे आपके बच्चे में पूरा दिन ऊर्जा बनी रहती है। इनका पाउडर बनाने के लिए सबसे पहले आप सारे मेवों को अलग-अलग भूनें और फिर इन सब को मिलाकर पीसकर रख लें। मिल्कशेक या दूध में मिलाकर बच्चे को दें।
12. दूध और दूध से बनी चीजें
दूध और दूध से बनी चीजें बच्चों के विकास के लिए बहुत आवश्यक होती हैं। हर माँ अपने बच्चे के लिए दूध के महत्व को समझती है। इनमें प्रोटीन और कैल्शियम पाया जाता है जो बच्चे के दिमाग और शरीर के लिए उत्तम होता है। दूध में मौजूद कैल्शियम उसकी हड्डियों और दाँतों को मजबूत बनाता है और उन्हें स्वस्थ रखता है।
13. हरी पत्तेदार व अन्य सब्जियां
हरी पत्तेदार व अन्य सब्जियां बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फ़ायदेमंद होती हैं। इनमें पाए जाने पोषक तत्व बच्चे के विकास में बहुत मददगार होते हैं। सब्जियों को पकाकर, मैश करके बच्चों को ज़रूर खिलाएं। पालक, टमाटर का सूप भी बच्चों के लिए उत्तम होता है। पत्तेदार सब्जियों को उबालकर आटे में मैश करके, नमक डालकर मुलायम परांठा मसलकर बच्चे को दें।
14. फल
बच्चों के आहार में फलों की मात्रा जितनी अधिक होगी वह उतना ही तंदुरुस्त होगा। फलों के जरिए बच्चे को पर्याप्त विटामिन मिल जाते हैं। साथ ही हर फल में कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। बेरीज वाले फलों में एक अलग तरह का एंटी ऑक्सीडेंट होता है जिसे एंथोसायनिन कहा जाता है। यह बच्चे की नजर को बेहतर बनाता है और शरीर की तंत्रिका तंत्र और रक्त धमनियों को स्वस्थ रखता है। बच्चे को सेब, संतरा, केला, आम आदि सभी फल ज़रूर किसी न किसी रूप में ज़रूर दें। इनका जूस बनाकर पिलाएं।
15. टोफू
यह बच्चों के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद माना जाता है। यह सोया दूध से बना होता है और पनीर जैसा लगता है। प्रोटीन की भरपूर मात्रा में इसमें होती है। साथ ही इसमें एंटी कैंसर के गुण भी पाए जाते हैं। टोफू कोलेस्ट्रॉल को सही रखता है और इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। इसको उबले आलू या कोई और उबली सब्जी के साथ मैश करके कटलेट आदि बनाकर बच्चे को खिलाएं।
तो अब आप भी इन चीजों को बच्चों को खिलाएं और उन्हें स्वस्थ बनाएं।