फिलहाल आप अपने बच्चे को दूध के अलावा सामान्य तौर पर तरल या अर्थ तरल भोजन जैसे की खिचड़ी, दलिया, सूजी की खीर इत्यादि ही खिला रह होंगे। लेकिन इस समय आपके बच्चे इतने बड़े हो चुके हैं कि वे अपने परिवार के बाकी सदस्यों की तरह कुछ भी खा सकते हैं। 17 माह के बच्चे को क्या-क्या और कैसे खिलाया जाए, आइए जानते हैं।
17 माह का बच्चा क्या खा सकता है और क्या नहीं? यह सवाल अक्सर माता-पिता को परेशान करता है। इसके अलावा हम बच्चे को कितना खिलाएं और क्या-क्या खिलाएं, जिससे उसके पोषण की सभी जरूरतें पूरी हो जाएं, ये भी महत्वपूर्ण सवाल हैं। बच्चों के विकास के शुरुआती दिनों में जरूरी है कि उन्हें सभी प्रकार के विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन्स और वसायुक्त भोजन करवाया जाए। ऐसे में हम विभिन्न प्रकार के आहार को उनकी दिनचर्या में शामिल कर सभी पोषण तत्व उन्हें दे सकते हैं।
बच्चा क्या-क्या खा सकता है:
हमारी आपकी तरह 17 माह का बच्चा सब कुछ खा सकता है। माता-पिता होने के नाते हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि न खाने या कम खाने की वजह से हमारे बच्चे का वजन या भूख या उसका शारीरिक विकास नहीं रूक रहा हो।
इस उम्र का बच्चा एक दिन में दो से तीन बार दूध पीने के अलावा तीन समय का भोजन और बीच-बीच में स्नैक्स भी मांगता है। सुबह नाश्ते से पहले दूध पिलाएं।
1. नाश्ता में
जितना जरूरी हम बड़ों के लिए नाश्ता करना है, उतना ही जरूरी शिशुओं के लिए भी है। नाश्ता दिन का पहला भोजन होता है, तो कोशिश कीजिए कि इसमें आप उन्हें जरूरी पोषण के साथ स्वाद भी भरपूर दें।
- विकल्प 1: मुलायम और छोटा सा आलू का परांठा
- विकल्प 2: रागी डोसा चटनी के साथ
- विकल्प 3: ब्रेड वेजिटेबल सैंडविच
- विकल्प 4: दूध में कॉर्नफ्लैक्स सूखे मेवे और ताजे फलों के टुकड़ों के साथ
- विकल्प 5: सूची का उपमा
2. फलों और सलाद के रूप में स्नैक्स में
जितना जल्दी आप बच्चों को फलों से रू-ब-रू कराएंगे, उतनी ही जल्दी आपको उनके पोषण को पूरा करने में सहायता होगी। आमातौर पर डॉक्टर दिन में दो मौसमी फल खाने की सलाह देते हैं, पर चूंकि अभी बच्चा छोटा है तो आप उसे पूरे दो फल नहीं खिला सकते। लेकिन आप फलों के टुकड़े काट कर उन्हें फ्रूट चाट या सलाद के रूप में फल और सब्जियां दोनों ही खाने को दे सकते हैं।
3. दोपहर या रात का भोजन में
दोपहर या रात को भोजन आमतौर पर हमारे घरों में दाल, सब्जी, रोटी और चावल के रूप में ही परोसा जाता है। आप अपने छोटे बच्चे को यह सभी चीजें खिला सकते हैं, बस ध्यान रहे कि ये चीजें मुलायम हों, उसके गले में न फंसे और साथ ही इनमें मसाल भी अधिक न हों।
- विकल्प 1: दाल, एक मुलायम रोटी घी लगी हुई, थोड़ा सा दही और सूखी सब्जी
- विकल्प 2: दाल-चावल, सूखी सब्जी
- विकल्प 3: पनीर की सब्जी के साथ रोटी घी लगी हुई
- विकल्प 4: हरी सब्जी के साथ रोटी घी लगी हुई और
- विकल्प 5: दक्षिण भारतीय व्यंजन जैसे डोसा या इडली
- विकल्प 6: दाल और सब्जियों वाली खिचड़ी
- विकल्प 7: सीताफल या लौकी की सब्जी के साथ रोटी घी लगी हुई
4. शाम के लिए स्नैक्स में
- विकल्प 1: उबला हुआ अंडा
- विकल्प 2: सूप या दाल का पानी
- विकल्प 3: ब्रोकली, बेल पेपर्स, जुकिनी, कॉर्न्स जैसी सब्जियों को हल्का सा सौते कर के उनमें नमक और काली मिर्च डालें
- विकल्प 4: पनीर के टुकड़ों पर नमक और काली मिर्च
- विकल्प 5: दही और ताजा फलों से तैयार की गई स्मूदी
कैसे खिलाएं बच्चों को:
