आयुर्वेद में गिलोय को काफी महत्त्वपूर्ण बेल माना गया है, जिसे अमृता और गुडुची या गुलबेल भी कहते हैं। इसे अमृता इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि इसके सेवन से व्यक्ति के जीवनकाल में भी इजाफा होता है। इसमें बहुत से औषधिय गुण हैं। साथ ही यह कई बीमारियों का उपचार करने वाली बेल के रूप में भी जानी जाती है। इसके सेवन से कई रोगों के उपचार में भी बेहतरीन परिणाम देखे गए हैं। आइए जानते हैं इसके उपयोग और गुणों के बारे में।
गिलोय के उपयोग और गुण
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए
गिलोय में प्रचूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद हैं, जिसकी वजह से हमारी शरीर में मेटाबॉलिज्म ठीक होता है और यह हमारी कोशिकाओं को स्वस्थ बने रहने में भी मददगार होती है। गिलोय का सेवन बीमारी के कारण बनने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में हमारी मदद करता है और हमें कई बीमारियों से बचाता भी है। यह एक बेहतरीन बल्ड प्यूरीफाइर है, जिसकी वजह से हमारी शरीर में से टॉक्सिन्स भी निकल जाते हैं। इससे हमारी इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा होता है।
लंबे बुखार का इलाज करे
गिलोय का सेवन करने से लंबे समय से चले आर रहे बुखार जैसे कि डेंगू, मलेरिया या स्वाइन फ्लू को ठीक करने में भी मदद मिलती है। इसके सेवन से कई जीवन घातक बीमारियों का इलाज करने में कामयाबी भी मिलती है। साथ ही यह लीवर से जुड़ी और यूटीआई या यूरिनरी टैक्ट इन्फेक्शन जैसी समस्याओं में निपटने में भी मददगार होता है।
मधुमेह पर लगाए नियंत्रण
गिलोय हमारे शरीर में शुगर के बढ़ते स्तर, खासतौर पर टाइप 2 डायबिटीज में, को ठीक रखने में मददगार होता है। गिलोय में शुगर के स्तर को कम बनाए रखने के गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह मधुमेह या डायबिटीज के इलाज में भी काफी अहम योगदान देती है।
बेचैनी और तनाव
मौजूदा दौर में बेचैनी और तनाव के शिकार ज्यादातर लोग हो जाते हैं। गिलोय में आपके इसी मानसिक तनाव और बेचैनी को कम करने के गुण भी हैं। इसके सेवन से हमारे शरीर को आराम पहुंचता है और साथ ही साथ यह हमारी स्मरण शक्ति को भी बढ़ाने के काम में आती है।
श्वसन संबंधी समस्याएं
गिलोय में जलन, सूजन और दर्द को दूर करने के गुण भी शामिल है। इसीलिए आम सर्दी-खांसी और जुकाम के साथ-साथ टॉन्सिल्स और श्वसन संबंधी छोटी-मोटी समस्याओं के लिए भी गिलोय का सेवन काफी कारगर साबित होता है। दरअसल यह हमारे शरीर से कफ को खत्म करने का काम भी करती है, जिसकी वजह से हमें खांसी और अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं से निजाद भी मिलती है।
गठिया के दर्द को भगाए
गिलोय में मौजूद दर्द और सूजन दूर करने के गुणों के लिए कारण गिलोय का इस्तेमाल गठिया जैसी जोड़ों के दर्द की समस्याओं के लिए भी किया जाता है। इसके लिए आप गिलोय के शाखा को सूखा कर उसका पाउडर बना लें और इस पाउडर का सेवन आप रोज दूध के साथ करें आपको आराम मिलेगा।
अस्थमा में आए काम
गिलोय का इस्तेमाल अस्थमा के लक्षणों को कम करने के लिए भी किया जात सकता है। इसके लिए रोगी विशेषज्ञ से परामर्श लेकर गिलोय के जूस की सही मात्रा का सेवन करें। इसके अलावा वे गिलोय की जड़ को चबा भी सकते हैं।
कब्ज को करे दूर
अगर आपको भी कब्ज की समस्या है तो आप भी गुड़ के साथ गिलोय का सेवन करें, इससे आपको कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
बुढ़ापे को रखे दूर
गिलोय हमारी त्वचा के लिए बहुत लाभकारी है। इसमें एंटी-एंजिंग या बुढ़ापे को दूर रखने के गुण भी मौजूद हैं। इसके लगातार उपयोग से आप अपने चेहरे पर दाग-धब्बों, कील-मुंहासों, झाईयों और झुरियों को भी दूर कर चमकदार त्वचा पा सकते हैं।
इसके अलावा गिलोय का उपयोग गाउट, रूमेटॉइड आर्थिराइटस और लीवर से संबंधित अन्य समस्याओं के लिए भी किया जाता है।
कब न करें गिलोय इस्तेमाल
गिलोय के फायदों के बारे में तो हमने जान लिया, लेकिन यह जानना भी बहुत जरूरी है कि कुछ मामलों या परिस्थितियों में इसके नुकसान भी देखने का मिलते हैं। आइए जानते हैं कि हमें कब गिलोय का सेवन या उपयोग नहीं करना चाहिए
- गिलोय में बल्ड शुगर को कम करने के गुण मौजूद हैं। ऐसे में डायबिटीज के रोगियों को बिना डॉक्टरी परामर्श इसका सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती।
- पेट की विभिनन समस्याओं का निदान करने की गिलोय में क्षमता है, लेकिन कभी-कभी यह हमारे पेट में गड़बड़ी को बढ़ देता है, जिसकी वजह से कब्ज की शिकायत हो सकती है।
- कई बार गिलोय हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यून सिस्टम को इतना बढ़ा देती है कि इसकी वजह से ऑटो-इम्यून बीमारियों जैसे की लुपस और मल्टीपल स्क्लेरोसिस हो सकती हैं।
- किसी भी प्रकार की सर्जरी के दौरान या बाद में गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे सर्जरी में परेशानी हो सकती है।
- गिलोय का इस्तेमाल 5 वर्ष या उससे अधिक उम्र से किया जा सकता है। इससे कम उम्र के बच्चों को गिलोय का सेवन कराने से पहले किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लें।
गिलोय के सेवन के विभिन्न प्रकार और उनकी मात्रा
गिलोय का सेवन हम अलग-अलग प्रकार से कर सकते हैं। लेकिन इसकी उपयोग की अधिकतम सीमा की जानकारी होना भी बहुत आवश्यक है।
- गिलोय का पाउडर: 2/5 से 5 ग्राम
- काढ़ा: 40 मिलीग्राम
- जूस: 20 मिलीग्राम
- गिलोय सत्व: 500 से 1000 मिलीग्राम