एलोवेरा के क्या क्या फायदे हैं? पेट से लेकर त्वचा संबंधी की बड़ी समस्याओं का इलाज है ऐलो वेरा के रूप में। यह एक प्रकार का कैक्टस का पौधा है, जिसे आयुर्वेद में घृतकुमारी भी कहा जाता है। आम बोल-चाल की भाषा में इसे ग्वारपाठा भी कहते हैं। इसकी 200 के लगभग प्रजातियां हैं, लेकिन जो हमारे लिए सबसे अधिक लाभकारी है उसका नामक है ऐलो बारबाडेंसीस। ऐलो वेरा के उपयोग के बारे में तो लगभग हम सभी जानते हैं कि इसका इस्तेमाल त्वचा पर लगाने के साथ-साथ सेवन के लिए भी किया जात है।
इसमें 15 से अधिक एमिनो एसिड और 12 विटामिन मौजूद होते हैं। इसके इस्तेमाल से त्वचा संबंधी समस्याओं, पेट दर्द, डायबिटीज, जोड़ों के दर्द और बालों में रूसी और रूखेपन को भी दूर किया जा सकता है। आइए जानते हैं ऐलो वेरा का उपयोग और उसकी विशेषताएं:
ऐलो वेरा के उपयोग: एलोवेरा के 9 फायदे
1. थुलथुलेपन से दिलाए निजाद:
जंक फूड या बाहर का अत्यधिक भोजन करने की वजह से हमारी शरीर में आमा या अपच की वजह से टॉक्सिन्स की मात्रा बढ़ जाती है। इसकी वजह से हमारा वजन तेजी से बढ़ता है। ऐसे में ऐलो वेरा का इस्तेमाल हमारे मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करता है और हमारे शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। इसके लिए आप रोज सुबह खाली पेट 2 से 3 चम्मच ऐलो वेरा का जूस बराबर मात्रा में पानी मिलाकर लें।
2. हड्डियों के दर्द में
आमतौर पर जोड़ों के दर्द में भी ऐलो वेरा काफी राहत पहुंचाता है। जोड़ों में दर्द और अकड़न की स्थिति में इसमें मौजूद दर्दनिवारक गुण हमारे बहुत काम आता है। इसके साथ ही यह वात की मात्रा को भी संतुलित करता है। आयुर्वेद में वात की मात्रा में असंतुलन हड्डियों में दर्द की एक अहम वजह मानी गई है। इसके अलावा यह हड्डियों के भूरने की स्थिति को भी नियंत्रित करने का काम करता है।
3. कब्ज को करे दूर
आमतौर पर कब्ज की समस्या गलत भोजन करने या अत्यधिक कॉफी और चाय पीने रात को देर से सोने या तनाव अधिक होने की वजह से होती है। ऐलो वेरा चिकनाई से भरपूर होता है। साथ ही आयुर्वेद की दृष्टि से यह हमारे वात दोष को सही करता है और हमारी कब्ज की समस्या को दूर करता है। कब्ज की शिकायत जिन्हें है वे रोज सुबह 2 से 3 चम्मच ऐलो वेरा का जूस समान मात्रा में पानी मिलाकर पीएं। इसे सुबह खाली पेट पीना सही रहेगा। दो से तीन महीने इसका सेवन करने से फायदा मिलेगा।
4. मधुमेह में फायदेमंद
मधुमेह या डायबिटीज की समस्या हमारे खाने के सही से न पचने और वात की मात्रा शरीर में बढ़ने से होती है। ऐसे में ऐलो वेरा हमारे शरीर में रक्त शर्करा या ब्लड ग्लुकोस की मात्रा में संतुलन लाता है और इन्सुलिन के स्तर में सुधार लाता है। ऐलो वेरा हमारे शरीर में आमा के स्तर को भी नियंत्रित करने में मददगार होता है। इसके लिए आप सुबह खाली पेट 2 से 3 चम्मच ऐलो वेरा का जूस पानी की बराबर मात्रा के साथ लें। अगर आप डायबिटीज की दवाईयां भी ले रहे हैं तो इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
5. अवसाद को भगाए दूर
