क्या आप सेंधा नमक के बारे में जानते हैं? दरअसल आमतौर पर हमारे घरों में दो ही तरह का नमक इस्तेमाल होता है, एक तो समुद्री नमक या सफेद नमक और दूसरा सेंधा नमक, जिसे हम रॉक सॉल्ट (rock salt), या लाहौरी नमक के नामक से भी जानते हैं। पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर से मिलने वाले नमक को सेंधा नमक (Sendha Namak) के नाम से जाना जाता है। इस नमक का नाम सेंधा इस वजह से पड़ा, क्योंकि यह सिंध या सिंधु इलाके में मौजूद पहाड़ों से मिलता है।
हम सभी ने अपनी नानी-दादी को सेंधा नमक के बड़े-बड़े टुकड़ों को इस्तेमाल करते हुए जरूर देखा होगा। पर आज आपको यह पीसा हुआ और अच्छे से अच्छी पैकेजिंग में मिलता है। अब बात करते हैं सेंधा नमक के इस्तेमाल और उसके फायदों की। अगर 5000 वर्षों से चले आ रहे आयुर्वेद की मानें तो सफेद नमक की तुलना में सेंधा नमक हमारे हृदय के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इसमें दीपन और पाचन के गुण हैं, जिनकी वजह से इसके सेवन से पेट से जुड़ी समस्याएं भी कम हो जाती है। सफेद नमक की जगह यह ठंडी तासीर वाला होता है और पचने में भी हल्का रहता है। इसके सेवन से हमारे पेट में पाचक रस बढ़ते है। यह एक बड़ी वजह है कि सफेद नमक की जगह काला और सेंधा नमक प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।
सेंधा नमक के फायदे – Sendha Namak ke Fayade
- सेंधा नमक के इस्तेमाल से रक्तचाप के साथ-साथ कई गंभीर बीमारियां नियंत्रण में रहती हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह नमक अम्लीय नहीं है, बल्कि क्षारीय है। क्षारीय चीज के इस्तेमाल से हमारे शरीर में मौजूद अमल का असर खत्म हो जाता है और रक्त में अमलता खत्म होने का मतलब है कि हमारे शरीर से 48 प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं।
- सफेद नमक की तुलना में सेंधा नमक पूरी तरह से हमारे शरीर में घुल जाता है। इसकी शुद्धता का प्रमाण आप यहीं से ले सकते हैं कि व्रत और उपवास आदि में भी सेंधा नमक का ही प्रयोग किया जाता है, सफेद आयोडीन युक्त नमक का नहीं।
- सेंधा नमक से हमारे शरीर में 97 विभिन्न पोषक तत्वों की कमी पूरी होती है। इन पोषक तत्वों की कमी हो जाने से लकवे की आशंका बनी रहती है। सेंधा नमक के बारे में आयुर्वेद में कहा गया है कि इसके सेवन से वात, पित्त और कफ तीनों ही दोष दूर हो जाते हैं।
- यह पाचन में सहायक होता है। यहीं कारण है कि आयुर्वेदिक औषधियों में जैसे लवण भास्कर पाचन चूर्ण आदि में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
- सेंधा नमक में मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम की वजह से यह हमारे हृदय के लिए भी लाभकारी होता है।
समुद्री नमक के नुकसान
- आयुर्वेद के अनुसार समुद्री नमक काफी नुकसानदेह होता है, क्योंकि इसमें अतिरिक्त आयोडीन मिलाता जाता है। आयोडीन भी हमारे शरीर को दो तरह से मिलता है, एक प्राकृतिक और दूसरा भोजन की वस्तुओं में अलग से मिलाकर। कुछ कंपनियां समुद्री नमक में अलग से नमक को मिला रही हैं, जिन्हें इंडस्ट्रील आयोडीन कहा जाता है, जिसकी वजह से बहुत सी गंभीर बीमारियां भी होती हैं।
- समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप, मधुमेह जैसी गंभीर समस्याएं भी होती हैं। इसका कारण है इस नमक का अम्लीय होना। यह नमक पानी में कभी नहीं घुलता और हमारे शरीर में भी नहीं, जिसकी वजह से कई मामलों में यह किडनी से बाहर नहीं निकल पाता और पथरी का कारण भी बनता है।
- इस नमक से नपुंसकता और लकवा की भी शंका बनी रही है। इससे पोषक तत्व तो 4 मिलते हैं, जबकि बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ जाता है।
- सफेद रिफाइंड नमक में 98 प्रतिशत सोडियम क्लोराइड है, जिसकी वजह से यह हमारे शरीर में घुल नहीं पाता। इसमें ट्राईकैल्शियम फॉस्फेट, मैग्नीशियम कार्बोनेट और सोडियाम एल्यूमिनो सिलिकेट जैसे रसायन मिलाए जाते हैं, जो सीमेंट बनाने में भी काम आते हैं। विज्ञान के अनुसार यह हमारे रक्त वाहिनियों को कड़ा बनाते हैं, जिसकी वजह से हमारे रक्त में थक्के जमने लगते हैं और ऑक्सीजन के प्रवाह में भी रूकावट आने लगती है।
- आयोडीन युक्त नमक खाने की वजह से हमें अधिक प्यास लगती है। माना जाता है कि 1 ग्राम आयोडीन युक्त नमक अपने से 23 गुणा अधिक पानी को सोखता है। जिसकी वजह से वह हमारी कोशिकाओं की नमी को भी सोखता है और हमें बार-बार प्यास लगने का एहसास होता है।
- इसके सेवन से जोड़ों में दर्द, गठिया और प्रोस्टेट जैसी समस्याएं होती हैं।
दुनिया के कई देशों में आयोडीन युक्त नमक पर है प्रतिबंध
वैसे आपको यह जानकर बहुत हैरानी होगी कि दुनियाभर के 56 देशों में अतिरिक्त आयोडीन युक्त नमक पर लगभग 40 साल पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया था। अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, डेनमार्क जैसे देश अपने नागरिकों को सफेद नमक न खाने के बारे में बताते हैं। डेनमार्क की सरकार ने 1956 में ही आयोडीन युक्त नमक को प्रतिबंधित कर दिया था, उनका कहना है कि इसके अधिक सेवन की वजह से वहां के लोगों में नपुंसकता बढ़ रही थी। उनके वैज्ञानिकों ने कहा कि आयोडीन युक्त नमक बंद करवाओ तो उन्होंने उस पर प्रतिबंध लगा दिया। वहीं हमारे देश में जब आयोडाइज्ड नमक की बिक्री शुरू की गई, तब नागरिकों में आयोडीन की कमी का हवाला दे कर बिना आयोडीन वाले नमक पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जिसे अदालत ने गैर-वाजिब मना और इस प्रतिबंध को भी खारिज कर दिया गया।