आमतौर पर माएं हमेशा इस बात को लेकर परेशान होती हैं कि मेरा बच्चा तो कुछ खाता ही नहीं है। ऐसे में आपको इन तरीको को अपनाना चाहिएं।
1. स्वाद में लाएं बदलाव
अगर बच्चे को कोई स्वाद पसंद नहीं आ रहा तो आप उसे एक ही डिश या व्यंजन अलग स्वाद के साथ परोसें।
2. अनाज बदल-बदल कर खिलाएं
आमतौर पर बच्चे बार-बार एक ही प्रकार का अनाज भी खा कर ऊब जाते हैं। ऐसे में आप उन्हें अनाज में बदलाव जैसे कि कभी-कभी गेंहू के आटे की जगह चावल या बाजरे के आटे की रोटी भी बनाकर खिला सकते हैं।
3. हर सप्ताह कुछ नया बनाएं
बड़ों के साथ बच्चों को भी बदलाव पसंद आता है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा खाने का चोर न बनें तो आप हर सप्ताह कुछ नया जरूर बनाएं।
4. कुछ दिनों बाद फिर से खिलाएं
जरूरी नहीं है कि आज जो आपके बच्चे को पसंद नहीं आया, वो उसे चार-पांच दिन बाद फिर से पसंद नहीं आएगा। अक्सर हम ऐसी चीजों को पहली बार में नकार देते हैं। आप कुछ दिनों बाद फिर से उसी चीज को दोबारा बच्चे को परोंसे, जिसे वे एक बार पहले खाने से मना कर चुका हो।
5. अच्छा वसायुक्त भोजन कराएं
बच्चों के लिए वसा बहुत जरूरी है। सूखे मेवे, नारियल, ऐवाकाडो वसा के अच्छे स्रोत हैं। इसके अलावा आप बच्चों को मक्खन-घी भी जरूर खिलाएं। आप इतने छोटे बच्चों को सूखे मेवे बच्चों को सीधे खाने के लिए नहीं दे सकते, इसीलिए बादाम, काजू आदि देने से पहले उन्हें पीस लें।
6. प्राकृतिक मीठा दें
चीनी या उससे बनी चीजें इतने छोटे बच्चों को कम से कम देनी चाहिए, क्योंकि ये उनकी सेहत के लिए ठीक नहीं है। अगर आपका बच्चा मीठा खाना ही चाहता है तो उसे प्राकृतिक मीठा दें। गुड, शहद और फलों का सेवन करने दें।
7. मसालेदार खाना न दें
बच्चों को मसालेदार खाना नहीं देना चाहिए। उनकी अंदरूनी हिस्से बहुत ही नाजुक होते हैं। तेज मसालों के सेवन करने से उनके पेट या सीने में जलन और कब्ज की समस्या भी होने लगती है।
बच्चे क्यूं करते हैं खाने से मना:
बच्चे खाना नहीं खाना चाहते तो उसके कुछ कारणों का पता लगाना, हम माता-पिता के लिए बहुत जरूरी है।
- अगर बच्चा लंबे समय से खाने में आना-कानी कर रहा है तो आपको डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। हो सकता है कि बच्चे में एनिमिया या कोई दूसरी समस्या भी हो सकती है, जिसके लिए डॉक्टर की सलाह से उसके खून की जांच भी करानी चाहिए।
- हो सकता है कि बच्चा मसूड़ों या दांत की किसी समस्या के कारण भी खाना नहीं खाता या सिर्फ मुलायम खाना खा रहा है तो यह भी एक संकेत है कि उसे कोई समस्या हो रही है।
- बच्चे का पेट भरा होना भी बहुत बड़ा कारण है। अक्सर हम माता-पिता इस बात की अनदेखी कर देते हैं कि बच्चे ने अभी कुछ समय पहले ही दूध पिया होता है। ऐसे में उन्हें दोबारा बहुत जल्दी भूख नहीं लग सकती।
- बच्चों को अनाज की वजह से भी समस्या होती है। कुछ बच्चों को गेंहूं से भी समस्या होती है। ऐसी स्थिति में आप उसका अनाज बदल दें और अगर फिर भी यह समस्या रहती है तो आप उसका फूड इन्टॉलरेंस टेस्ट (food intolerance test) कराएं।
हर बच्चे के लिए कितना खाना और क्या खाना चाहिए, इसके मानक अलग-अलग हो सकते हैं। यह उसके मन और मूड पर निर्भर करता है, आप उसे जबरदस्ती कुछ भी नहीं खिला सकते या आपको खिलाना नहीं चाहिए। न ही कैलोरीज को इससे जोड़ कर देखना चाहिए। बस आपको ध्यान इतना रखना है कि उसके शारीरिक विकास पर इसका कोई प्रतिकूल या नकारात्मक प्रभाव न हो।
क्लीनिकल न्यूट्रीशनिस्ट (Clinical Nutritionist) इशी खोसला से बातचीत पर आधारित।