हमारे शरीर में फ्लेवोनोइड्स और एमिनो एसिड्स की मात्रा अधिक हो जाने के कारण हम अवसाद के शिकार हो जाते हैं। आम भाषा में कहें तो हमारा मूड सही नहीं रहता और हम किसी भी काम को करना ही नहीं चाहते, जिसकी वजह से हमारी सोच व्यवहार और भावनाओं पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगर आयुर्वेद की मानें तो इसका एक कारण हमारे शरीर में वात की मात्रा अधिक होना भी हो सकता है, जिसकी वजह से हमारा तंत्रिका तंत्र सही से काम नहीं करता। ऐलो वेरा में वात की मात्रा को संतुलित करने के गुण होते हैं, जिससे आपको अवसाद से उबरने में मदद मिल सकती है।
6. कील-मुंहासों से दिलाए छुटकारा
ऐलो वेरा में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जिनकी वजह से कील-मुंहासों से छुटकारा मिलता है। इसी के साथ ऐलो वेरा हमारी त्वचा को भरपूर नमी भी प्रदान करता है। ऐलो वेरा में पस वाले दानों के उपचार और ठंडक का भी गुण होता है, जिसकी वजह से त्वचा पर खुजली और जलन की समस्या से राहत मिलती है। इसके लिए एक चम्मच ऐलो वेरा जैल को आधा चम्मच हल्दी में मिलाएं और इसे चेहरे पर 20 से 30 मिनट के लिए लगा छोड़ दें। इसे साफ पानी से धो दें और तौलिये से सुखाएं। इसे सप्ताह में तीन दिन दोहराएं। आपको तीन महीनों में प्रभाव दिखने लगेगा।
7. रूसी को करे दूर
ऐलो वेरा सिर में रूसी और बाल झड़ने की समस्या से भी हमें छुटकारा दिलाता है। ऐलो वेरा में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल के कारण हमारी सिर के त्वचा की परत सेहतमंद हो जाती है। इसके लिए आप 4 से 5 चम्मच ऐलो वेरा जूस में 1 चम्मच नींबू का रस और 2 चम्मच जैतून का तेल मिलाएं। अब इससे अपने सिर की मालिश करें। 30 से 35 मिनट इसे लगा छोड़ दें। कम रसायनों वाले शैम्पू से अपने बाल धोएं। अच्छे परिणाम पाने के लिए आप इस प्रक्रिया को एक सप्ताह में तीन बार दोहरा सकते हैं।
8. झुलसी हुई त्वचा पर करे काम
तेज धूप या जलने की वजह से हमारी त्वचा झुलस जाती है। ऐसे में ऐलो वेरा हमारी झुलसी त्वचा पर मरहम का काम करता है। इसमें जलन को कम करने के गुण होते हैं, जिसकी वजह से हमें ठंडक का एहसास होता है और हमारी त्वचा बहुत जल्द सामान्य होने लगती है। इसके लिए आप प्रभावित जगह पर ऐलो वेरा का जैल लगाएं।
9. छोटे-मोटे घाव करे सही
अगर आपको कहीं कट लग गया है या कहीं चोट के कारण घाव हो गया है, आप वहां ऐलो वेरा को लगाएं आपको जल्दी ही राहत मिलेगी। ऐलो वेरा में जलन और दर्द को दूर करने के गुणों के अलावा एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण भी हैं, जिसकी वजह से आपके घावों में संक्रमण की आशंका भी कम हो जाती है।
कितना करें एक बार में उपयोग:
- सेवन के लिए: जैल का 1/2 चम्मच वह भी किसी स्मूदी के साथ
- जूस: 2 से 3 चम्मच
- बालों के लिए: जैल का 1 चम्मच
- जूसः 4 से 5 चम्मच
- त्वचा के लिए: जैल का 1 चम्मच
- जूस: 2 से 3 चम्मच
कब न करें एलोवेरा का उपयोग:
- अतिसार की समस्या हो तो आपको ऐलो वेरा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इससे समस्या और भी बिगड़ सकती है।
- जिन्हें लहसुन या प्याज से एलर्जी हो, उन्हें भी ऐलो वेरा का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए।
- अपना दूध पिलाने वाली मां को ऐलो वेरा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- डायबिटीज की दवाओं का सेवन करने वाले रोगियों को ऐलो वेरा का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए।
- ऐलो वेरा गर्भाश्य के संकुचन की क्रिया को बढ़ा सकता है, इसलिए गर्भावस्था में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।